मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने लिया 17 मामले को संज्ञान में जिसमें मंडला जिले से 2दो मामले मंडला ज़िले के

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रेवांचल टाईम्स – भोपाल, मंगलवार 16 जुलाई, 2024 ’’17 मामलों में संज्ञान’’
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ’17 मामलों में’ संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
जिसमे 2 मामले मण्डला जिले के हैं। आयोग ने संबंधितों से जवाब मांगा है।

मण्डला -जिले के 2 मामले जो समाचार पत्रों मे प्रकाशित हुए थे जिसमें प्रथम दृष्टया मानव अधिकार का उल्लंघन है ऐसे मामले को संज्ञान मे लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। इस बात की जानकारी कार्यालय प्रभारी म. प्र. मानव अधिकार आयोग-मित्र, शिकायत प्रकोष्ठ शाखा मण्डला के वरूण विकास नीखर ने दी है।

दलालों का अड्डा बना जिला चिकित्सालय का ब्लड बैंक

मंडला जिले के जिला चिकित्सालय में दलालों द्वारा ब्लड बेचने क मामला सामने आया है। ब्लड बैंक एक ऐसा संगठन होता है जो ब्लड डोनेशन से बिना किसी शुल्क के ब्लड को गरीब, असमर्थ और अन्य आवश्यकताओं के लिए प्रदान करता है। लेकिन ब्लड बैंक में तो इसका उल्टा ही देखने मिलता है, यहां पर जरूरतमंदों को ब्लड मिलने की बजाय उसे ब्लड बेंचा जा रहा है और यह काम यहां पर सक्रिय दलालों के द्वारा किया जा रहा है। आए दिन कोई न कोई मामला इस तरह को देखने मिलता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते कुछ दिन पहले एक बुजर्ग महिला को अपनी पीड़ित बच्ची के लिए ब्लड की आवश्यकता थी, जो कि उसे रू.8000/- में प्र्राप्त हुआ। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ, मंडला से मामले की जांच कराकर स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित ऐसी सुविधा में तत्काल आवश्यक सुधार किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।

छत से टपक रहा पानी, बरामदे में लग रही कक्षा

मंडला जिले में बेहतर शिक्षा के लिए शासन, प्रशासन द्वारा अभियान चलाने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता का भी अवलोकन किया जाता है। लेकिन जर्जर शाला भवनों पर जिला प्रशासन की निगाहें नहीं जाती है। इन जर्जर भवनों से मासूम बच्चों की जान खतरे में बनी रहती है। यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर विकासखंड मवई के ग्राम अतरिया टिकराटोला में प्राथमिक शाला भवन जर्जर हो चुका है, जिसके कारण शासकीय प्राथमिक शाला टिकराटोला के शिक्षक बच्चों को भवन के बरामदे में पढ़ाने मजबूर है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, मंडला से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

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