विधायक निधि की 12 लाख की पुलिया चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट
ग्राम मोचा में उपयंत्री, सरपंच और सचिव की सरपरस्ती में जमकर हो रहा काला-पीला
आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला में भ्रष्ट तन्त्र और भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि इन भ्रष्टों पर आए दिन जाँच एजेंसियां लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर की टीम आये दिन कार्यवाही कर रही है बावजूद इसके जिले में भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार की जड़ें नहीं हिल पा रही हैं और सरकारी धन में इस कदर लूट मचा रखी है कि लूट सको तो लूट लो सरकारी धन है।
इन दिनों प्रदेश सरकार गरीब जनता और पिछड़े क्षेत्रों में निवासरत लोगों के जीवन यापन के लिए सरकारी योजनाएं संचालित कर उन्हें काम और सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है, जिससे कि गरीबों की रोजी-रोटी चल सके एवं पलायन को रोक जा सके, पर जिले में सरकार से मिलने वाले धन पर ग्राम पंचायतों के द्वारा अपना अधिकार जमाते हुए उसे बंदरबांट कर रहे हैं, और उनके अधीनस्थ कार्य कर रही ग्राम पंचायतें और उनमें जो जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार करने का पूरा संरक्षण दिया जा रहा है। और ग्राम पंचायतों में जो सरकारी धन कि लूट मची है उसे रोकने वाला कोई नहीं है।
वही जिले में आज गरीब और गरीब हो रहा है और अमीर और तेजी से अमीर हो रहा है और गरीबों को अपनी परिवार के लालन पालन के लिए बड़े-बड़े जिले में जाकर मेहनत मजदूरी करना पड़ रहा हैं, जबकि सरकार ग्राम पंचायतों को इसलिए योजनाएं के माध्यम से राशि दे रही है कि स्थानीय ग्रामीण पलायन न करें और अपने ग्राम में ही रह कर अपने जीवन-यापन करें पर कुछ दलाल लालची और भ्रष्टाचारियों के कारण ये संभव नही होते दिख पड़ रहा है।
आदिवासी जिले की ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार ग़बन घोटाले पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम हो रहे हैं।
जिस कारण से आज बेलगाम सरपंच सचिव उपयंत्री और जनपद और जिला स्तर पर बैठे जिम्मेदारो से सांठगांठ कर सरकारी धन को अपना समझकर कर लूट मचा रहे हैं। घोटालेबाजों, और भ्रष्टाचारी पर जिम्मेदार अधिकारी केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति कर अपने जेब गर्म कर हुई शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं और अगर जाँच टीम के द्वारा ग़बन घोटाले भ्रष्टाचार सिद्ध कर भी दिया जाता है, तो उन गबनकारियों पर केवल नोटिश देकर या फिर रिकवरी कर पैसा जमा करने के आदेश कर खानापूर्ति कर दिया जाता पर वह राशि कब जमा की गई कब ली गई, ये जानकारी किसी को पता नही होता है, और उन भ्रष्टों को पुन: भ्रष्टाचार करने के लिये स्वतंत्र कर दिया जाता है। और वह भ्रष्ट सरपंच सचिव रोजगार सहायक, उपयंत्री, को खुला संरक्षण विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा दिया जा जाता है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के जनपद पंचायत भुआ बिछिया के अधीनस्थ आने वाली ग्राम पंचायत मोचा जो कि इंटरनेशनल पार्क कान्हा से लगी हुई है जिस जगह देश प्रदेश से लोग तो पहुँच ही रहे है पर विदेश से भी पर्यटकों की हर साल संख्या बढ़ती जा रही है और ऐसे में सरकार द्वारा प्रदाय राशि में जनहित का ध्यान न रख कर अपना निजी स्वार्थ ही सिद्ध किया जाए तो आदिवासी जिले का कैसे विकास होगा शायद जब जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और उनके कार्यकर्ता चहेते लोग ही पुल पुलिया सड़क स्टॉप डेम सी सी सड़क जैसे कार्य ठेकेदार बन कर करेगे और वह ठेकेदार बन गए है जो ठेकेदार का ठ का मतलब भी नही जानते है पर संरक्षण और कृपा पात्र होने के कारण आज खुलकर ठेकेदार बन बैठे है और सरकारी योजनाओं में हो रहे निर्माण कार्यो में जम के चुना लगा रहे है क्योंकि इनकी कोई जिम्मेदारी नही है जिम्मेदारी तो निर्माण एजेंसी की है और निर्माण एजेंसी तो पंचायत है पर ये ठेकेदार है जिन्हें ऊपर से भेजा गया हैं। पर लोग अब समझ चुके है कि वह कार्य कितने दिन तक चलेंगे पर बोलेगा कौन न सरपंच, सचिव एवं उपयंत्री कुछ कह सकते है न ही कुछ कर सकते है क्योंकि जो निर्माण एजेंसी पंचायत है और पंचायतों में काम आया तो इनका अधिकार नही है