ओपन क्लोज के साए में ग्राम पिंडरई सट्टे के खेल में रोजाना लग रहे लाखों के दांव पिण्डरई में खुलेआम चल रहा काला कारोबार पुलिस और प्रशासन उदासीन

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रेवांचल टाइम्स मंडला – नैनपुर (पिंडरई) थाना नैनपुर में सट्टे का सुपड़ा साफ होता दिख रहा हैं लेकिन नैनपुर थाने के ग्राम पिंडरई चौकी में अभी भी चल रहा सट्टे का कारोबार। कलयुग के जमाने में अगर पैसा कमाने के लिए भी ऐसा ही रास्ता मिल जाए तो किसे रास नहीं आता। वैसे भी कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की कामना हर वर्ग के लोगों की रहती है। शायद यही कारण है कि पिण्डरई जैसे छोटे से नगर में बड़ी संख्या में लोग सट्टे का जाल में फंसते जा रहे हैं। इससे और किसी को फायदा हो या नहीं, लेकिन इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के जरूर वारे-न्यारे हो रहे हैं। नगर में मुख्य रूप से बाजार चौक,में सट्टे (मटका) का कारोबार खुलेआम चल रहा है, जिसने मुख्य रूप से युवा वर्ग को अपनी चपेट में ले रखा है।आलम यह है कि पिण्डरई में सुबह से शाम तक खुलेआम चल रहे इस अवैध कारोबार को लेकर कोई भी जिम्मेदार कार्रवाई तक करने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह कारोबार न सिर्फ लगातार बढ़ता जा रहा है, बल्कि माया रूपी चमक को देखकर इसकी चपेट में आने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। यूं तो इसके प्रति ज्यादातर युवा लोग ही आकर्षित होते हैं, लेकिन कई ऐसे वरिष्ठ लोग भी शामिल हैं, जिन्हें इसकी लत लग चुकी है। ऐसे में वे इस बार न सही अगली बार के चक्कर में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा इसमें बर्बाद कर रहे हैं। जबकि दूसरी ओर उनके परिवार एक-एक पैसे को मोहताज होकर दुख झेल रहे हैं।

सट्टा को युवाओं ने बनाया है प्रोफेशनल ओपन क्लोज का मकड़ जाल में फस रहे युवा
पहले के दौर में जुआ या सट्टा खेलना या खेलते हुए पकड़े जाना सामजिक तौर पर बुरा माना जाता था, परन्तु आज के युवाओं ने इसे अपना प्राफेशन बना लिया है। इसके चलते नगर में न सिर्फ सट्टा खेलने वालों की, बल्कि सटोरियों की तादाद भी बढ़ती ही जा रही है। नगर के एजेन्टों ने पहले तो नगर के सूनसान इलाकों से शुरुआत की और बाद पैर पसारते हुए अब नगर के व्यस्त क्षेत्रों तक पहुंच चुके हैं।नाम ना प्रकाशित करने की शर्त में सटोरियो ने पत्रकार संवाददाता को बताया कि इन सट्टा किंगो ने नगर के युवाओं को अपने जाल में इस कदर फंसा रखा है कि वे अपने पास रुपए नहीं होने पर उधार लाकर भी सट्टे में लगाते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर रोजाना नए लडक़े आकर सट्टे में अपना भाग्य आजमाते हैं। एक बार कोई लडक़ा सट्टे में जीत जाता है तो वह अपने साथियों को भी यहां पैसा लगाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे यहां हर दिन ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
पुलिस और सट्टा किंगो की सेटिंग चल रहा अबैध कारोबार
सूत्रों की माने तो सट्टा किंगो के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं।पिण्डरई में खाईवाल लंबे समय से सट्टा संचालित कर रहे हैं। पुलिस और सट्टा किंग की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार नगर सहित आस पास के अंचल में पुरी तरह से चरम पर है। सट्टा किंगो ने भी गांव व नगर में अपना-अपना क्षेत्र बंटा हुआ है। एक दूसरे के क्षेत्र में कोई दखल नहीं देता है। राजनैतिक पहुंच और पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुले आम नगर में संचालित हो रहा है। पुलिस और सट्टा किंगो की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने ये सट्टा किंग अपने गुर्गों के नाम हर महीने एक-एक प्रकरण बनवा देते हैं। ऊपर बैठे अफसरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है। जबकि वास्तव में ये सांठगांठ का एक पहलू होता है। सवाल ये है कि जब पुलिस हर महीने सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर उनसे पूछताछ कर खाईवालों तक क्यों नहीं पहुंच पाती।

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