विकास की योजनाओं की निकली हवा ? अनाप-शनाप पैसा फूकने के बाद भी नहीं हुआ विकास

समस्याओं से परेशान हो रही मंडला जिले की जनता बेहोशी में जवाबदार...

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रेवांचल टाईम्स – मंडला’ आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला, आजादी के बाद से लेकर अब तक यूं तो विकास के नाम पर अनाप शनाप पैसा फूंका जा रहा है लेकिन आज भी विकास के कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। आज भी मध्यप्रदेश का मंडला जिला आदिवासी बाहुल्य होने के बावजूद भी विकास को तरस रहा है। यहां पर तमाम तरह के वे सभी विकास कार्य नहीं हुए जिनका होना जरूरी था विकास की मुख्य धारा से आज भी यह जिला नहीं जुड पाया है। लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिरकार विकास की गंगा आखिर यहां कब बहेगी ? इस जिले में विकास के नाम पर सिर्फ होली खेली गई है। हकीकत के धरातल में योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हुआ है यही वजह है कि यहां के नागरिक छोटी बड़ी सभी तरह की समस्याओं से आज भी जूझ रहे है। बिजली, पानी की समस्या से लोगों को अब भी परेशान होना पड़ रहा है। सड़कों की हालत जब देखो तब खस्ता हाल ही रहती है। सड़कों के नव निर्माण या मरम्मत कार्य के लिए इस जिले में विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए यहां के नागरिक सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से बहुत परेशान हैं। शिक्षा व्यवस्था यहां की बिल्कुल भी सही नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है और शिक्षक मुख्यालय में नहीं रह रहे हैं। अपडाउन की वजह से भी शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रहे है। शिक्षक स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं या नहीं इस बात की जांच पड़ताल भी नहीं की जा रही है। सरकारी स्कूल भवनों की हालत खस्ता होने के बावजूद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही हाल लगभग प्राईवेट स्कूलों के हैं। प्राइवेट स्कूलों की जांच पड़ताल सही तरीके से नहीं की जा रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था इस जिले में बेहद खराब स्थिति में है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने में ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। इसके साथ ही आयुर्वेेदिक औषधालयों को उपयोगी बनाने के लिए भी सही कोशिन नहीं की जा रही है। मंडला जिले में सभी सरकारी भवनों की हालत ज्यादा अच्छी नही हैै। क्षतिग्रस्त शासकीय भवनों की मरम्मत में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रधानंत्री पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत घोर लापरवाही बरती जा रही है। समय पर समूहों को राशन व राशि प्रदान नहीं की जा रही है। उद्योग, पर्यटन, विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन की हवा निकल गई है। इस मिशन अंतर्गत भारी धांधली किये जाने की चर्चा जोरों पर चल रही हैं। आज भी खुलेआम शौच किया जा रहा है। घटिया शौचालीय क्षतिग्रस्त हो गए हैं। शौचालयों की मरम्मत व नव निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और पूर्व में सरकार द्वारा इस जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। कृषि उद्यानिकी, वानिकी की योजनाओं का लाभ व्यापक स्तर पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इन विभागों के योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से इस जिले में नही होने की वजह से जरूरतमंद योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। ग्राम पंचायतों की मनमानियों पर नकेल कसने के लिए कोई परिणामकारी कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्राम पंचायतों के कार्यों को निनरीक्षा आदि भी संभवतः नहीं किया जा रहा है। गंदगी बीमारी बेरोजगारी निरक्षरता व धांधली जैसी समस्याओं को जड़मूल से समाप्त करने के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पाको/उद्यानों की हालत खस्ता है। नर्मदा तटों के विकास पर कोई जोर नहीं दिया जा रहा है। नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में सिर्फ धांधली की जा रही है। हकीकत के धरातल में इस योजना का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। साक्षर भारत मिशन के बेरोजगार शिक्षा प्रेरकों को कोई रोजगार नहीं दिया जा रहा है। अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ाने में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस तरह की लापरवाही छात्रावासों में भी की जा रही है। छात्रावासों में धांधली किये जाने की चर्चा जबरदस्त चल रही है। वृक्षारोपण और उसकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जन सुनवाई और सीएम हेल्पलाईन के कार्यक्रम जन उपयोगी नहीं बन पा रहे हैं। इन दोनों कार्यक्रमों के अंतर्गत शिकायतों व आवेदन पत्रों का सही निराकरण नहीं हो पा रहा है। राजस्व संबंधी समस्याओं का अंबार संपूर्ण जिले में लगा हुआ है। राजस्व कार्यालयों कों सक्रिय नहीं यिा जा रहा है। खजिल माफिया बेखोैफ प्रकृति के अनमोल खजाने की लूट कर रहे हैं। स्टोन क्रेशर जहां देखो वहां अवैध तरीके से चल रहे हैं। जल संरक्षण पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई तरह के अवैध कार्य यहां चल रहे हैं। सट्टा, जुआ व शराब का अवैध कारोबार बंद नहीं हो रहा है। सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन मंडला जिले में नहीं किया जा रहा है। सभी शासकीय विभागों द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन में घोट लापरवाही, मनमानी और धांधली की जा रही है। जल जीवन मिशन की योजना खटाई में पड़ गई है । अधिकांश ग्रामों में योजनाअंतर्गत कार्य पूर्ण नहीं किये जा रहे हैं। इसके अलावा तमाम तरह की समस्याएं मंडला जिले में मौजूद हैं ,जिनका निराकरण करने में शासन प्रशाासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। यहां के जन प्रतिनिधि और शासन प्रशासन के आला अधिकारी भी गंभीर लापरवाही का परिचय दे रहे हैं। यहां के नागरिक कह रहे हैं कि मोहन चैन की बंशी बचा रहे हैं और लोग समस्याओं से कराह रहे है।ं आखिरकार यह सबकुछ कब तक चला रहेगा लोग जानना चाह रहे हैं। जनापेक्षा है कि शीघ्र ही उक्त सभी समस्याओं का निराकरण किया जाए और इस जिले को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाए।

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