कुछ साल पहले बनी करोड़ो की कांक्रीट सड़क जगह-जगह से फटी लंबी दरारें…
रेवांचल टाईम्स – करोड़ों की लागत से बनी सिहोरा-मझौली सी सी रोड का मामला 19 किलोमीटर सडक में आठ-दस जगह बने ब्लैक स्पाॅट, दुर्घटना के शिकार हो रहे वाहन चालक
वही जानकारी के अनुसार करीब चार साल पहले बनी सिहोरा से मझौली कांक्रीट रोड जगह-जगह से फटने लगी है। वही दो ट्रैकों के बीच गैप भी लगातार बढ़ गया हैं। जिससे आये दिन घटना दुर्घटना का अंदेशा बना रहता हैं, वही सिहोरा से मझौली के बीच करीब आठ से दस स्थान पर तो सड़क धंस गई है। पटरियों के बीच लगातार बढ़ रहे गैप के कारण दो पहिया वाहनों के टायर फंसने से चालक रो हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ संबंधित ठेकेदार और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी हाथ पैर हाथ धरे बैठे हैं जबकि यह रोड अभी गारंटी पीरियड में है।
जहां कराई मरम्मत वहां भी आ गई दरारें
यातायात को सुगम बनाने के लिए करोड़ों की लागत से मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम ने लगभग चार साल पहले कांक्रीट रोड बनाई थी। गर्मी और बारिश के बीच सड़क पर दरारें आ गई हैं। दोनों ट्रैकों के बीच गैप बढ़ने से छोटे वाहन साइकिल, मोटरसाइकिल एवं ऑटो रिक्शा के टायर फंसने से चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। दरारों को भरने के लिए इसके पहले ठेकेदार ने कुछ काम किया था लेकिन इस मरम्मत की जगह पर दरारें और फट गई और साथ ही ट्रैक पर गैप भी बढ़ गए हैं।
लगातार दुर्घटनाग्रस्त होकर घायल हो रहे लोग
बीते एक सप्ताह के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के इस सड़क पर गैप और दरारों के बीच टायर फंसने से दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। सिहोरा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ चौक कार्यक्रम में शामिल होने सिहोरा से मझौली जा रहे थे। मोटरसाइकिल का टायर गैप के बीच में फंसने से वह मोटरसाइकिल सहित गिर पड़े उनके बच्चे और पत्नी को गंभीर चोटें आई। यह स्थिति क्रमशः आए दिन इस सड़क पर बना रही है।
ठेकेदार और अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
करोड़ों रुपए की लागत से बनी यह सड़क अभी गारंटी पीरियड में है इसके बावजूद मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारी और इंजीनियर के साथ-साथ ठेकेदार सड़क की मरम्मत को लेकर कोई भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इनका कहना है कि…
सिहोरा से मझौली रोड में जगह-जगह दरारें और गैप आने की जानकारी मुझे लगी है। जहां भी गैप और दरारें हैं उनमें सुधार का कार्य जल्दी शुरू किया जाएगा।
आरएस चंदेल,
महाप्रबंधक एमपीआरडीसी