उप तहसील कार्यालय मोहगांव के कार्य से आमजन परेशान हर कार्य के बदले देना पडता है चुकाना पड़ता है सेवा शुल्क…

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला आज भी 19 वी सदी में है और सरकारी कार्यालयों में सालों से अंगद के पैर की डटे बाबुओं ने अपना राज चला रहे है। और जो भी ग्रामीण अपना काम चाहते है तो वह पहले सरकारी कार्यालयों में पदस्थ बाबूजी से मिलते फिर कहीं जाकर साहब से बात होती है या फिर उन्हें बाबू जी सब समझा बुझा कर आगे का रास्ता दिखाते है और आज हर सरकारी दफ्तर में सालों से जमे बाबू राज चल रहा है जो उनकी सेवा शुल्क देता है उनका कार्य समय मे होता है नही तो गरीब दफ्तरों के चक्कर ही लगाते नजर आते है और अगर बाबू जी चाह ले कि ये अपनी सेवा शुल्क नही दिया है तो ढेर सारे आढंगे आ जाते है। वही दूसरी ओर मंडला जिले में भ्रस्टो और भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड है जो आये दिन इन भ्रस्टो पर जबलपुर की लोकायुक्त की टीम ओर आर्थिक अपराध अन्वेषण व्यूरो की टीम कार्य वाही करती है इसके बाद भी इन भ्रस्ट तंत्र में बेठे जिम्मेदारो को जरा भी अपनी बेज्जती या नोकरी जाने का डर नहीँ दिखाई पड़ता है बल्कि इन्हें ये लगता है तो वह रिश्वत खोर था तो पकड़ा गया हम नही है और हमे कोई नही देख रहा है पर जिले की दरिया दिल वाली जनता इन्हें माफ कर अपना काम इन्हें सेवा शुल्क देकर करवा कर आगे बढ़ती है और इन के बीबी बच्चों पर दया कर शिकवा शिकायत नही करती है।
आपको बता दें कि जिला मंडला के अंतर्गत आने वाली विकास खंड मोहगांव के उप तहसील कार्यालय के कार्यों से क्षेत्र के आमजन परेशान हैं, वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यंहा सिर्फ पैसे बालों कि बात सुना जाता है, गरीबों के लिए यंहा कोई नियम कानून नहीं है,इसके अलाबा तहसील में बैठे बाबू एवं पटवारी आदी हर कार्य के बदले पैंसों कि मांग करते हैं और अगर आप सम्बंधितों को पैसा नहीं दिए तो कंही ना कंही आपका काम लटका दिया जाएगा,चाहे आप उस कार्य के लिए पूरी तरह से पात्र क्यों ना हों,और अगर आप तहसील के बाबू को अच्छा पैसा दें तो वो बडे से बडे काम कर देतें चाहे बह गलत ही क्यों ना हो,उप तहसील कार्यालय मोहगांव से ऐंसे दर्जनों मामले सामने आए हैं,और अब फिर एक गरीब के साथ तहसील कार्यालय मोहगांव के जिम्मेदारों के द्वारा अन्याय किए जाने का मामला सामने आया है,विकास खंड मोहगांव के ग्राम पंचायत उमरिया निवासी- भोजलाल यादव ने ग्राम पंचायत उमरिया सरपंच एवं तहसीलदार मोहगांव के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया कि,ग्राम पंचायत उमरिया सरपंच के द्वारा मेरे पट्टे कि जमीन पर कांक्रीट रोड का निर्माण कर मुझ गरीब एवं मेरे परिवार के साथ बहुत बडा अन्याय किया गया है,जबकी रोड निर्माण कार्य सुरू होने के पूर्व मेरे द्वारा सम्बंधित जमीन कि मूल दस्तावेज लेकर तहसीलदार महोदय मोहगांव से अपने जमीन पर होने बाले कांक्रीट रोड निर्माण को रोकने का गुहार लगाया था किंतू,तहसीलदार महोदय के द्वारा सिर्फ – पेशी के बाद पेशी दिया जा रहा है,और बंहा मेरे पट्टे कि जमीन पर कांक्रीट रोड का निर्माण हो गया,अब पीड़ित अपने जमीन कि दस्तावेज लेकर न्याय कि आस लिए तहसील कार्यालय का चक्कर काट रहा है।

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