बेबी हेमलता मरावी और आयांश मेश्राम का सफल उपचार किया गया दोनों बेबियों को जन्मजात विकृति से मुक्ति मिली

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मंडला 26 सितंबर 2024

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केसी सरोते ने जानकारी दी कि बेबी हेमलता मरावी उम्र एक वर्ष पिता रवि मरावी निवासी ग्राम मानिकसरा विकासखंड बीजाडांडी का प्रसव के दौरान जन्मजात विकृति की स्क्रीनिंग नर्सिंग ऑफिसर के द्वारा की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उसकी तंत्रिका नलिका की खराबी (एनटीडी) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में जन्म दोष है। मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में विकसित होने वाला तंत्रिका नलिका जब पूरी तरह बंद नहीं हो पाती तो तंत्रिका नलिका की खराबी होती है। यह गर्भधारण के पहले कुछ सप्ताहों में फालिक एसिड की कमी से हो सकता है। सूजन कहां है पीठ पर या सिर पर स्क्रीनिंग उपरांत पता चला कि सिर आम बच्चे की तुलना में असमान था जिससे पता चला कि तंत्रिका नलिका (न्यूरल ट्यूब-हाइड्रोसिफलस) की खराबी से ग्रसित बच्चों के चिन्हांकन के उपरांत संबंधित आरबीएसके टीम को जानकारी उपलब्ध कराते हुये आरबीएसके टीम के द्वारा फॉलोअप करते हुये जिला चिकित्सालय में लाया गया। तत्पश्चात जिला चिकित्सालय में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ के द्वारा प्राइमरी उपचार देकर मेडिकल कॉलेज जबलपुर रिफर कर उपचार तथा ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि उपचार प्रक्रिया के बाद अब कु. हेमलता ठीक हो चुकी है। उसके ठीक होने पर कु. हेमलता के माता-पिता शासन की योजना का लाभ पाकर प्रसन्न हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. सरौते ने बताया कि जिले में माह अप्रैल से जुलाई तक न्यूरल ट्यूब-हाइड्रोसिफलस के पंजीकृत अयांस मेसराम उम्र एक वर्ष पिता थानसिंह मेसराम ग्राम पोंड़ी चिजगांव नैनपुर जिला मण्डला का भी सफल उपचार किया जा रहा है।

सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय मंडला डॉ. विजय सिंह धुर्वे ने बताया कि ज्यादातर बच्चों की जन्मजात विकृति फालिक एसिड की कमी से हो सकती है। इस हेतु सभी महिलाओं को विवाह के बाद प्रतिदिन 5 मिलीग्राम फोलिक एसिड लेने और इसे गर्भधारण के 12 सप्ताह तक जारी रखने की की सलाह दी जाती है। याद रखें, फोलिक नियमित लेना होगा, क्योंकि समान्यतः यह हमारे शरीर में जमा नहीं रहता। गर्भवती महिलाओं, जो पहले से मधुमेह की रोगी हो, या जिनका ऐंठन रोकने का इलाज हो रहा हो, को निश्चित रूप से 5 मिलीग्राम फोलिक एसिड लेने एवं फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्ती वाली सब्जी खाने की सलाह दी जानी चाहिए। गर्भवती माताओं को बताएं कि गर्भधारण के दौरान कभी भी किसी भी मात्रा में शराब पीना या धुम्रपान करना नुकसानदेह है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी जनसमुदाय से अपील की है कि यदि किसी को जन्मजात विकृति का बच्चा मिलता है तो उसे तुरंत जिला चिकित्सालय के डीईआईसी में रजिस्ट्रेशन करायें या विकासखण्ड स्तर पर पदस्थ आरबीएसके टीम को जानकारी उपलब्ध कराएं। जिससे जन्मजात विकृति के बच्चों का उपचार समय रहते किया जा सके। समस्त डिलीवरी प्वाइंट में पदस्थ स्टाफ के माध्यम से बच्चों की जन्मजात न्यूबोर्न स्क्रीनिंग उपरांत यदि कोई ऐसा बच्चा मिलता है तो उसे तुरंत जिला चिकित्सालय रेफर करें। जिससे बच्चों का सही समय पर उपचार किया जा सके और दिव्यांगता से बचाया जा सके।

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