मास्टर पिता व बेटे पर धार्मिक उन्माद फैलाने व शांति भंग करने का आरोप भयभीत है दुर्गोत्सव समिति, पुलिस हस्तक्षेप के बाद भी फरसा मारने की दी धमकी
ऐंसे में पुजारी पण्डा भी स्थान न छोड़ दे, सूना रहता है दरबार…
रेवांचल टाईम्स – मण्डला पिछले दिनों भारतीय संविधान की विभिन्ऩ धाराओं में परिवर्तन किया गया है लेकिन इस परिवर्तन के बाद कानून व पुलिस का कितना पावर बढ़ा व घटा है ये तो जानकार ही जानें। किन्तु विभिन्न अपराधों में बढ़ोत्तरी दिखाई दे रही है। पुलिस व कानून का डर अपराधियों में दिखाई नहीं दे रहा है, धार्मिक आयोजनों में भी लोगों के आतंक से आयोजक परेशान हैं।
हम बात कर रहे हैं उप थाना हिरदेनगर के अन्तर्गत ग्राम औघटखपरी खेरमाई में दुर्गोत्सव का पण्डाल विगत दिवस सजाया जा रहा था, इसी दौरान सुभाष रघुवंशी नामक युवा ने धुत शराब के नशे में मौजूद लोगों को अपने आप बुरी-बुरी गालियॉ देते हुए मारपीट करने के लिए आमादा हो गया, धार्मिक उन्माद फैलाते हुए शांति भंग होने की स्थिति निर्मित हो गई। उपथाना में उक्त शिकायत करते हुए शिकायत कर्ताओं द्वारा बताया गया कि युवक के पिता ग्राम नारा के प्राथमिक शाला में शिक्षक हैं वो पुत्र को डॉटने की बजाय उसी का साथ देते हुए स्वयं शराब के नशे में हंगामा करते रहे, समिति सदस्यों की शिकायत के बाद मौके पर पुलिस पंहुची और दोनों आरोपियों को थाने बुलाया गया, किन्तु पुलिस के जाते ही शिक्षक बैनीराम रघुवंशी द्वारा लगातार आयोजकों को गाली देते हुए फरसा से मारने की धमकी दी जा रही है। मास्टर पिता एवं बेटे के डर से दुर्गा स्थल पर श्रध्दालु आने से डर रहे हैं, मातारानी का दरबार सूना रहता है, आयोजकों को चिन्ता सता रही है कि ऐंसे माहौल में कहीं पूजा करने वाला पण्डा भी स्थान न छोड दे, और कैंसे दुर्गोत्सव संपन्न हो पायेगा, ये बडा सवाल है। गौरतलब है कि एक शिक्षक को समाज सुधारक एवं राष्ट्र निर्माता कहा जाता है, क्या पुलिस व कानून इस शिक्षक को ये बात समझा पायेगा ?