क्या वास्तव मे बिक जाएगा आलीराजपुर की शान कहे जाने वाली विरासत को बेचने के लिए बनी वसीयत पर क्षैत्र मे नाराजगी, सोशल मीडीया पर जमकर उठ रहे विरोध के स्वर
रेवांचल टाईम्स – आलीराजपुर के राजा स्व. कमलेन्द्र सिह की करीब 1000करोड की बेशकीमती सम्पत्ति पर लगी नजर,
संदिग्ध परिस्थिति की वसीयत के खिलाफ आपत्ति व एसपी को शिकायत दर्ज
आलीराजपुर के राजवाडे की पूकार बिक रही है आपके आलीराजपुर की शान।
आलीराजपुर की पहचान बचा सको, तो बचा लो ।
आलीराजपुर : अलीराजपुर की आन बान और शान कहे जाने वाला राजवाड़ा और रियासत कालीन सैकड़ों वर्ष की विरासत इन दिनो बदहाल अवस्था मे है। भव्य राजमहल और इससे जुड़ी ऐतिहासिक विरासत वाली भूमि पर साजिशकर्ताओं की नज़र लग गई हैं।
साथ ही ऐतिहासिक राजवाडे से जुड़ी हुई भूमि और भव्य महल पर पर अब भूमाफियाओ की नजर लगी हूई है। क्षेत्र के लोग जिसे अपने नगर की शान मानते है अब उनके नगर की शान को किसी नजर लग गयी है पिछले कई दिनो से सोशल मीडीया पर इसकी खनक सुनने को मिल रही है बताया जा रहा है की आलीराजपुर के राजा कमलेन्द्र सिह (बाबजी ) के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप मे गूजरात के बारीया स्टेट के तुषार सिह आलीराजपुर के स्व. राजा कमलेन्द्र सिह की सारी सम्पतियो का नामांतरण करवा कर उसे अपने नाम करवाना चाहते है। जिसके लिए उनके लोगों ने तहसील मे नामांतरण की प्रक्रिया चालू कर दी है। इसकी भनक लगने के बाद आलीराजपुर नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष और पत्रकार विक्रम सेन ने आलीराजपुर रियासत की क़रीब 1000 हजार करोड़ की रियासत कालीन सम्पतियो का येन केन प्रकारेण तरीके से नामांतरण कराने वाले लोगो की जानकारी सोशल मीडिया में सार्वजनिक की हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 29- 30 मार्च 1996 की दरम्यानी रात को हिज हाइनेस सर सुरेंद्र सिंह जी महाराज साहब का निधन हुआ था और 3 मार्च 2002 को इनकी संपत्ति पर स्व. श्री कमलेंद्र सिंह महाराज ने नामांतरण करवाया था, परंतु इन कथित उत्तराधिकारी रिश्तेदार ने छह हफ़्ते भी नहीं होने दिए स्व. श्री कमलेंद्र सिंह महाराज के निधन के और वाया वाया अपने साथियों से वृद्ध, असहाय, बीमार, विस्मृती वाले महाराज कमलेंद्र सिंह जी से तथाकथित अपंजीकृत वसीयत द्वारा संपत्ति के नामांतरण का प्रकरण दर्ज करा कर आपत्ति भी कागजातो में ही जारी करवा दी। इस वसीयत में सभी ऐतिहासिक संपत्ति को बेचने और उसके शेयर में महाराज साहब के निजी पीए को देने जैसे अनेक संदिग्ध बिंदु लिख लिए गए हैं जो की गौरवशाली राजशाही अतीत के श्रीमंत कमलेंद्र सिंह 87- 88 वर्ष की उम्र में ऐसा कतई नहीं लिख सकते थे। राजशाही की संपत्तियों को बेच खाने की कभी भी वे सहमती नहीं देते थे। स्व. महाराज कमलेंद्र सिंह जी के वास्तविक रक्त संबंधी परिजनों ने इस पर आपत्ति प्रस्तुत की, साथ ही इस पर अपना हक जताते हुए इन राजशाही की संपत्तियों को सुरक्षित रखने या प्रशासन के कब्जे में लेने हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन दिया हैं।
क्या संदिग्ध वसीयत के नामांतरण पर वास्तव मे बिक जाएगी आलीराजपुर की ऐतिहासिक धरोहर
आलीराजपुर का हृदय स्थल कहे जाने वाला राजवाड़ा पैलेस सहित अनेक महत्वपूर्ण स्थानों के बिकने का वसीयत में लिखा होने से जागरूक नागरिक गण चिंतित हैं। यह मामला इन दिनो सोशल मीडीया की सुर्खियो मे बना हूआ है कहा जा रहा है की राजवाड़ा बिक रहा है इस तरह की बहस सोशल मीडीया पर चल रही है जिसको लेकर आम जनता के मन मे ये सवाल उठ रहा है की क्या वास्तव मे आलीराजपुर की शान कहे जाने वाला राजवाडा अब बिक जाएगा अलीराजपुर की पहचान इस राजवाडे से है ओर अगर भूमाफियाओ पर इसकी नजर लग गयी है तो इसे रोकने के लिए आलीराजपुर की जनता को आगे आना चाहिए क्योकी ये जो रराजवाड़ा, फतेह क्लब और प्रतापभवन है, ये नगर की पहचान ओर आलीराजपुर की शान है इस पहचान को बचाने के लिए सभी को एक मुहिम चलाना चाहिए नगर की जनता चाहे तो नगर की इस ऐतिहासिक धरोहर को बचा सकती है
तहसील मे नामांतरण के खिलाफ लगी आपत्ति
जब इस बात की भनक लगी की करीब 1000 हजार करोड़ की बेशकीमती सम्पत्ति को ठिकाने लगाने की योजना चल रही है तो सोण्डवा के जागीरदार भगवती प्रताप सिह रराठौड़ ने तहसील मे इस नामांतरण के खिलाफ आपत्ति दर्ज करवाई है उन्होने कहा के स्व. राजा कमलेन्द्र सिह जी की करीबी है इस सम्पत्ति पर उनका भी हक है, करीब एक हजार करोड की सम्पत्ति पर नजर जमाए बेठे बारिया के तूषार सिह जिनका मूल निवास बिहार हैं, उनके नाम से करीबी लोगो ने फर्जी तरीके से गुप चुप नामांतरण कराने की योजना बनाई है। आवेदक का कहना है की मै स्वर्गीय महाराज कमलेंद्र सिंह जी के रक्त वश का होकर सगा सबंधी हू तथा मेरा भी इस सम्पत्ति मे हक ओर हिस्सा वैधानिक तौर पर बनता है जो मूझे मिलना चाहिए, इसलिए मैं इस नामांतरण मे चल रही कार्यवाही पर आपत्ति दर्ज करा रहा हू।
एसपी को भी सौंपा आवेदन
इस संबंध मे आलीराजपुर एस पी साहब को भी इस संदिग्ध वसीयत की जॉच और आवेदन देकर दोषी पाए जाने वाले आरोपियों के खिलाफ़ कड़ी कारवाई की मांग की है।