देश सेवा में लगे पुलिसकर्मी रणजीत ने रक्तदान कर बचाई गर्भवती महिला की जान

जागते रहो ग्रुप खून का रिश्ता ग्रुप का 1906 वा रक्तदान पूर्ण

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रेवांचल टाईम्स – जिला छिंदवाड़ा में आपातकालीन स्थिति पर किसी भी जरूरतमंद पीड़ित मरीज को किसी भी जगह पर रक्त लग रहा तो उसे केवल एक ही नाम याद आता है जागते रहो ग्रुप खून का रिश्ता ग्रुप.
जिले के सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया द्वारा बनाया गया यह समूह जो कि बिगत 13 वर्षों से नि:स्वार्थ भावना से निरंतर मानव सेवा, गौ सेवा, बेटी बचाओ एवं पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में राष्ट्रहित, सामाजहित उत्कर्ष कार्यों को निरंतर कर रहे हैं। समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने बताया कल संध्या के वक्त एक फोन आया और उन्होंने फोन पर जानकारी दिया कि जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में एक गर्भवती महिला एडमिट है। जिसका तत्काल ऑपरेशन कर डिलीवरी करना जो की महिला का हीमोग्लोबिन 6.5 है और ऐसी स्थिति में उसे तत्काल बी पॉजिटिव रक्त लग रहा है। महिला का पति रक्तदान देने गया तो उसके शरीर कि हालात देखकर ब्लड बैंक वालों ने रक्तदान लेने से मना कर दिया और महिला के साथ कोई भी नहीं है.. समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने तत्काल अपने से जुड़े हुए व्यक्तियों एवं खून का रिश्ता ग्रुप के रक्तदाताओं को फोन करना प्रारंभ किया जिसमें देश सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मी जागते रहो ग्रुप खून का रिश्ता ग्रुप के सक्रिय रक्तदाता रंजीत राजपूत छिंदवाड़ा निवासी को अवगत करवाया। रणजीत उस समय पर अपने रोहना घर पर थे उन्होंने आग्रह को सहर्ष स्वीकारते हुए तत्काल जिला अस्पताल ब्लड बैंक पहुंच कर अपना अमूल्य बी पॉजिटिव रक्त स्वैच्छिक रक्तदान कर जच्चा एवं बच्चा के प्राण बचाने में सहयोग प्रदान किया।

समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने जिले के सभी नागरिकों से विनम्र अपील किया है यदि आपको किसी भी जरूरतमंद पीड़ित मरीज को रक्त लगने की सूचना प्राप्त हो तो तत्काल अपना हाथ आगे करके रक्तदान करें। रक्तदान एक बहुतही अच्छा पुनीत पावन कार्य है इसे केवल मनुष्य ही कर सकते हैं। 18 वर्ष की उम्र से लेकर के 65 वर्ष तक की उम्र में आप रक्तदान वर्ष में चार बार कर सकते हैं। इस प्रकार आप जीते जी 188 जिंदगियां अपने इस माटी के तन से बचा सकते हैं।
छिंदवाड़ा से जितेंद्र अलबेला की रिपोर्ट

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