जनपद पंचायत मोहगॉव की ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण के नाम पर हुआ लाखो का भ्रष्टाचार छत में भी लगा दिए पौधें जिम्मेदार ने मिलकर शासन को लगाया लाखों का चूना…
रेवांचल टाइम्स मंडला – मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिले और इस जिले में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी औऱ जनप्रतिनिधियों की जितनी तारीफ़ वह भी कम है इस जिले वह हर काम हर योजनाएं हर वह चीज संभव है जो अन्य जिले या प्रदेश में सम्भव नही है अजीबो करीब वख्या इस जिले में होना किसी अजूबे से कम नही है।
वही जानकारी के अनुसार मोहगांव जनपद में पौधें रोपड़ औऱ वृक्षारोपण में सितंबर 2024 के मनरेगा सामग्री भुगतान में सहायक लेखा अधिकारी एवं मुख्य कार्य पालन अधिकारी तथा अजीविका परियोजना की मिली भगत से सरकार को लगाया गया लाखों का चुना
पर्यावरण संरक्षित औऱ संरक्षण के नाम पर किया जा रहा है भ्रष्टाचार
वर्तमान समय में पृथ्वी में हो रहे प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षित को लेकर समूचा विश्व पर्यावरण और बढ़ते तापमान को लेकर चिंतित है, हमारे देश भारत में भी केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक पर्यावरण संरक्षण और संरक्षित करने के लिए सालों से वृक्षारोपण पौधे रोपड़ प्लंटेशन करने के लिये सरकारी खजाने का द्वार खोल दिया है। सरकार की मंशा है कि पृथ्वी का श्रृंगार पौधा रोपण कर के किया जाए हर ओर हरियाली हो लोग साफ स्वच्छ प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हो इसके लिये शहर से लेकर गाँव गाँव तक एक मुहिम चलकर पौधा रोपण के लिये लिए आज हर किसी को प्रेरित किया जा रहा है, वहीं देश के प्रधानमंत्री ने भी एक पेड़ मां के नाम की मुहिम चलाई जिसमें सभी ने बढ चढ़कर शासकीय औऱ गैर शासकीय और NGO आजीविका परियोजना और अनेकों प्रकार से लोगों के द्वारा हिस्सा लिया जा रहा हैं और शासन के द्वारा अनेक ऐसी योजनाएँ संचालित की है जिनमें पौधा रोपण को बढ़ावा दिया और योजनाओं के लिए लाखों करोड़ो रूपये भी योजना के माध्यम से दिये जा रहे हैं लेकिन आज जिस जगह पर भी देखेंगे वहां वृक्षारोपण तो हुआ है लेकिन उसके बाद उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। या फिर ये कहें कि देखभाल करने वाले कर्मचारियों को केवल मिलने वाली राशि से ही मतलब है, कि देखरेख करने के लिए जो राशि दी जाती है उसका तो पूरा उपयोग करते हैं लेकिन जिस काम की राशि दी जाती है उसके प्रति जिम्मेदारी आधी भी नहीं निभाते है..
वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडला जिले की जनपद पंचायत मोहगांव की ग्राम पंचायतों में का बुरा हाल है जहाँ पर वर्ष 2022/ 2023 में लाखों पौधे लगाए गए ग्राम पंचायत में वाटिका आजीविका नर्सरी औऱ हितग्राहियों के माध्यम से गांव के खेत बड़ी मैदान जहा जहा खाली जगह थी सब मे पौधे लगवा दिया गया पर वह पौधे कैसे लगे कहाँ लगे आज अधिकांश जगहों में मिल ही नहीं रहे है और जो थोड़े बहुत मिल रहे है वह सूखने की कगार में है न उनमें खाद पड़ी और न ही मिट्टी पर सभी की राशि निकाल ली गई और जनपद के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी औऱ पंचायत कर्मीयो औऱ आजीविका मिशन के जिम्मेदार औऱ समूहों के माध्यम से कागजो में ही हजारों लाखों पौधे रोपे दिए गए और बिल वाउचर लगाकर ये सभी का भुगतान निकाल लिया गया वर्ष 22 / 23 में हुए पौधे रोपण के नाम पर सरकारी धन लगभग 5285531 रुपये का भुगतान वर्ष 2024/24 सितम्बर के माह में किया गया सरकारी का आखिर जिम्मेदारो के द्वारा किस तरह से बंदरबांट कर दिया ये तो मौके में जाकर ही देख जा सकता हैं। जो ग्राम पंचायतों में विगत तीन चार सालों से पौधा रोपड़ किया जा रहा है, पर आगे आगे पाठ पीछे सपाट जैसा मामला सामने आया है जहाँ पर जनपद की ग्राम पंचायत जो कि मुख्यालय से लगी हुई है उनमें भी सालों से पौधे रोपे जा रहे है और लाखों खर्च के बाद में दो चार ही पौधे जीवित नज़र आ रहे है।
वही मोहगांव की ग्राम पंचायत झुरगी पौड़ी, मुगवानी, सुडगाँव, रेयगाव बिलगड़ा, मोहगांव माल ऐसे अनेकों ग्राम पंचायत है जहाँ पर चार से पांच सालों से पौधे रोपे जा रहे है। औऱ पौधे रोपने के लिए औऱ उनकी देखभाल के लिए सरकारी राशि मनमाने तरीके से खर्च करते हुए फर्जीवाड़ा किया जा रहा है और इन ग्राम पंचायतों में कही खेत में बाडी में पौधे पड़े है तो कही किसी हितग्राहियों के छत में पौधे पड़े पडे सुख रहे है और आजिविका के समूहों के द्वारा परियोजना के हिसाब से पौधे दिये जाने थे पर समहू के द्वारा हितग्राहियों को मनमाने ढंग से पौधे वितरण कर कागजों की खाना पूर्ति कर वाहवाही लूट ली पर हितग्राहियों को दिये गए सैकड़ों पौधे में दो चार ही जीवित नजर आ रहे हैं। राशि तो निकाल कर खर्च कर दी गई पर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे सरपँच सचिव और रोजगार सहायक और आजीविका मिशन, मनरेगा अधिकारी कर्मचारी के द्वारा अपनी जेब गर्म कर भूल गये है कि जो पौधे के लिए सरकार ने राशि दी है उसमें काम भी करना है।
वही सूत्रों से जानकारी के अनुसार मोहगांव जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में समूहों के माध्यम से आजीविका परियोजना ने भी पौधे हितग्राहियों को दिए थे और उसमे अपनी भूमिका बताई और वाह वाही भी लूटी औऱ आज अधिकांशतह जिन जिन हितग्राहियों आजीविका मिशन के समूहों के माध्यम से हितग्राहीयो को पौधें प्रदाय किये गए वह नियम विरुद्ध तरीके से समूहों के माध्यम से पौधे दिये गए। और जनपद मोहगॉव में वृक्षारोपण करने के लिए पौधे तो बांट दिए गये लेकिन आज जितने भी पौधे जिन योजनाओं के अनुसार दिए गये थे वो जगह पर ही लगे लगे सूख रहे हैं, देखभाल करने वाले जिम्मेदार कर्मचारी केवल वेतन लेकर मौज कर रहे है। आजीविका मिशन के समूहों औऱ पंचायत के माध्यम से पौधे रोपण के लिए हितग्राहियों को सौ – सौ पौधे मनमाने तरीके से देकर कर सरकारी धन में बंदरबांट कर दिया गया, जिन हितग्राहियों के पास आवश्कता अनुसार भूमि नही है उससे अधिक मात्रा पौधे दे दिए गए औऱ अपनी खाना पूर्ति करते हुए उतने पौधे लगाने के लिए दे कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली, दोबारा देखने तक कि फुर्सत नही मिली कि जो पौधे दीये है वह हितग्राही कहाँ लगाया जीवित है या नही अगर जीवित है तो आज क्या स्थिति में इन्हें कोई मतलब नही है इन्हें तो केवल हितग्राहियों को सरकारी पैसों से पौधे देने है और फोटो खिंचवानी है और फेसबुक व्हाट्सएप और समाचार पत्रों में अपनी फोटो लगवा कर वाह वाही लूटनी है कि आजीविका मिशन के समूहों के माध्यम से हितग्राहियों ने इतना पौधा रोपण किया और जिम्मेदारो को तो अपना टारगेट पूरा करना था, उनकी जिम्मेदारी केवल पौधे बाँटने तक ही रह जाती है लगाने के बाद पेड पौधा सुरक्षित लग पाया कि नहीं या उसकी दुर्दशा हो रही है।
वही कुछ ग्राम पंचायत के हितग्राही मुलक प्रदाय किये गए पौधे किसी की बाडी में पड़े पड़े सुख रहे है तो कहीं किसी की छत पर नजर आयेंगे या फिर किसी की बाड़ी लगे हुए और वह सुख कर अपनी शोभा बढाते नजर आ रहे हैं। देखरेख करने जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी औऱ समूह वाले केवल कागजों में ही पेड़ को जीवित दिखाते हैं बाकि वास्तविकता में पौधे लगने के बाद उन पर पानी भी नहीं पड़ता है,
वही आज विकास के नाम पर बड़े बड़े सालों पुराने वृक्षों को कत्लेआम किया जा रहा जिससे आज पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा प्रदुषण लगा तार बढ़ रहा है हर मौषम में गर्मी का एहसास हो रहा हैं, क्योंकि देश के हर नगर हर गाँव हर गली में पड़े वाले जंगल न होकर कांक्रीट का जंगल तेजी से फैल रहा हैं, औऱ लोगो की साँसे उखड़ रही हैं।
जिसको लेकर सरकार एक मुहिम चला रही है कि हर व्यक्ति को एक पौधा लगाना है और वृक्षारोपण के नाम से अधिकारी कर्मचारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक एक पेड़ मां के नाम से लगाने की मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सेदार तो बने लेकिन आज कहीं कोई पौधा जीवित है या नही कोई देखने वाला नहीं है वहीं विकसित भारत का सपना दिखाकर लम्बी चौडी सड़कें तो बन रही है लेकिन विकास और इन्ही सडको को बनाने के लिए वर्षों पुराने छायादार वृक्षों को जड़ उखाड़ उखाड़ और काटकर नष्ट किया जा रहा है।
इनका कहना है…
हमने पौधे क्रय करके आजीविका मिशन की जो ग्राम पंचायतों के गाँव गाँव में समूह संचलित है, उनके माध्यम से हितग्राहियों तक पौधे दे दिए गए है, औऱ नर्सरी वाटिकाओं में लगावा दिया है औऱ माँग पर आवश्कता अनुसार पौधे भिजवा दिये वर्तमान क्या स्थिति वह पता करके ही बताया जा सकता है। पौधे मनरेगा योजना अंतर्गत क्रय किये गए और पंचायत में रोजगार सहायक है उनकी रेख देख की जिम्मेदारी दी गई हैं।
राजकुमार यादव
आजीविका मिशन मोहगांव
मनरेगा योजना अंतर्गत क्रय किये पौधे खाद अन्य जो बिल दिये गए थे उनका भुगतान हो चुका है और पौधो की पूरी जिम्मेदारी औऱ जो भी जानकारी आपको चाहिए वह आजीविका मिशन वाले ही दे पाऐगे, हमने तो केवल जो बिल लगाए गए उनका भुगतान किया है।
राजेश कातुलकर
मनरेगा अधिकारी मोहगांव मंडला
मुझे अभी प्रभार मिला है इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है किंतु विधि विधि सम्मत भुगतान एवं निर्माण कार्यों की हितग्राहियों के चयन की संपूर्ण जवाब दे ही तकनीकी अमला एवं ग्राम पंचायत तथा आजीविका परियोजना की है वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर जो भी कार्रवाई के आदेश होंगे त्वरित पालन किया जाएगा
संजय गोस्वामी
अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मोहगांव मंडला
