ग़ज़ल जोड़ना सिखाती है एल्बम-दीवानगी का लोकार्पण

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रेवांचल टाईम्स – जबलपुर, ग़ज़ल रूह को शांति और जीवन दर्शन का मार्ग प्रकाशित करती है। मुझे सूफ़ी ग़ज़ल ने गुरु चरणों में बैठने का मार्ग दिया जिससे मैंने भी सूफ़ी ग़ज़ल लिखना प्रारम्भ किया। उक्त उद्गार अपने एल्बम दीवानगी के लोकार्पण अवसर पर शायर श्री कन्हैया लाल ताम्रकार ने व्यक्त किए।
अध्यक्षीय आसंदी से बोलते हुए देश के सुप्रसिद्ध शायर श्री इरफान झाँस्वी ने कहा कि श्री ताम्रकार जी की ग़ज़लें ईश्वर से जोड़ती है. देश के प्रसिद्ध युवा शायर ने श्री ताम्रकार की गजलों पर प्रकाश डाला। कवि पत्रकार श्री गंगा चरण मिश्र ने कहा कि ग़ज़ल किसी को बाँटती नहीं है बल्कि जोड़ती है और आज जुड़ने का समय है। डॉ. शिवकुमार सिंह ठाकुर ने शायर कन्हैयालाल ताम्रकार के ग़ज़ल संग्रह पर समीक्षात्मक व्याख्यान दिया।
देश के ख्यातिलब्ध कवि व साहित्यकार डॉ. विजय तिवारी ‘किसलय’ ने श्री ताम्रकार, श्री इरफान झाँस्वी, श्री यूनुस अदीब जी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। शायर श्री कन्हैयालाल ताम्रकार जी को संस्कारधानी की गतिशील संस्था गुंजन कला सदन, हिन्दी साहित्य संगम एवं माध्यम ने अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया। इसी क्रम में ग़ज़ल गायक श्री सलीम सिंगर और श्री शरफ को सम्मानित किया। सम्मान कर्ताओं में जयप्रकाश पाण्डेय, राजेश पाठक प्रवीण, संतोष नेमा, यशोवर्धन पाठक, प्रतुल श्रीवास्तव, विजय जायसवाल, राजीव गुप्ता, अभिमन्यु जैन, सुरेश विचित्र, इंजी. विनोद नयन की विशेष सहभागिता रही।
कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध फिल्मी गायक श्री सलीम सिंगर और श्री शरफ ओहाब ने शायर श्री ताम्रकार की ग़ज़लों को गा कर समाँ बाँध दिया.
कार्यक्रम में सर्वश्री डॉ. ललित बाबेल, डॉ. शिव कुमार सिंह ठाकुर, सूरज राय सूरज, प्रदीप उप्पल, पंकज स्वामी, मनोहर बिल्लोरे, शरफ, इकबाल, रियाज, अब्दुल गफ्फार सिद्दीकी, डॉ. हर्ष तिवारी, गीता गीत अनवर हुसैन, भूपेंद्र उपाध्याय आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का विचार प्रवण संचालन प्रसिद्ध कवि पत्रकार गंगा चरण मिश्रा ने किया।

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