अजब गजब का फर्जीवाड़ा मटेरियल सप्लायर बेच रहे कूलर और ट्यूबलाइट..

बिना जी.एस.टी के बिल लगाकर कर रहे भुगतान ऐजेन्सी वह भी जनपद पंचायत के जिम्मेदारो की मौन सहमति से...

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रेवांचल टाइम्स मंडला- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मंडला जिले में वैसे तो अनेक अनियमितता देखने मिलेगी कहीं कागजों में सड़क निर्माण तो जमीन में नहीं कहीं पूर्ण गुणवत्तापूर्ण अमृत सरोवर लेकिन जमीन पर बह चुके हैं, लेकिन इनकी जानकारी जिला प्रशासन को देने वाले अधिकारी कर्मचारी पहले अपना हिस्सा बटोरकर जांच पर लीपापोती कर प्रतिवेदन भेज देते हैं।

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही नया मामला तहसील मुख्यालय घुघरी की जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत डूंडादेई का आया हैं जहां पर विगत दिनों मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बीते दिनों नोटिस देकर बिना निर्माण किये गए आहरण की वसूली के लिए दिया था लेकिन आज भी डूंडादेई ग्राम पंचायत में फर्जी बिलों का बोलबाला है, और ऐसे भ्रष्ट और भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच सचिव को मुख्यकार्य पालन अधिकारी संरक्षण देने के साथ मनमाने तरीके से बिल लगाने का अभयदान दिए जा रहे हैं, सब कुछ जनपद पंचायत घुघरी के अधिकारी कर्मचारी के आशीर्वाद से सरकारी धन में लूट मची हुई है, मनमाने तरीक़े से बिना निर्माण फर्जी फर्म फर्जी एजंसियों के नाम पर धड़ा धङ बिल लगाया जा रहा है और वह बिल भी कहीं धुंधले बिल तो कहीं मटेरियल सप्लायर बेच रहे कूलर पंखा आखिर ये फर्जीवाड़ा किसी भी तरह बंद नहीं हो रहा है..
वही केन्द्र सरकार ने पूरे देश में वर्ष 2017 से संपूर्ण भारत में जी.एस.टी की सुविधा चालू कर दी है लेकिन आज भी फर्जी बिल बाज टिन नंबर में बिल लगाकर राशि का आहरण करते नजर आते हैं..
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फर्जी बिल बाजों ने जी.एस.टी नंबर तो ले लिया है लेकिन आज तक जी.एस.टी रिटर्न भरा ही नहीं है जबकि फर्जीवाड़ा सभी पंचायत में खुलेआम चल रहा है..
वहीं जब रेवांचल की टीम ने कुछ ट्रेडर्स के संचालकों से बात की तो पता चला की वो केवल मटेरियल सप्लायर हैं, उनकी कहीं कोई दुकान नहीं है। पर उनके बिल लागातार ग्राम पंचायतों में बिल लगाना जारी है और इन सबके पीछे कही न कही जनपद पंचायत घुघरी में बैठें अधिकारी कर्मचारी की मॉं सहमति से ये सब बिल लग रहे है और जब मीडिया इन फर्जीवाड़े की ख़बरे प्रकाशित करती है तो जनपद से ग्राम पंचायत को जाँच के नाम पर खुली वसूली की जाने की जानकारी लग रही हैं।
वही नाम न छापने की शर्त में कुछ ग्राम पंचायतों के सचिव और सरपंचों के द्वारा यह बताया गया है कि नोटिस दी जाती है और जनपद में बुलाकर जांच करने की धमकी दी जाती है और कार्यवाही करने की बात करते करते डिमांड की जाती है और कहा जाता है कि आजकल तुम लोगो की बहुत शिकायते मिल रही है अगर जांच हो जाएगी तो जेल चले जाओगे सम्भल जाओ कुछ व्यवस्था बनाओ और जो भी बनाओगे जिला तक पहुँचाना पड़ता है सब को उनका अपना अपना हिस्सा पंहुचाना पड़ता है अगर नही देगे तो तुम जानो।

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