बालाघाट से जबलपुर के मध्य महत्वपूर्ण स्टेशन में कोच गाइडेंस सिस्टम न होने से यात्री परेशान. रेलवे द्वारा यात्री सुविधा के लिए अलाउंस के माध्यम से कोच की जानकारी दी जाती है,

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रेवांचल टाईम्‍स – मण्‍ड़ला नैनपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाला जबलपुर से गोंदिया के बीच महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर कोच गाइडेंस सिस्टम न होना व लगे होने के पश्चात भी बंद पड़े डिस्प्ले से यात्रियों को परेशानी का सामना करना होता है वर्षो पूर्व से इन ट्रैकों पर यात्री गाड़ियों के चलने के पश्चात आज दिनांक तक भी कोच गाइडेंस सिस्टम ना लगाया जाना इस पर अधिकारियों का नजरअंदाज किया जाना यात्रियों के लिए परेशानी का सबक बना हुआ है कोच गाइडेंस सिस्टम न होने से यात्रियों को निर्धारित कोच की जानकारी के लिए भटकना होता है अल्प समय के लिए एक्सप्रेस ट्रेन स्टॉपेज होता है इसके बीच यात्रियों को निर्धारित कोच में अपनी सीट सुनिश्चित करने के लिए कोच तक पहुंचने में असुविधा का सामना करना पड़ता है। रेलवे के द्वारा स्टेशनों में अलाउंस के माध्यम से कोच की जानकारी दी जाती है किंतु शोरगुल व भाग दौड़ के चलते यात्री उन जानकारी को सुनने मे आसुविधा होती है।

कोच गाइडेंस सिस्टम लगने से रेल यात्रियों को यह होगा फायदा,

वही इस सुविधा के उपलब्ध होने से यात्री गाड़ी आने के पूर्व ही निर्धारित कोच के सामने स्थान पर आकर सामान सहित चढ़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। प्लेटफॉर्म पर गाड़ी के समय भीड़-भाड़ एवं इधर-उधर जाने में होने वाली कठिनाई से बचा जा सकता है। कोच के सामने भीड़ को कम करने में काफी मदद होती है। विशेषकर रात्रि के समय डिजिटल प्रभावी कलर युक्त लाइट होने के कारण यह डिस्प्ले बोर्ड यात्रियों को दूर से ही दिख जाते हैं जिससे कोच तक पहुंचने में अत्यधिक सुविधा होती है।

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