15 दिनों तक रोज भिगोएं मुठ्ठीभर बादाम और फिर देखें कमाल

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सर्दियों में हेल्दी (Winter Health) रहने के लिए बहुत से लोग ड्राई फ्रूट्स में कच्चा बादाम खाते हैं. स्वास्थ्य लाभों से भरपुर, कुरकुरे और शानदार भूरे रंग के बादाम सिर्फ विटामिन और पोषक तत्वों का खजाना नहीं होते बल्कि खाना बनाने में भी इनका अलग आनंद है. भीगे हुए बादाम खाने के अपने फायदे हैं. सुबह के समय भीगे हुए बादाम खाने की सलाह दी जाती है.

ज्यादातर लोग बादाम को रातभर भिगोकर (Soaked Almonds) खाते हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. हालांकि अनजाने में ऐसे लोग भिगोए हुए बादाम से जुड़े कुछ फायदों को हासिल नहीं कर पाते हैं. यही बात भिगोई हुई दालों (Soaked Pulses) को लेकर भी लागू होती है. अगर दालों को भिगोकर सेवन किया जाए तो ये ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती हैं. बाते दें कि बादाम और दालें एनर्जी और प्रोटीन का पावर हाउस होती हैं. इन्हें खाने से आंखों, दिमाग और शरीर के कई अंगों को फायदा मिलता है.

बिना भिगोई दालें और बादाम कई बार समस्या भी पैदा कर सकती हैं. HealthifyMeके अनुसार कच्ची दालें और बादाम डाइजेशन सिस्टम से संबंधित परेशानियां पैदा कर सकती हैं. वहीं अगर इन्हें भिगोकर खाया जाए तो शरीर को कई बड़े फायदे मिल सकते हैं.

भिगोई बादाम, दालें खाने के फायदे
डाइजेशन – भिगोई हुई बादाम और दालें खाने को लेकर रिसर्च बताती है कि ये बिना भिगोई हुई दालों और बादाम के मुकाबले आसानी से डाइजेस्ट हो जाती हैं. दरअसल फलियों और नट्स में आसानी से न पचने वाले फाइबर मौजूद होते हैं और पानी में भिगोकर रखने से वे पानी में बाहर निकल आते हैं, जिससे इन्हें पचाना आसान हो जाता है.

फूड टेक्स्चर – दालों को पकाने से पहले उन्हें भिगोकर रखने से उनका टेक्स्चर काफी अच्छा हो जाता है. दालों को चमकदार और बढ़िया रंगत देने के लिए उन पर कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में दालों को भिगोकर रखने से कैमिकल हट जाते हैं. इसी तरह बादाम को भिगोने से ये काफी नरम हो जाती है और बुजुर्ग लोग भी इसे काफी आसानी से चबाकर खा सकते हैं.

कुकिंग टाइम – भिगोई बादाम और दालों को पकाने में ज्यादा समय नहीं लगता है. दालों को घंटों तक पानी में भिगोने से उनमें पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पकने के दौरान ये स्टार्च को तोड़ने जैसी केमिकल रिएक्शन को फास्ट कर देती है. वहीं दूसरी ओर दालों को अगर पानी में भिगोया नहीं जाए तो इन्हें बनाने में काफी वक्त लग जाता है.

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ब्लोटिंग – नट्स और फलियों को ज्यादा मात्रा में खाने से सूजन (ब्लोटिंग) की समस्या पैदा हो सकती है. ऐसा इन फूड्स में मौजूद ‘oligosaccharides’ की वजह से होता है. कई बार इन्हें बिना भिगोए खाने से पेडू में दर्द और सूजन हो सकती है. वहीं अगर बादाम और दालों को पानी में भिगो दिया जाए तो इसका रिस्क काफी कम हो जाता है.

 

मिनरल का अवशोषण – दालों, बादाम में काफी प्रोटीन होता है और जब इन्हें पानी में भिगोकर कुछ घंटों तक रख दिया जाता है तो इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स को हमारे ब्लडस्ट्रीम में अवशोषित होने में आसानी हो जाती है.

हेयर फॉल – कई लोग बालों के झड़ने से परेशान रहते हैं और इसके लिए बादाम खाते हैं. आप भी अगर ऐसा करते हैं तो भिगोई हुई बादाम आपको ज्यादा फायदा पहुंचा सकती है. भिगोई हुई दालें में फायदा करती हैं. इन्हें खाने से बालों को मजबूती मिलने के साथ ही नए बालों की ग्रोथ होने लगती है.

 

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