दूसरों के ऑसू पोंछने वाले की ऑखों में ऑसू देख आक्रोशित हुए स्थानीय लोग फौजी का मकान तोडने गई टीम को लौटना पडा वापस..
रेवांचल टाईम्स – मंडला जय हिन्द वन्दे मातरम का नारा बुलन्द करने वाले फौजी को लोगों के पैर पडते नहीं देखा गया होगा। विगत दिवस एक फौजी के मकान को तोडने गई प्रशासन की टीम से स्थ नीय लोग यह कहते हुए कि हम मकान नहीं तोडने देंगे और जेसीबी मशीन के सामने भीड खडी हो गयी जिससे टीम को लौटना पडा। आपको बता दें कि मणीपुर के असम रायफल में तैनात सुखचैन मरावी द्वारा अपनी पत्नि पुष्पा मरावी के नाम से पटवारी हल्का नंबर 57 बिंझिया शांतिनगर में वर्ष 2010 में खसरा नंबर 8/1/3/1/1/1/1 रकबा 0.29 हे. भूमि कृय किया गया था। जिसमें राजस्व विभाग से सीमांकन कराकर मकान का निर्माण कराया गया है। किन्तु एक फौजी परिवार अपने मकान निर्माण के साथ से ही परेशान हो रहा है। दरअसल निर्मित मकान के पीछे राकेश चौरसिया के परिवार के मकान हैं और फौजी की पत्नि के नाम की खाली पडी भूमि 15×30=450 वर्गमीटर पर तार की फेंसिंग कर कब्जा करने का आरोप लगाया गया था। जिसका मामला तहसील कार्यालय में पंजीबध्द हुआ था और दिनांक 13.04.2023 को कब्जा हटाने का आदेश पारित कर कब्जा अलग कराया गया। तभी से विवाद गरमाया हुआ है। कानूनी दॉव पैंच आरोप प्रत्यारोप का दौर अभी तक जारी है। शनिवार की दोपहर में प्रशासन की टीम पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन सहित फौजी के ही मकान को तोडने पहुंच गई। यह देख फौजी एवं उसकी पत्नि व बच्चों की ऑखों में ऑसू भरे रहे। इस दौरान स्थानीय महिला पुरूषों द्वारा मीडिया की मौजूदगी में जेसीबी मशीन के सामने खडे होकर कहा कि मकान सहीं जगह बना है नहीं तोडने देंगे। अंतत: प्रशासन को लौटना पडा। ये समझ के परे है कि राजस्व विभाग के द्वारा सीमांकन करने के बाद फौजी द्वारा मकान बनाया गया है फिर वही विभाग क्यों उक्त मकान को तोडना चाहता है। मौके पर पॅहुचे अधिकारियों ने बताया कि न्यायालय का आदेश है। इस पूरे मामले को लेकर फौजी सुखचैन मरावी ने बताया कि वीरेन्द्र चौरसिया जो कि निवास में संविदा कर्मी है वह राकेश चौरसिया बन कर अनेक स्थानों में झूठी शिकायत करके मेरे स्वामित्व की भूमि को हडपने की नियत से दबाव बना रहा है जबकि मेरे पास पूरे दस्तावेज हैं। मामले की जानकारी फौजी के उच्चाधिकारियों को भी है मिली जानकारी के अनुसार जिला स्तर पर भी इस विषय को लेकर हाई प्रोफाईल मीटिंग हो चुकी है। अब देखना होगा कि देश की रक्षा में अपने प्राण गवाने के लिए तत्पर रहने वाले इस फौजी का मकान बचता है कि तोड दिया जायेगा।