उपसंचालक कृषि विभाग से RTI से मांगी गई जानकारी कि राशि जमा के बाद भी नही दी जा रही जानकारी, अधिनियम की उड़ाई जा रही है धज्जियां…

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला जो कि आये दिन सुर्खियों में बना हुआ है जहाँ पर आए दिन विभागों के द्वारा सरकारी धन में लाखों करोड़ों के गबन एवं भ्रष्टाचार के खुलासों हो रहे है आज ऐसा कोई विभाग नही बचा जो भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ा हो सरकार के द्वारा सरकारी धन ग़रीबो पिछड़ो के लिए केन्द्र और राज्य सरकार बराबर सरकारी कार्यालय में योजनाओं के माध्यम से पहुँचा रही है पर वर्षों से गिध्द की तरह सरकारी खजानों को नोचने के लिए अधिकारी कर्मचारी बैठे हुए हैं जो सरकारी धन को नोच नोंच कर भ्रस्टाचार, ग़बन कर अपने पद का दुरूपयोग रहे है और ग़रीबो के हक में डाका डाल रहे हैं।

अधिनियम की सरकारी अधिकारी कर्मचारी उड़ा रहे धज्जियाँ,

वही भारतीय संसद के द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने हेतु एक नया कानून पारित किया गया सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को यह कानून पारित कर केन्‍द्र सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने तथा प्रशासन एवं आमजन के बीच पारदर्शिता लाने हेतु सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को लागू किया गया है।जिसका प्रचार-प्रसार जोर शोर से किया गया वह अब धीरे-धीरे अपनी गति पकड़ते हुए नजर आते ही उसमें भ्रष्टाचारी, ग़बन करने वाले और अपने पद का दुरुपयोग करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मनमानी का ग्रहण लगते हुए नजर दिखाई देने लगा है।

मण्डला जिला एक आदिवासी बाहुल्य जिला है जहां नियमावली के विरुद्ध वर्षों से जिले के शासकीय दफ्तरों में बाहर से आये हुए अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा अपनी मनमर्जी से अपना सिक्का जमाए बैठे हुए इस पर कार्यवाही करके जानकारी न देने से बचने के लिए मनगढ़त नियमों के तहत आवेदकों को हलाकान परेशान करने के लिए रास्‍ता तलाश कर निकाल रहे है, और सूचना अधिकार अधिनियम में जानकारी न देने के लिए तरह तरह के गुणा भाग में लगे हुए है, वही ज्ञात हो विगत दिनों उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास कार्यालय मंडला में RTI कार्यकर्ता के द्वारा कार्यालय से सूचना अधिकार के आवेदन के माध्यम से निम्न बिंदुओं में जानकारी की मांग दिनांक 17/05/2024 को आवेदन डाक के माध्यम से प्रेषित किया था।

वही आवेदक के द्वारा माँग की गई वांछित जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत कार्यालय उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग मंडला से माँग की जानकारी प्रदाय करने हेतु कार्यालय से डाक के माध्यम से आवेदक को एक पत्र जारी किया गया जिसमे आवेदक को वांछित सूचना / अभिलेखों हेतु लागत या प्रभार्य जमा करने सूचना पत्र दिनांक 10/06/2024 आवेदक को भेजा गया जिसमें छः हज़ार की राशि कार्यालय में जमा करने हेतु जारी किया गया उक्त पत्र में न ही पृष्ठ की तीन हज़ार संख्या थी और लोक सूचना अधिकारी के द्वारा आवेदक द्वारा माँग की गई बांछित जानकारी की बिना गणना करते हुए और मनमाने रवैया के चलते आवेदक को अत्यधिक राशि का पत्र नियम विरुद्ध पहुँचा दिया गया जिसमे यह उल्लेख नही था।

कार्यालय से जानकारी प्रदाय के लिए माँग की राशि जमा के बाद भी नही दी जा रही जानकारी

