शहर में नकली और मिलावटी दूध की नहीं हो रही जांच, दर्जनों डेयरी, नगरपालिका व फूड सेफ्टी के अफसर हुए ग़ायब..

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, नगर में नकली और मिलावटी दूध का कारोबार चरम पर है। सख्त कानून के बाद भी दूध बनाने के लिए खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण हर उम्र के लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
एक अनुमान के मुताबिक शहर में छोटी- बड़ी लगभग दर्जनों प्राइवेट दूध डेयरी हैं।
कई दूध डेयरी संचालक बड़ी चालाकी से नकली दूध बनाने का गोरखधंधा कर रहे हैं। नकली दूध के असली दूध के बराबर दाम वसूल रहे हैं।
ये कारोबारी पशुपालकों से इसलिए दूध नहीं खरीदते हैं कि उन्हें मुनाफा कम होता है, इसलिए नकली दूध बनाकर लोगों की सेहत के साथ साथ खुल्लमखुल्ला खिलवाड़ किया जा रहा हैं।
वही खाद्य एवं औषधि विभाग एवं नपा द्वारा जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। यही वजह है कि मिलावटखोरों के हौसले बुलंदी पर हैं।
नकली दूध के सेवन से बच्चों का हार्मोनल ग्रोथ उम्र से अधिक हो रहा है। लोग पेट संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
चिकित्सको की मानें तो युवाओं में डिप्रेशन का बहुत बड़ा कारण बीमार गाय व भैंस का दूध का सेवन करना है। ऐसे जानवरों को ऑक्सीटॉक्सिन इंजेक्शन देकर दूध निकाला जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग व खाद्य सुरक्षा अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।

नकली यानी सिंथेटिक दूध में यूरिया, डिटर्जेंट व फैट के लिए वनस्पति मिलाई जाती है।

वही नकली और मिलावट दूध पीना काफी खतरनाक होता है और इससे बीमारियां हो सकती हैं। मिलावट वाला दूध पीने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा होता है।
मिलावटी दूध पीने से हड्डियां कमजोर होती हैं और केमिकल से आंतों और लीवर को नुकसान पहुंचता है।
दूध में केमिकल मिलाने के अलावा पानी मिलाने की भी समस्या है। इसकी जांच के लिए सबसे पहले दूध की 2-4 बूंद किसी पत्थर पर गिराएं। दूध गिरते ही बहने लगे तो समझ जाइए कि उसमें पानी मिला है, जबकि असली दूध धीरे-धीरे बहता है और निशान छोड़ता है।

क्या कहते है एक्सपर्ट्स

मिलावटी दूध का अपना एक स्वाद होता है और असली दूध का स्वाद हल्का सा मीठा होता है। जबकि, नकली दूध में डिटर्जेंट और सोडा मिला होता है। इस वजह से मिलावटी दूध का स्वाद कड़वा हो जाता है।
कुछ डेयरी संचालक दूध में हाइड्रोजन पराक्साइड नामक कैमिकल डाल देते हैं, इससे दूध में झाग अधिक दिखाई देता है, लोग समझते हैं कि शुद्ध दूध है, जबकि ऐसा नहीं होता है, जबकि उससे दूध फटता नहीं असली दूध का रंग उबालने के बाद भी बदलता है, जबकि नकली दूध उबालने के बाद हल्का पीला होने लग।

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