ठेकेदार का जश्न, दिल्ली में इंजीनयर कुरकुटी गांव में कोहराम बाल बाल बचा मजदूर…
रेवांचल टाइम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला में भ्रष्टाचार और मानसून ने चौतरफा पैर पसार रखा हैं ! और भ्रष्टाचार मानसून की बहती गंगा हाँथ धुलने वालो की कमी नहीं हैं, जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के चलते विभागों में लूट सको तो लूट का खेल सरेआम गांव गाँव चल रहा हैं ! और इन भ्रस्टो और भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम नज़र आ रहा हैं।
वही भ्रष्टाचार ऐसा की हाय तोबा मच गई और गांव में कोहराम जैसी स्तिथि निर्मित हो गई तरोताजा मामला विकासखंड बीजाडांडी की ग्राम पंचायत खामेरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम कुरकुटी के स्कूल टोला में आया है जहाँ पर मंडला लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई ) विभाग के चहेते ठेकेदार द्वारा कई लाखो की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कार्य जारी है और उस कार्य की गुणवत्ता खुद व खुद लोगों के सामने आ रही है, और जिस जगह पानी टंकी का निर्माण कार्य चल रहा है उस स्थल में न कोई सूचना पटल लगा हुआ है और न ही कोई बोर्ड जिससे पता लग सके कि विभाग ने इस टँकी निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत की है और ठेकेदार कौन है, मजदूरी क्या देनी है कब शुरू करनी औऱ कब तक पूर्ण होनी है, ऐसा को भी बोर्ड मौके पर नही लगा हुआ और इस निर्माण कार्य मे विभाग कितनी अपनी जिम्मेदारी के साथ नज़र रख रहा है, और उक्त कार्य में मापदंड का पालन कितना किया जा रहा ये बात अब आम हो चुकी है। जहाँ पर उक्त निर्माण कार्य में स्थानीय लोग ठेकेदार के द्वारा घोर लापरवाही बरती जाने का आरोप लगा रहें है !
वही जानकारी के अनुसार निर्माणाधीन पानी की टंकी में बनी सीढ़ी निर्माण अचानक से भरभरा कर गिर गई ! जिसमे एक मजदूर लटक गया, कार्य कर रहे मजदूर ऊपर लटक गया जहाँ पर हाहाकार मच गया, और अन्य मजदूरों की मदद से बचा तो लिया गया, पर इस घटना के बाद लोगो के द्वारा तरह तरह की बाते की जाने लगी और स्थानीय एक व्यक्ति ने बताया कि टंकी कार्य में मसाला मन माफिक चलाया जा रहा है जहाँ पर गुणवत्ता और मापदंडो का बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण यह घटना घटित हुई हैं ! इस निर्माणाधीन टँकी की गुणवत्ता व अन्य मामले में रेवांचल की टीम ने जब ठेकेदार से बात हुई वह कह रहे है कि अभी शादी में हुई बाद में बात करता हूँ ! साथ विभाग के जिम्मेदार जिनकी रेख देख में कार्य किया जा रहा हैं, जिसे विभाग उपयंत्री के तौर पर नियुक्त किया है जब उनसे बात हुई तो वह कहे दिल्ली में हूँ ! पीएचई विभाग के एसडीओ की तो लीला ही अपरम पार जब लगाओ तब मोबाईल बंद रहता और मोबाईल बन्द होना भी चाहिए क्योंकि किस किस को जबाब दे कि हम कैसे कार्य कर रहे और कार्य की कितनी गुणवत्ता है, कार्य की गुणवत्ता हो या न हो इन्हें इनसे कोई मतलब नही इन्हें तो केवल टेबिल के नीचे से जो आ रहा जा उससे मतलब है !वही ऐसा प्रतीत होता हैं की यह महाशय बड़ी दुर्घटना के बाद ही मौके पर पहुंचगें !ग्राम जन ने बताया की कार्य तो आप देख ही रहे है कि कैसे कैसे चल रहे है पर इन कार्यों के ठेकेदार और जिम्मेदार तो ईद के चाँद हैं जब मटेरियल की जरूरत होती है तब आते है, इंजीनियर साब और आज तक इन्हें झांकने तक कि फुर्सत नहीं है! ठेकेदार काला पीला कुछ करो इन्हे कोई मतलब नहीं है ! जिले में लगातार नल जल योजनाओं के लिए गाँव गाँव मे पानी की लाइन बिछाने सहित बड़ी बड़ी टँकीय बनाई जा रही है, और अधिकांश क्षेत्रों में पानी टँकी बन के तैयार हो चुकी है पर उन टंकियों को चालू नहीं किया जा सका है क्योंकि इन्हें पता है कि जैसे ही टँकी में पानी भरता है वैसे ही उनकी कमियां सामने आ जायेगी इसलिए अधिकांश तह टँकी बन कर तैयार है पर विभाग या फिर पंचायत को ठेकेदार ने हैंड ओवर नहीं किया है क्योंकि कही न कही वह भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी हैं।
वही ग्रामीणों ने जिला जिला प्रशासन से मांग की है इस टंकी की निष्पक्षता से जाँच कराई जाने की जन मांग है। और दोषी ठेकेदार पर कार्यवाही करने की भी मांग की जा रही हैं।
इनका कहना है कि….
आप हमे जो बतला रहे है वह जानकारी में नही है और मेरी जानकारी के अनुसार वह कार्य हमारे कार्यालय के अंतर्गत नही किया जा रहा है बल्कि वह कार्य जो चल रहा है वह जल निगम विभाग के द्वारा किया जा रहा हैं।
मनोज भास्कर
कार्यपालन यंत्री पी एच ई मंडला