वही कार्यालय से जारी पत्र आवेदक को साधारण डाक के माध्यम से पहुँचा गया था जो कि लम्बे समय के पश्चात प्राप्त हुआ जैसे ही आवेदक को कार्यालय से जारी पत्र प्राप्त हुआ कार्यालय द्वारा माँग की गई राशि जमा करने हेतु कार्यालय पहुँचा तो लोक सूचना अधिकारी के द्वारा राशि जमा न करते हुए तरह तरह के बहाने बनाने लगे कार्यालय से जारी पत्र में स्पस्ट लिखा हुआ था कि राशि शासकीय मद 0401-00-800-0000 में जमा करें जब उनसे राशि जमा करने को आवेदक के द्वारा कहा गया तो उनका कहना था कि जो मद दिया गया है उसमें राशि जमा करे या फ़िर हेड नम्बर में जमा करे जबकि जारी पत्र में हेड नम्बर दिया ही नही गया था जब उनसे सरकारी हेड नम्बर की जानकारी की लेनी चाही तो वह कहने लगे कि नगद ही जमा कर दे और जब नगद जमा करने लगे तब कहने लगे कि अभी साहब नहीं आप बाद में राशि जमा कर देना जल्दी क्या हैं आवेदक द्वारा बार बार कहने पर दो दिन बाद कार्यालय का राशि जमा करने के लिए हेड नम्बर दिया गया और जानकारी प्राप्त करने के लिए आवेदक हैड लेकर ऑनलाइन चालान जमा कर एक प्रति कार्यालय में जमा करना चाहा तो उसके लिए भी फिर बहाने शुरू कर दिए जैसे तैसे चालान की प्रति जमा तो की गई पर आज 25 दिन बीत गए इसके बावजूद भी जानकारी प्रदाय नही की गई।

जानकारी देने लोक सूचना अधिकारी बना रहे है बहाने

वही कार्यालय से माँग की राशि जमा करने के बाद भी कार्यालय से जानकारी नही दी जा रही है और जानकारी प्रदाय करने हेतु आवेदक को कार्यालय के चक्कर ही काट रहा है और कार्यालय केवल तिथि ही दी जा रही है, कार्यालय लोक सूचना अधिकारी के रंजीत यादव बाबू के द्वारा चार से छः बार कार्यालय बुलाया गया कि आप सोमवार को आ जाये तो बुधवार को आ जाये जानकारी की फोटो कॉपी हो चुकी है पर साहब अभी छुट्टी में तो साहब बाहर है ऐसे अंनेको प्रकार के बहाने बना कर आवेदक को खाली हाथ लौटाया जा रहा है, और राशि जमा के बाद भी जानकारी नही दी जा रही हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कही न कही कार्यालय में हुए भ्रष्टाचार के पोल खुलते देख अब जानकारी देने में आनाकानी की जा रही पहले कार्यालय अत्यधिक राशि की माँग करना जब राशि जमा कर दी गई तो अब जानकारी प्रदाय न करने लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम को ताक में रख कर मनमाने बहाने बना नियम के अवहेलना के दायरे में आता हैं।
इनका कहना है…
मेरे द्वारा सूचना अधिकार के आवेदन के माध्यम से कृषि विभाग से किसानों को प्रदाय की सामग्री की जानकारी की मांग की थी माँग की जानकारी में कार्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमे मुझे छः हजार राशि जमा कर जानकारी प्राप्त कर कर सकते मेरे द्वारा माँग की गई राशि जमा कर दी गई पर आज लगभग एक माह बीतने को आ रहा है फिर भी जानकारी नही दी जा रही हैं यादव बाबू द्वारा तरह तरह के बहाने बनाये जा रहे है और जानकारी लेने कार्यालय चार से पांच बार जा चुका हूँ पर जानकारी नही प्राप्त हुई है।
RTI कार्यकर्ता मंडला

साहब अवकाश से आ गए है आप कार्यालय आ जाये आपको जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी।
रंजीत यादव बाबू कृषि कार्यालय मंडला

वही जब इस संबद्ध में रेवांचल की टीम ने जिम्मेदार के द्वारा सूचना अधिकार में उड़ाई जा रही धज्जियां को लेकर उपसंचालक से बात करके उनका पक्ष रखना चाहा तो उनका मोबाईल नही उठा जिससे उनका पक्ष नही रख सकें।

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