सुंदर एजेंसी में कार्यरत मजदूर की हुई हत्या या मौत? बकहों नगर परिषद तय करती है मौत की कीमत
रेवांचल टाईम्स – चार लाख की राशि पर वाह वाही लूट रहा नगर परिषद बकहो का उपाध्यक्ष
स्ट्रीट लाइट खंभे के करंट लगने से हुई मजदूर की मृत्यु
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहडोल जिले के नगर परिषद बकहों अभी हाल ही में स्ट्रीट लाइट लगवाने का कार्य कराया गया है जिसमें शुक्रवार दिनांक 19/7/2024 को साप्ताहिक बाजार के दिन स्ट्रीट लाइट के लगे पूरे इलेक्ट्रिक खंभे में अचानक करंट आ गया जिसमें चंदा केवट चपेट में आ गया और उसकी दुखद मृत्यु हो गई बकहो क्षेत्र में समाजसेवी संजय सिंह और उनके साथियों के द्वारा जमकर विरोध किया गया रात्रि से लेकर दोपहर 4:00 बजे तक समाजसेवी संजय सिंह ने बताया कि हम लोगों ने अथक प्रयास किया जिससे परिषद बकहो के पदाधिकारी अध्यक्ष उपाध्यक्ष के कान में जूं रेंग उठी और ठेकेदार और उपाध्यक्ष मिलकर मौत का सौदा कर डाला कार्यवाही के डर से ठेकेदार ने सहायता राशि देने का बनाया जुगाड़ मदद के तौर पर नगर परिषद बकहो के पदाधिकारी के हाथों में दे दिया चार लाख की सहायता राशि*
जिसको बकहो क्षेत्र में ग्रामीण जनो और समाजसेवियो के सहयोग से ₹400000/- नगद की राशि ठेकेदार खंभे में कार्य कर रहे ठेकेदार सुंदर एजेंसी के द्वारा दिलाया गया
और यहीं से खेल शुरू होता है मौत के सौदागरों का जैसा कि उक्त लाइन से आपको ज्ञात हो रहा होगा कि एक गरीब मजदूर जो कि सुंदर एजेंसी नगर परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष अधिकारियों के लापरवाही के कारण अपनी जान गवा बैठा तो दूसरी ओर विरोध को देखते हुए उसके मौत का सौदा उपाध्यक्ष और सुंदर एजेंसी के मालिक ने तय कर दिया और वह सौदा था ₹400000 उसके परिवार को दिलाना
क्या किसी मजदूर की मौत पर उसकी कीमत लगाई जा सकती है यदि ऐसा वाक्या शहडोल जिले में हो रहा है तो निश्चित ही यह प्रशासन के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है और उनकी नाकामयाबी दर्शाता है कि यदि कहीं कोई गरीब मजदूर ठेकेदार की लापरवाही के कारण मौत का शिकार होता है तो यह प्रचलन में आ जाएगा कि उसके परिवार को कुछ पैसे देकर इस झमेले को शांत करके निपटा दिया जाए और मौत की कीमत लगाकर इति श्री भी कर लिया जाए यह सोचने का विषय है कि इतनी बड़ी घटना घटी तो इसमें घोर लापरवाही तो थी ही और ठेकेदार अपने पैसे का रौब दिखाते हुए मृतक के परिवार को मृत्यु की कीमत तय करने लगा बिश्वश्य सूत्रों से पता चलता है कि सुंदर एजेंसी का ठेकेदार जल्दी काम निपटाने के चक्कर में कार्य में लापरवाही बरतता था इसका खामी आजा गरीब मजदूर अपनी मौत से गुजर कर दिया ही और लापरवाही की हद तो देखिए की खंभे में जो लाइट लगाई जाती है उसका ऑन ऑफ बटन भी नीचे रखा हुआ था और जब कार्य प्रगति पर हो तो लाइन चालू करने का अधिकार किसी को नहीं है जब तक की किसी अधिकारी या ठेकेदार के द्वारा यह ना बता दिया गया हो कि काम बंद हो चुका है और देखा जाए तो इस लापरवाही में कहीं न कहीं सुंदर एजेंसी के मालिक का विशेष हाथ दिखाई देता है जो जल्दी काम करने के चक्कर में और उपाध्यक्ष के कमिशीन को जल्दी पूरा देने और उसको खुश करने के चक्कर में एक गरीब मजदूर की जान ले बैठा।
वहीं नगर परिषद बकहो का उपाध्यक्ष जो की मौत की कीमत सुंदर एजेंसी के ठेके द्वारा द्वारा तय कर लिया था वह ₹400000 मृतक के परिवार को ऐसे बांट रहा था जैसे वह ₹400000 मृतक से ज्यादा कीमती हो यह चर्चा क्षेत्र में अवश्य करते हुए लोग दिखाई पड़ रहे है।