एसडीम द्वारा कलेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंपने पर बीएमओ पर गिर सकती है गाज,

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रेवांचल टाइम्स – स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ के हटते ही समुचित व्यवस्थाओं में हो सकता है सुधार नरसिंहपुर आशीष साहू गोटेगांव स्थानीय विगत दिवस बीते लंबे समय से सुर्खियों मे बना हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की जांच पूर्ण कर एसडीएम द्वारा कलेक्टर को सौंपी जा चुकी है । जांच रिर्पोट सौंपे जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने योग्य होगा । वही लोगो द्वारा कयास लगाये जा रहे है कि नियमों की अनदेखी तथा लापरवाह बीएमओं को हटाया जावेगा । कलेक्टर को सौंपी गई जांच रिपोर्ट मे कर्मचारियों द्वारा लगाये गये आरोपों को भी अंकित किया गया हालांकि सूत्रों की माने तो बीएमओं के साथ अन्य कर्मियों पर भी गाज गिर सकती है ।


एसडीएम ने सौंपी जांच रिपोर्ट
शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोटेगांव मे अनियमित्ताओं की शिकायत जिला प्रशासन के समक्ष की गई थी जिसकी जांच कलेक्टर द्वारा एसडीएम गोटेगांव देवंती परते को सौंपी गई थी । शिकायत मरीजों के उपचार और नगरवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शुरूआत की गई थी, लेकिन यहां पर जमें अधिकारियों की लचर ढुलमुल रवैया के चलते अब सामुदायिक केन्द्र में लगातार विसंगतियां देखी जा रही है। आये दिन विवादों में रहने के कारण और बीएमओ की मिल रही शिकायत के बाद जांच कराई गई । एसडीएम द्वारा की गई जांच के बाद अब कयास लगाए जा रहे है, कि बीएमओ पर गाज गिरनी तय है।


कर्मचारी और अधिकारी छलकाते है जाम
यहां पर व्याप्त विंसगतियों का आलम ये है, कि अस्पताल में पदस्थ कर्मचारी एम्बुलेंस चालकों के साथ मिल बैठकर शराब का सेवन करते देखे जाते है। शराब पीकर अस्पताल परिसर में हंगामा भी होता रहता है। विगत रात भी ऐसी ही घटना फिर उस समय घटित हुई, जब अस्पताल कर्मचारी कमलसिंह ठाकुर, पिता दलसिंह ठाकुर, व एंबुलेंस चालक मदन दुबे अस्पताल में छलका रहे थे, जिसके बाद आपसी कहा सुनी हो जाने पर दोनों ही शराबियों में अस्पताल में इतना जमकर तांडव किया, कि पुलिस को हस्तक्षेप करते हुए दोनों पर मामला कायम कर दिया था। वही इस बात की जानकारी लगने पर सीएमएचओ ने भी दोनों पर निलंबन की कार्रवाई की है।
बीएमओ की अनदेखी से पनप रही आपराधिक गतिविधियां
गोटेगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जहां मरीजों के उपचार और नगरवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए शुरूआत की गई थी, लेकिन यहां पर जमें अधिकारियों की लचर ढुलमुल पूर्ण रवैया के चलते अब यहां आने वाले मरीजों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। विगत दिनों जहां प्रसूता और नवजात बच्ची की मौत की खबर ने अस्पताल प्रशासन पर सवालियां निशान खडेघ् किए थे, वही मृतका के पति ने भी बीएमओ पर अस्पताल के बजाये अपने क्वार्टर में निजी मरीजों को देखने का आरोप लगाया था। इस बीच पीड़ित पति लगातार बीएमओ के क्वार्टर में जाकर अपनी गंभीर हालत हो चुकी पत्नी को देखने की गुहार लगाता रहा। लेकिन जब हालत ज्यादा बिगड़ी तो अस्पताल में मौजूद नर्स ने उससे कोरे कागज पर दस्तख्त करवाकर उसको जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एक घंटे से उपर हो जाने के बावजूद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी। इस लेट-लतीफी के कारण लगातार प्रसूता ने हो रहे रक्तस्त्राव के कारण उसकी मौत हो गई थी। पति ने इसकी शिकायत कलेक्टर सहित सीएमएचओ और मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में भी की है।
एएनएम ने लगाए गंभीर आरोप
विगत दिनों जहां बीएमओ अपनी तानाशाही पूर्ण रवैया से गोटेगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लगातार सुर्खियों में बना हुआ था, वही एएनएम के विवाद के चलते स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई थी, तभी तो एएनएम ने बीएमओ एसएस धुर्वे पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीएमओ बदले जाने की शिकायत पर कलेक्टर शीतला पटले ने तत्काल गौर करते हुए गोटेगांव एसडीम को स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त अनियमिताओं एवं भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे। कलेक्टर का आदेश के पालन करते हुए एसडीएम देवंती परते ने अपनी जवाबदारी निर्वहन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर विभागीय अधिकारी कर्मचारियों से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किए जाने के उपरांत जांच रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर महोदय को सौंप दी है रिपोर्ट सौंपे जाने के उपरांत आम नागरिकों द्वारा यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव की मतगणना के उपरांत आचार संहिता समाप्त होते ही बीएमओ के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही हो सकती है!

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