राजस्व प्रकरणों को निराकृत करें, अभिलेखों को त्रुटिरहित बनाएं – श्री कूमट

समय-सीमा बैठक में प्रभारी कलेक्टर के निर्देश

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मंडला 22 जुलाई 2024

समय-सीमा एवं विभागीय समन्वय समिति की बैठक में सीईओ जिला पंचायत एवं प्रभारी कलेक्टर श्रेयांश कूमट ने निर्देशित किया कि सभी अधिकारी विभागीय गतिविधियों में प्रगति लाएं। लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि सुनिश्चित करें। राजस्व अभियान की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देशित किया कि 30 जून की स्थिति में लम्बित सभी प्रकरणों को नियमानुसार निराकृत करें। जिला योजना भवन में संपन्न हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर राजेन्द्र कुमार सिंह, समस्त एसडीएम तथा सभी विभागों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

 

काम्बेट टीमों को सक्रिय बनाएं

 

प्रभारी कलेक्टर श्री कूमट ने निर्देशित किया कि राजस्व न्यायालयों में लम्बित नामांतरण, बटवारा तथा सीमांकन के प्रकरणों का अभियान के दौरान निराकरण सुनिश्चित करें। राजस्व अभिलेखों में आवश्यकतानुसार सुधार करते हुए उन्हें त्रुटिरहित बनाएं। श्री कूमट ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि विकासखण्ड स्तर पर गठित काम्बेट टीमों को सक्रिय बनाएं, वरिष्ठ अधिकारी इन टीमों के सतत संपर्क में रहें। छात्रवृत्ति का वितरण जल्द पूरा करें। शालाओं में लक्ष्य के अनुरूप नामांकन सुनिश्चित करें। प्राप्त पुस्तकों का वितरण करते हुए उनकी ऑनलाईन एंट्री अगले 2 दिवस में पूरी करें। बैठक में सीएम हेल्पलाईन, जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान पंजीयन, आधार कार्ड, समग्र ईकेवाईसी आदि के संबंध में भी विस्तार से समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए गए।

 

हर बच्चे तक पहुँचे दस्तक अभियान

 

दस्तक अभियान की समीक्षा करते हुए प्रभारी कलेक्टर श्रेयांश कूमट ने निर्देशित किया कि अभियान के माध्यम से प्रत्येक घर-प्रत्येक बच्चे तक पहुँच करें। 5 वर्ष तक के बच्चों की जाँच करते हुए उनके आवश्यकतानुसार उपचार अथवा रेफर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। कुपोषित बच्‍चों को रोस्टर के अनुरूप एनआरसी में भर्ती कराएं। श्री कूमट ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से समीक्षा कर अभियान को परिणाममूलक बनाने के निर्देश दिए।

 

जल स्त्रोतों का उपचार करें

 

प्रभारी कलेक्टर श्रेयांश कूमट ने निर्देशित किया कि संबंधित विभाग जिले के सभी जल स्त्रोतों का उपचार करें। जल स्त्रोतों की सफाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। स्कूल एवं आंगनवाड़ियों में दिए जा रहे पानी की नियमित रूप से जाँच करें। सभी अधिकारी भी विभागीय भ्रमण के दौरान जल स्त्रोतों का निरीक्षण करें, यदि किसी कुएँ, तालाब, हेंडपंप आदि में क्लोरीनेशन होना नहीं पाया जाता है तो तत्काल सूचित करें। प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि जल स्त्रोतों के उपचार की जिम्मेदारी संबंधित निकाय की है।

समाचार क्रमांक/151/फोटो संलग्न

 

 

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