वह अधिकार केवल जनप्रतिनिधियों के चहेतों का होता है और भुगतें है ग्राम पंचायत जांच ग्राम के सरपंच सचिव और उपयंत्री क्योंकि प्रशासन की नजर में तो निर्माण एजेंसी पंचायत है पर पंचायतों पर कब्ज़ा जनप्रतिनिधि के कार्यकर्ताओं ने जमा रखा हुआ है और कही कही तो खुद जो चुनाव जीत कर आये हुए है जनपद सदस्य जिला पंचायत सदस्य या फिर उपसरपंच ही ठेकेदार बन कर ग्राम पंचायतों में ठेकेदार बन कर कार्य कर रहे है और खुल्मखुल्ला अपने बिल पंचायत दर्पण में लगा कर अनाप शनाप राशि की उगाही कर रहे जा जनता इन्हें अपना बहुमूल्य वोट इसलिए दी है कि वह इनकी समस्याएं जरूरत को समझे न कि उनके अधिकारों का हनन करे पर बेचारी जनता करे भी तो क्या जब हर डाल पर भ्रस्टाचार का उल्लू बैठा देख रहा है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले की जनपद पंचायत भुआ बिछिया काफी दिनों से अपने काज और ग़बन भ्रष्टाचार पद का दुरूपयोग के लेकर सुर्खियों में बनी हुई है और स्थानीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक जांच भी हो चुकी है पर भ्रस्टो को फर्क नही पड़ा है और आज भी भ्रष्टाचार सरकारी धन में ग़बन घोटाला जारी है जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दो जनपदों का कार्य भार संभाल रहे है और दोनों जनपदों में हुए भ्रष्टाचार ग़बन घोटाले कि जानकारी जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश स्तर तक पहुँच चुकी है पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी की हुई जांच में दोषी भी पाए गए पर जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर पा रही है इससे लोगो यह लगने लगा है कि ईमानदारी वाले कर्मचारी हमेशा ही परेशान हलकान होते रहते है औऱ जो सरकारी धन में मलाई झान रहे है वह आज साफ पाक बनकर खुलेआम घूम रहे हैं और इनके अधीनस्थ की ग्राम पंचायतों में भी सरकार द्वारा प्रदाय सरकारी धन में लूट मची हुई हैं।
वही जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मोचा जो कुछ दिनों से अपनी कार्य प्रणाली और ठेकेदारी प्रथा को बढ़वा दे रही जिस कारण से सुर्खियों में बनी हुई है। वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ग्राम पंचायत में हो निर्माण कार्यों को ठेकेदार के द्वारा ही किया जा रहा है जबकि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत ही है वावजूद इसके इस ग्राम पंचायत में खुलेआम ठेकेदार कार्य करते नजर आ रहे हैं वही ग्राम मानेगांव में विधायक निधि से वर्ष 2021 में स्वीकृत पुलिया जिसकी स्वीकृति लगभग 12 लाख बताई जा रही है उस पुलिया निर्माण कार्य मे खुलकर भ्रष्टाचार और सरकारी धन की होली खेली गई है। और स्टीमेट के विपरीत कार्य गुणवत्ताहीन कार्य कर के केवल नाले में एक ढांचा खड़ा कर दिया गया है, मापदंड के अनुरूप पुलिया बिना गुणवत्ता के बनाया गया है जो अब धीरे धीरे ढह रहा है।
वही जानकारो के अनुसार ग्राम मानेगांव में बनी पुलिया के बाढ़ के पानी मे टूटी पुलिया टूट कर फ़र्ज़ जर्जर हो गया है जिसका वीडिय सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ है जिसमे स्पस्ट नज़र आ रहा है कि आखिरकार किस कदर का भ्रष्टाचार 12 लाख की पुलिया में निमार्ण एजेंसी और ठेकेदार वकील ने आपसी तालमेल बनाकर किस कदर विधायक निधि में बनी पुलिया में भ्रष्टाचार किया गया, आज स्थानीय लोगो की मांग है कि जिस तरह से जनउपयोगी योजनाएं में भ्रष्टाचार किया जा रहा उनमें जिला प्रशासन अपने संज्ञान में ले और ऐसे भ्रस्टो पर सख्त कार्यवाही करे जिससे जनता के पेसो का सही क्रियान्वयन हो सके और वनांचल में रहने वाली ग्रामीण जनता को मुलभुत सुविधाएं मिल सकें। जनअपेक्षा है कि जिले की ईमानदारी मुखिया इस मामले को गंभीरता सर लेकर ठेकेदार ओर निर्माण एजेंसी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेंगी
इनका कहना हैं कि….
जानकारी लगी हुई कि पुलिया के कुछ खराब हो गया है जहाँ का हिस्सा खराब हुआ था उस जगह में अभी मिट्टी मुरम डाल कर बन्द कर दिया गया हैं।
नसरुद्दीन खान रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत मोचा
जानकारी लगी हुई है वह पुलिया मेरे कार्यकाल की नही है, और वह विधायक निधि से लगभग 12 लाख की से बनाई गई है दिखावा लेते है रास्ता न बन्द हो पाए ऐसी व्यवस्था बना दी जायेगी।
सरपंच मोचा खटिया मंडला