संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं ने मनाया संस्कृत दिवस वेद पूजन और राखी बंधन का हुआ आयोजन
रेवांचल टाईम्स – मंडला, संस्कृत सप्ताह के शुभ अवसर पर चतुर्थ दिन संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं ने मंडला जिला मंत्री के घर में संस्कृत दिवस मनाया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने एक विशेष कार्यक्रम रखा, जिसमें वेद पूजन और राखी बंधन प्रमुख रहा। संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं ने सर्वप्रथम अपने-अपने घरों में वेदों का पूजन कर अपने भाइयों को राखी बांधी और संस्कृत भाषा के महत्व को समझा। वेद पूजन के बाद कार्यकर्तागण जिला मंत्री के घर पर एकत्रित हुए और एक दूसरे को राखी बांधी और परस्पर प्रेम और स्नेह का आदान-प्रदान किया।
इस दौरान संस्कृत भारती शिक्षण प्रमुख नीता तिवारी ने कहा कि संस्कृत दिवस का त्यौहार हमें संस्कृत भाषा और संस्कृति की महत्ता को समझाता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर है और इसका प्रचार-प्रसार करना हमारा कर्तव्य है।
संस्कृत दिवस का महत्व –
श्रावण पूर्णिमा अर्थात रक्षाबंधन ऋषियों के स्मरण व पूजन तथा उनके समर्पण की आराधना का पर्व माना जाता है। वैदिक साहित्य में इसे श्रावणी कहा गया है। इस दिन गुरुकुलों में वेदों के अध्ययन से पहले यज्ञोपवीत पहनाया जाता है। इस संस्कार को उपनयन या उपाकर्म संस्कार कहते हैं। पुराना यज्ञोपवीत भी इसी दिन बदला जाता है। पुरोहित यजमानों को रक्षा-सूत्र भी बांधते हैं। ऋषियों को संस्कृत साहित्य का मूल स्रोत माना जाता है, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को ऋषि पर्व और विश्व संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है
ये रहे उपस्थित –
इस बीच संस्कृत भारती के विभाग संयोजक प्रमोद शुक्ल, जिला मंत्री, विनोद कोरी, राजकुमार सोनी, हेमंत सारथी, नीता तिवारी, सुशीला ज्योतिषी, अनंता कोरी, कृतिका चौबे, उत्कर्ष तिवारी, आकाश कछवाहा, राहुल उराव, राहुल बरमैया, गगन श्रीवास, आनंद ज्योतिषी उपस्थित रहे। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा संस्कृत भाषा को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।