प्रधान अध्यापिका की मनमानी से बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा है खिलवाड
नही हुई जांच फिर पहुँचे ग्रामीण जन सुनवाई में
रेवांचल टाइम्स मंडला जिले के आंगनवाडी केन्द्र और स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिये शासन प्रशासन के द्वारा अच्छी शिक्षा व्यवस्था सुचारू एवं सुगम बनाने के लिये गांव गांव में स्कूल भवनो का निर्माण कराया गया है ताकि बच्चे शिक्षित हो सके इसके लिये सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिये प्रयासरत है शिक्षक देश के भविष्य निर्माता कहे जाते हैं परंतु कुछ शिक्षक अपने दायित्वों को भूल जाते हैं और लापरवाही बरतने लगते हैं ऐसे शिक्षकों के ऊपर जब ग्रामीणों के द्वारा आरोप लगाये जाते है फिर भी ये शिक्षक अपनी आदतों में सुधार नहीं लाते जिससे शिक्षा का स्तर गिरने लगता है। नैतपुर विकास खंड शासकीय प्राथमिक शाला चरी में पदस्थ प्रधान अध्यापिका श्रीमति देवकी झरिया को हटाये जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों के द्वारा शिकायत की गई प्रधान अध्यापिका के मनमाने रवैये सही ढंग से नहीं पढ़ाना, समय पर स्कूल नहीं आना और समय से पहले स्कूल छोड़कर चले जाना उक्त अध्यापिका के द्वारा छात्र-छात्राओं के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिये 100-100 रुपये लिये गए। और पालक संघ के अध्यक्ष से खाली बिल बाउचरों में हस्ताक्षर के लिये दबाब बताया गया पूर्व में भी शंकुल पिंडरई में सूचना देकर उक्त अध्यापिका को हटाने की मांग की गई थी लेकिन राजनीतिक एवं प्रशासनिक पहुंच के चलते उक्त अध्यापिका को आज तक नहीं हटाया गया। ग्रामीणों द्वारा 181 में भी शिका- यत की गई जिसमें किसी प्रकार का निराकरण नहीं किया गया । दिनांक 10-1- 2024 को जन सुनवाई में आवेदन दिया गया था जिसमें अस्वासन दिया गया था कि जांच कर उचित कार्यवाही की जायेगी परंतु उक्त अध्यापिका पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई ग्रामीणों के द्वारा पुनः जनसुनवाई में आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की गई है