ग्राम पंचायत अनाखेड़ा: सरपंच सचिव की लापरवाही से ग्रामीण छत के लिए परेशान
दैनिक रेवांचल टाइम्स, डिंडोरी
डिंडोरी जिले की आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की ग्राम पंचायत अनाखेड़ा इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी है। प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसे सरकार ने गरीबों को आशियाना देने के लिए शुरू किया था, सरपंच सचिव यशवंत दहिया की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते ग्रामीणों के लिए एक सपना बनकर रह गई है।
तीन साल से अधूरा पीएम आवास
शांति बाई जगदीश, जो इस योजना के तहत आवास पाने की पात्र थीं, पिछले तीन वर्षों से अधूरे मकान के साथ संघर्ष कर रही हैं। उनके आवास निर्माण का कार्य सचिव की अनदेखी और भ्रष्टाचार के कारण रुका हुआ है। सवाल यह है कि आखिर गरीबों को उनका हक कब मिलेगा?
भ्रष्टाचार के खुले खेल
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार इतना बढ़ चुका है कि सरपंच और सचिव को किसी भी सरकारी अधिकारी का डर नहीं है। सरकारी योजनाओं की अनदेखी करते हुए खुलेआम घूसखोरी का खेल चल रहा है। प्रधानमंत्री आवास जैसी महत्वाकांक्षी योजना, जिसका उद्देश्य गरीबों को स्थायी आवास मुहैया कराना था, यहां अधिकारियों की मिलीभगत से असफल साबित हो रही है।
ग्राम पंचायत खुद है छत के लिए मोहताज
ग्राम पंचायत अनाखेड़ा खुद किराए के भवन में संचालित हो रही है। पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना 1959 में हुई थी, लेकिन यहां आज तक स्थायी पंचायत भवन नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जो पंचायत खुद स्थायी भवन नहीं बना पाई, वह दूसरों को छत कैसे दे पाएगी?
प्रशासन की चुप्पी और ग्रामीणों की उम्मीद
सरपंच सचिव की कार्यशैली और भ्रष्टाचार पर प्रशासन की चुप्पी ग्रामीणों को निराश कर रही है। क्या जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करेंगे, या भ्रष्टाचार का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
आशा है कि जनपद के उच्च अधिकारी जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालेंगे, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके और प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य पूरा हो सके।
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