सीएम साहब बच्चो के भविष्य को नाग की तरह डस रहे शिछक, जन्म अष्टमी में ऐसा धमाका खिल उठे बच्चो का भविष्य

अतिथि शिछक का डंका बजा रैली निकाल नए नवेले तेजतर्रार कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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रेवांचल टाईम्स – मंडला प्रदेश के स्कूलों में नए शिक्षा सत्र के 2 माह बीत जाने किए बाद भी अतिथि शिक्षक भर्ती नहीं किये जाने से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो कर बेपटरी हो गई है, ज्ञात हो कि मा.शि.मं. ने अगले वस्ढ़ फरवरी माह में वार्षिक बोर्ड परीक्षा लेने की समय सरणी घोषित नही कर दी है और जिम्मेदार प्रशासन अभी तक कुम्भ्कर्नीय नींद कि आगोश में सो रहा है, 19 जून से शुरू हुआ शिक्षा सत्र अगस्त मेह बीत जाने कि कगार में है और उन विद्यालयों में जहाँ विषय के शिक्षक या रेगुलर शिक्षक नहीं होने से पढाई कि पूर्ण जिम्मेदारी अतिथि शिक्षकों के कंधो पर है वहां अभी कोर्स कि पढाई शुरू भी नहीं हुई है, उत्कृष्ठ विद्यालय बीजाडांडी में ही देखा जाए तो वाणिज्य संकाय के 3 विषय, भौतिकी, राजनीति, उच्च गणित, भूगोल, संस्कृत, IT, हेल्थ केयर, आदि कि पढाई शुन्य है क्युकी अभी तक सरकार ने अतिथि शिक्षक भारती के आदेश जारी नहीं किए है, कमोबेश यही स्थिति ब्लाक, जिला और प्रदेश के समस्त विद्यालयों की है मा.शि.मं. ने अपना वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है जिसके अनुसार सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में त्रैमासिक परीक्षा होना है, और अतिथि शिक्षक भर्ती नहीं होने से पढाई कि शुरुवात भी नहीं हो पाई है l जब बच्चों से पढाई के विषय में पूछा गया तो बच्चों ने रोते हुए बताया कि हमारी पढाई अभी तक शुन्य है, शिक्षक इसलिए नहीं आ रहे कि उनका जोइनिंग आदेश नहीं आया है ऐसे में हम त्रैमासिक परीक्षा में क्या लिखेंगे और रिजल्ट ख़राब हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन होगा, बच्चो ने बताया की शिक्षक कि कमी कि शिकायत प्राचार्य से भी कि है और CM HELPLINE में भी शिकायत की है, जिसपर कोई संतोषजनक परिणाम निकलते नहीं दिख रहा है और एक एक दिन करते हुए 2 माह बीत चुके है l

गौरतलब है की विद्यालय प्राचार्य भी सरकारी आदेशों से बंधे हुए हैं बच्चो की पढाई को लेकर हो रहे नुकसान से वे भी विचलित और चिंतित हैं परन्तु प्राचार्य भी नियमो से बंधे हुए होने कि वजह से असहाय हैं, क्यूंकि अतिथि शिक्षक भर्ती आदेश लोक शिक्षण संचालनालय और जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा निकाला जाता है जिस के अनुपालन में अतिथि शिक्षकों कि भर्ती प्राचार्य द्वारा की जाती है परन्तु प्रदेश और जिला स्तर से स्पष्ट आदेश प्रकाशित नहीं होने कि वजह से प्राचार्य महोदय स्वयं असहाय हैं और भर्ती करने में असफल हैं l

वोहीं पालकों का कहना है की ऐसी असंवेदनशील सरकार हमने पहले नहीं देखि हर वर्ष जुलाई माह केर अंत तक अतिथि शिक्षक भर्ती हो जाने से पढाई का कार्य सुचारू चलता था और बच्चों को अध्ययन करने में कठिनाई नहीं होती थी परन्तु इस वर्ष 2 माह बीत जाने के बाद भी भर्ती नहीं होने से होने वाले पढाई के नुकसान कि जिम्मेदारी कौन उठाएगा l

वहीँ जब अतिथि शिक्षक संघ के पदाधिकारियों से इस विषय में जानकारी मांगी गई तो उनका कहना है की अभी तक आदेश नहीं मिलने की वजह से अतिथि शिक्षक आशंकित हैं, गौरतलब है कि अतिथि शिक्षक माह मई से बेरोजगार हैं ऐसी दशा में भर्ती में हो रही देरी से उन्हें भी गंभीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में यदि वे अवैतनिक विद्यालय जाते हैं तो आर्थिक नुकसान उनके सामने परिवार के पालन की कठिनाई खड़ी हो जाती है, बहुत से अतिथि शिक्षक भर्ती नहीं हो पाने कि वजह से गर्मी के दिनों में मजदूरी या दिहाड़ी जैसे कामों का रुख कर लेते हैं यदि अवैतनिक विद्यालय जाते है तो ऐसी दशा में दिहाड़ी मजदूरी के रूप में मिलने वाले पारिश्रमिक से भी हाथ धो बैठेंगे और परिवार के पालन का संकट आ जायेगा इसलिए जिम्मेदारों सेनिवेदन है के भर्ती में आ रही दिक्कतों को दूर कर शीघ्र अतिथी शिक्षक भर्ती कि जाये जिस से सभी की समस्याओं का निवारण हो सके l

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