एक मात्र झरने का पानी पीकर बुझाते हैं प्यास बैगा बाहुल्य गांव के लोग
रोड निर्माण को लेकर जनसुनवाई फिर पहुंचे कठईडीह बहराटोला के बैगा जनजाति ग्रामीण
दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला वैसे तो घुघरी विकासखंड के अंतर्गत कठईडीह के बहराटोला बैगा बाहुल्य गांव में यहां के वासिंदों की बिजली ,पानी, रोजगार,आवास,शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी तरह तरह की मूलभूत समस्याओं की भरमार है। जिनका आंशिक समाधान गांव तक पहुंच मार्ग के बन जाने से संभव हो सकता है।बता दें कि लगभग तीन किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ रोड को सुचारू आवागमन के योग्य बनवाने की मांग को लेकर बहराटोला के दर्जनों बैगा बाहुल्य ग्रामीणों को मंगलवार को फिर से जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर के हाथों आवेदन देना पड़ा है।इसके पहले भी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को आवेदन निवेदन कर चुके हैं। बावजूद किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं हो सकी है।आवेदन लेकर पहुंचे ग्रामीणों का कहना है,कि उनके गांव में जीवन यापन करने की अनगिनत मूलभूत समस्याएं हैं, परंतु यहां तक पहुंचने के लिए लगभग तीन किलोमीटर का ऐसा कच्चा रास्ता है जो इतना ऊबड़-खाबड़ भी है,कि पैदल, साइकिल,दोपहिया चारपहिया वाहन तो दूर मवेशियों को भी आने जाने में भारी समस्या जाती है।
ऊबड़-खाबड़ पथरैल रास्ते में रोज रोज चलने के कारण मवेशियों में खुर का रोग हमेशा लगता रहता है।प्रायमरी कक्षा पास करके मिडिल स्कूल पढ़ने बच्चों को गांव से दूर दूसरे गांव इसी दूभर रास्ते से होकर आना-जाना करना पड़ता है।जिसके कारण बहुत बार तो बच्चे स्कूल ही नहीं जा पाते हैं या फिर स्कूल जाना ही बंद कर देते हैं।गांव के बच्चे इसी कारण से पढ़ाई लिखाई आगे तक नहीं कर पाते हैं।ग्रामीणों को गंभीर रोग बीमारी हो जाने पर गांव तक कोई वाहन या एंबुलेंस भी नहीं बुलाया जा सकता। मकान निर्माण करने या कोई बजनदार सामग्रियां भी घरों तक पहुंचाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।गांव के विकास कार्यों को पूरा करने मैटेरियल भी नहीं पहुंचाया जा सकता।तीन किलोमीटर में लगभग डेढ़ किलोमीटर चढ़ाव है।यह घाटी वाले कच्चे रास्ते की मिट्टी मुरुम बारिश के पानी के तेज बहाव से साल में कईयों बार घुलघुलकर बह जाता है,और पैदल चलने लायक भी नहीं बचता है।जिसको गांव वाले हफ्तों तक श्रमदान करके सुधारते जैसे तैसे चलने लायक बनाते हैं।यह काम हर बार जब जब भी बेमौसम बारिश आती है इसके बाद करने को मजबूर होना पड़ता है इस तरह ग्रामीणों का विकास किसी भी क्षेत्र में नहीं हो पाने के पीछे मुख्य कारण यह ऊबड़-खाबड़ सड़क है।जिसको जल्द ही बनवाने की मांग ग्रामीणों ने की है।जिस पर एक दो महीने के अंदर पूरा करने का आस्वासन विभागीय अधिकारियों ने दिया है।