ब्लॉक मुख्यालय में ही दम तोड़ती जल जीवन मिशन

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले के विकास खण्ड नारायणगंज में केंद्र सरकार की अति महत्वाकांछी योजना जल जीवन मिशन जिसके तहत हर घर जल पहुंचना था, जहा पर मंडला के ब्लॉक मुख्यालय नारायणगंज में ही दम तोड़ती हुई नजर आ रही है। यहां पर आज दिनांक तक लोगों को घरों में टोंटी से पानी नहीं मिल रहा है, जबकि यहां काम 2023 में ही पूरा होकर आम जनता तो को शुद्ध जल प्राप्त कराना था परंतु पीएचई विभाग की उदासीनता के चलते और ठेकेदार को अपनी मनमर्जी चलाने देने वाली मंशा से यहां जल जीवन मिशन का बंटाधार हो रहा है।

बैगाटोला में बनी हुई है पानी की परेशानी,

नारायणगंज के बैगा मोहल्ला में आज तक जल जीवन मिशन का पाइप तक नही बिछाया गया है, जबकि ठेकेदार को पीएचई विभाग के कहने पर खैरी ग्राम पंचायत द्वारा संप बनाने हेतु जगह एक साल पहले ही दे दी गई थी , वहीं जानकारी अनुसार सम्प का कार्य भी अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है। जबकि पीएचई विभाग द्वारा बोर भी काफी समय पहले ही करा दिया गया है, परंतु संबंधित ठेका कंपनी कार्य पूर्ण नहीं कर रही।

नारायणगंज में भी नहीं मिल रहा पानी,

वही नारायणगंज मुख्यालय की भी है, वहां पर तो विभाग द्वारा बोर काफी समय पहले ही करा दिया गया है और साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा टंकी निर्माण हेतु जगह भी आवंटित कर दी गई है परंतु संबंधित ठेका कंपनी ने आज दिनांक तक कोई भीकार्य मुख्यालय में नहीं किया गया है। जिससे आधे से ज्यादा गांव को पानी आसानी से नसीब नही हो रहा है।

ठेकेदार पर मेहरबान है विभाग,

वही, इतना लंबा समय व्यतीत हो जाने के बाद भी ठेका कंपनी द्वारा कोई ठोस कार्य नहीं किए जाने के बाबजूद उस पर काला सूची में नाम शामिल करने की कार्यवाही हो जानी थी और साथ ही ठेका निरस्त कर नया ठेका जारी हो जाना था परन्तु पीएचई विभाग द्वारा किसी भी तरह की कोई भी ठोस कार्यवाही आज दिनांक तक नही की गई है, बल्कि खानापूर्ति के लिए नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारियों से इतर इतिश्री कर ली जाती है।

बैगाओं के हित का भी नहीं है, ध्यान

वही केंद्र और राज्य सरकारें बैगाओ के लिए जन मन और न जाने कितनी योजनाएं चला रही हैं, परन्तु पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी जब इन विशेष पिछड़ी जन जातियों को वो भी ब्लॉक मुख्यालय में तक आसानी से नसीब न हो तो आप तमाम चलती योजनाओं की जमीनी हकीकत का अंदाजा स्वयं ही लगा सकते हैं।

कलेक्टर बदले पर काम हुआ शून्य

वही जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन का का कार्य पूर्व कलेक्टर सलोनी सिडाना के समय से ही शुरू होना था और ठेका शर्तों के अनुसार एक साल के भीतर की समयावधि में काम खत्म होकर लोगों को नलों से पानी मिल जाना था परंतु सालों बाद भी काम के नाम पर शून्यता ही है। इसके विपरीत विभाग को भी कोई खास रुचि नहीं है कि बैगा एवं अन्य लोगों को पानी नलों से मिल सके।

पीएचई मंत्री रह चुकी यहां से जिला सदस्य,
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश सरकार में पीएचई मंत्री इसी छेत्र से जिला पंचायत सदस्य जीत कर अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी और अब उन्हीं के पूर्व के इस छेत्र के हालात ऐसे हैं कि उनके ही विभागीय कार्य भारी मात्रा में अधूरे पड़े हैं। इस पर लोगों ने अपनी राय देनी भी शुरू कर दी है कि जब मंत्री जी अपने ही जिले में अपने ही विभाग की योजनाओं का लाभ बैगाओं और अन्य लोगों को नही दिला पा रही हैं तो पूरे प्रदेश की क्या स्थिति होगी?

वही ठेका एजेंसी के साथ अधिकारियों की भी हो जिम्मेदारी तय – आम लोगों का अब मत है कि सरकार की इतनी महती योजना को भी ठेका कंपनी बिना अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के बट्टा नही लगा सकती, इसमें अधिकारियों की भूमिका और नियत की भी जांच होनी चाहिए और सालों बाद भी कार्य न करने वाली ठेका कंपनी पर कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की गई इस पर अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही होनी चाहिए।

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