गर्मियों में ना करें इन चीजों का ज्यादा सेवन, हो सकता है भारी नुकसान

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गर्मियों का मौसम चल रहा है और गर्मियों में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। गर्मी के मौसम में स्वस्थ्य रहने के लिए शरीर के अंदरूनी अंगों का तापमान भी एक समान होना जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप उन चीजों को खाते हैं जो शरीर से पानी को चूस लेती हैं तो आपके लिए मुसीबत पैदा हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी का मौसम पित्त दोष के लिए माना जाता है। लेकिन कुछ फूड पित्त दोष को बढ़ा देते हैं। पित्त दोष से बचने के लिए शरीर को ठंडा रखना जरूरी है। इसीलिए गर्मियों में अल्कलाइन और ज्यादा पानी वाले फूड खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।

फ्राइड फूड:
गर्मियों के दिनों में ज्यादा तली-भुनी चीजें खाना भी नुकसान का कारण बन सकती हैं। क्योंकि इन चीजों से शरीर में और ज्यादा हीट पैदा होती है। वहीं दूसरी ओर इसका डाइजेशन बहुत मुश्किल से होता है। डाइजेशन के दौरान पानी की बहुत जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप इन चीजों को खाते हैं तो पानी की समस्या पैदा हो सकती है। इससे गैस और ब्लॉटिंग के अलावा यह स्किन को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है।

आइस्क्रीम:
आइस्क्रीम का नाम सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो रहा हो कि इससे शरीर में पानी की मात्रा आखिर कैसे कम हो सकती है। क्योंकि लोग प्यास लगने पर कई बार आइसक्रीम भी खा लेते हैं। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक आइस्क्रीम में बहुत अधिक मात्रा में फैट, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन पाया जाता है। ये तीनों चीजें जब पेट के अंदर पचती हैं तो इस दौरान काफी हीट पैदा होती है। इसलिए इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है।

हॉट ड्रिंक्स:
गर्मियों के दिनों में चाय, कॉफी का ज्यादा सेवन करना भी नुकसान का कारण बन सकता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि इससे पित्त दोष होता है। वहीं एलोपैथ में बताया गया है कि चाय-कॉफी से गैस और ब्लॉटिंग की समस्या बढ़ जाती है।

मीट का सेवन:
इसके अलावा गर्मियों में मीट खाना भी नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि मीट को पचने में बहुत मुश्किल होता है वहीं अगर गर्मी में इसका ज्यादा सेवन कर लिया जाए तो पेट पर बहुत अधिक दबाव पड़ने लगता है जिसके कारण डाइजेशन संबंधी दिक्कतें आने लगती है। मीट में बहुत अधिक फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है, इसलिए यह बॉडी को गर्म कर देता है। इसके साथ ही गर्मियों के दिनों में ज्यादा मसालेदार खाना खाने से भी बचना चाहिए। क्योंकि मिर्च में कैप्साइसिन कंपाउड पाया जाता है जो पित्त दोष को बढ़ाता है। साथ ही मिर्च का ज्यादा सेवन बॉडी को गर्म भी करता है।

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