पितृ पक्ष में संकष्टी चतुर्थी देगी डबल बेनिफिट; तंगी, बीमारी, दुख होंगे दूर
चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है. हर महीने में 2 चतुर्थी पड़ती हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. अश्विन मास शुरू हो गया है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि संकष्टी चतुर्थी पितृ पक्ष में पड़ रही है. संकष्टी चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता गणेश की पूजा करना सारे दुख, दर्द, आर्थिक तंगी दूर कर देगी. यानी कि इस संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की कृपा भी मिलेगी और पितरों की भी. जानिए संकष्टी चतुर्थी कब है और पूजा मुहूर्त क्या है.
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 सितंबर 2024, शुक्रवार को भारतीय समयानुसार रात 09 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और 21 सितंबर की शाम 06 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी. 21 सितंबर को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रात 08 बजकर 29 मिनट पर है.
इस संकष्टी चतुर्थी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे गणेश जी की पूजा का कई गुना फल मिलेगा. पितृ पक्ष में पड़ रही संकष्टी चतुर्थी के दिन हर्षण योग बन रहा है. इसके अलावा शिववास योग भी रहेगा. इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी. साथ ही सारे दुख-कष्ट, विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं.