नैनपुर सिविल अस्पताल में बिगड़ती व्यवस्था का ज़िम्मेदार कौन किसकी शह पर चल रहा परिवारवाद लग रहे गंभीर आरोप…
रेवांचल टाईम्स – मंडला, ज़िले के नैनपुर सिविल अस्पताल परिवारवाद में फंसकर नगर की जनता को नहीं दे पा रहा सुविधा मरीज को छोटी सी बीमारी के ईलाज के लिये जाना पड़ता है। मंडला या अन्य जिला ईलाज के नाम पर ज़ीरो हुई व्यवस्था किया जा रहा है रिफ़र
सिविल अस्पताल नैनपुर बीएमओ और जिले के अधिकारियों से जनता ये जानना चाहती है। 05 सवाल क्या प्रशासन दे पाएगा जवाब जनता के सवालों के जवाब,
प्रसूति डॉक्टर कामना चावला पदस्थ होने के बाद भी मरीज को रिफर कर दिया जाता है। जिला हॉस्पिटल क्यों
विशेषज्ञ (पैथालॉजिस्ट) होने के बावजूद ब्लड क्रॉस मैच के लिए मरीज के परिजन को रक्त ले कर मंडला क्यों
इन दिनों नैनपुर में चर्चित व्हाट्सएप ग्रुप नैनपुर सिटी में जो चावला सेना ने अभी मचा रखी है।जिसको लेकर नैनपुर नगर तरह तरह की सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार गर्म है। नैनपुर की जनता दबी जुबान में में यह कहती है। सिविल हॉस्पिटल चावला परिवारवाद दिन वि दिन हावी हो रहा है। जिसको लेकर स्थानीय और ज़िला प्रशासन मोन क्यों है। क्योंकि नगर की जनता के पास 100 बिस्तर वाला सर्वसुविधायुक्त सिविल अस्पताल है। मगर ईलाज के नाम पर रिफर का खेल जम के चालू है। वही प्रशासन ने सिविल अस्पताल नैनपुर में कुल 8 डॉक्टर पदस्थ किये हैं। जिन्हें प्रतिदिन अस्पताल में उपलब्ध रहना चाहिए इसके बावजूद गिनती के 2 से 3 ही डॉक्टर से ड्यूटी करवा कर बाकी डॉक्टर को पूरे माह का वेतन देने की क्या मजबूरी है? जनता जानना चाह रही है। जिसके कारण शासन की योजना कहो या सुविधा नगर की जनता को नहीं मिल रही है। जिसके कारण नैनपुर की जनता जिला प्रशासन और नैनपुर नगर की जवाब मांग रही है। मगर जनता के सवालों का तीखे सवालों का जवाब कोई नहीं देने को तैयार नहीं है। वही नैनपुर के व्हास्टअप ग्रुप में भी लगातार सिविल हॉस्पिटल की चर्चा होते रहती है। वही जानकारी यह भी आई कि बीएमओ साहब ने एक निजी सलाहकार भी नियुक्त किया है। जिसको कैम्प और अन्य जगह और मामलों को निपटने के लिये रखा गया है।
1/ जिला प्रशासन और मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी मंडला क्यों नहीं सिविल हॉस्पिटल पर देते है। ध्यान
वही मध्यप्रदेश शासन ने करोड़ों की लागत से नैनपुर में सिविल हॉस्पिटल तैयार किया है। की नगर की जनता को बेहतर स्वस्थ सुविधा मिल सकें। मगर शासन ने बैठे कर्मचारी और अधिकारी नहीं चाहते है। की नैनपुर की जनता को स्वास्थ सुविधा का लाभ मिले सिर्फ ईलाज के नाम सर्दी जुखाम की जॉच कर मरीज को जिला हॉस्पिटल रिफर कर दिया जाता है। जिसके नगर और ग्रामीण जनता परेशान हो चुकी है। मगर ग्राम की जनता अपना दर्द किसको बताए क्योंकि जिसको अपना दर्द बताओ तो प्रशासन में बैठे अधिकारी और कर्मचारी शासन के ऊपर सुविधाओं का उपलब्ध ना होने का रोना जनता को बताते है। मगर शासन ने जनता के लिये हर सुविधा दे रही है। जिसके कारण मरीज और जनता दो चक्की के पाठ में पीसकर जी रही है। और जब की कोई शिकायत होती है। तो सिर्फ शिकायत कर्ता को शामदंड भेद लगाकर या बीएमओ के चाहते लोग लॉलीपॉप देकर चुप करवा देते है। जिसके कारण कोई घोटाला निकल कर नहीं आता है।
2/ सिविल हॉस्पिटल नैनपुर में पूर्णतः संचालित ऑपरेशन थिएटर, प्रसूति चिकित्सक और निश्चेतना चिकित्सक उपलब्ध होने के बावजूद जिला हॉस्पिटल को रिफर किया जाता है। मरीज
नैनपुर नगर में सिविल हॉस्पिटल में कामना चावला महिला चिकित्सक के पद पर पदस्थ है। मगर महिला प्रसूति चिकित्सक को दो माह के अवकाश में कैसे जाने की सहमति दी गई। यह भी सवाल खड़ा होता है। वही सिविल हॉस्पिटल में पूर्णतः संचालित ऑपरेशन थिएटर, प्रसूति चिकित्सक और निश्चेतना चिकित्सक सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध होने के बावजूद किस मजबूरी में सर्जरी की आवश्यकता होने पर गर्भवती महिला को मंडला रेफर किया जाता है।वही बीएमओ राजीव चावला विशेषज्ञ (पैथालॉजिस्ट) होने के बावजूद ब्लड क्रॉस मैच के लिए मरीज के परिजन को रक्त ले कर मंडला क्यों जाना पड़ता है। और इतना ही नहीं सिविल अस्पताल नैनपुर में कुल 8 डॉक्टर ऐसे हैं। जिन्हें प्रतिदिन अस्पताल में उपलब्ध रहना चाहिए इसके बावजूद गिनती के 2-3 डॉक्टर से ड्यूटी करवा कर बाकी डॉक्टर को पूरे माह का वेतन देने की क्या मजबूरी है। बीएमओ साहब की वही कुछ लोगों ने दबी जुबान में बताया कि नेता और पत्रकारों संतुष्ट कर मामले को भी दबा दिया जाता है। जिसके कारण कोई आवाज उठता है। उसकी आवाज को दबा दिया जाता है।
3/शासन के नियमों बंधपत्र वाले डॉक्टर को किसी भी प्रकार के अवकाश का प्रावधान नहीं फिर बीएमओ साहब दे रहे है। छुट्टी क्यों
वही जानकारी के अनुसार शासन के नियमों है। की बंधपत्र वाले डॉक्टर को किसी भी प्रकार के अवकाश का प्रावधान नहीं फिर बीएमओ साहब दे रहे है। छुट्टी क्यों जिसके कारण मरीजों को मिलने वाली सुविधा नहीं मिल पा रही है। वही बधपत्र वाले डॉक्टर माह में मात्र दो दिन ही अस्पताल में सेवा देते है। इसके बावजूद पूरे माह का वेतन अवैध रूप से प्राप्त हो रहा है। तो क्या प्रशासन मोन साधना में क्यों है। जबकि जनता को हर सुविधा का लाभ देने के लिये ही चिकित्सक की पदस्थापना की गई है। मगर यहां शासन की योजना और गरीब जनता का शोषण किया जा रहा है।
4/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर को केंद्र में ही रहने का शासन के नियमों में मगर हर समय नैनपुर क्वाटर में जमे डॉक्टर क्यों
मध्यप्रदेश सरकार के नियम है। की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर को केंद्र में ही रहने का प्रावधान है किंतु टाटरी और पाठा सिहोरा में पदस्थ डॉक्टर नैनपुर में बने शासकीय आवास में नियमविरुद्ध रह रहे है, और माह में मात्र 2- 3 दिन ही अपने स्वास्थ केंद्र में सेवा देते है। बावजूद इसके उनका पूरे माह का वेतन दे दिया जाता है।
नियमानुसार अस्पताल में डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारियों के लिए सार्थक ऐप या बायोमैट्रिक से हाजिरी का प्रावधान है किंतु आज भी रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करवाई जाती है और अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों से कुछ पैसे की मांग कर पूरे माह का वेतन दे दिया जाता है।क्यों जो कि धीरे धीरे बड़ा सवाल खड़ा करती जा रही है।
5/सिविल हॉस्पिटल नैनपुर में सेंट्रल लेब की सुविधा होने के बावजूद पूरी जांचे अस्पताल में नहीं की जाती हैं क्यों
सिविल हॉस्पिटल नैनपुर में सेंट्रल लेब की सुविधा होने के बावजूद पूरी जांचे अस्पताल में नहीं की जाती क्यों जबकि नियमानुसार अस्पताल में उपलब्ध जांचों का विवरण लेब एवं अस्पताल परिसर की मुख्य जगहों पर उल्लेखित होना चाहिए किंतु जांच सुविधा को छिपा कर निजी लेब में जांच करवाने प्रेरित किया जाता है।
सिविल अस्पताल में रक्तसंग्रह होने की बावजूद खून उपलब्ध नहीं रहता साथ ही अगर किसी मरीज को खून की जरूरत होती है तो उसे blood cross match के लिए मंडला भेज दिया जाता है जबकि यह सुविधा नैनपुर सिविल अस्पताल में उपलब्ध नहीं है।
वही सिविल हॉस्पिटल नैनपुर में लोक सूचना अधिकारी का विवरण किसी भी स्थान में उल्लेखित नहीं है। और अस्पताल परिसर में सूचना पटल उपलब्ध नहीं है।अस्पताल में उपलब्ध दवाइयों का विवरण उपलब्ध नहीं है मुंह देख कर मरीज को दवाई वितरण की जाती है।ऐसा क्यों किया जा रहा है। क्या सिर्फ जनता को दिखने के लिये करोड़ों की लागत सिविल अस्पताल तैयार किया गया है। या क्षेत्र की जनता को इसका कोई लाभ भी मिलेगा यह देखना बाक़ी हैं!