हर वर्ष की तरह इस बार भी बिनैका में हुआ मड़ई मेले का आयोजन
रेवांचल टाइम्स मंडला दीपावली के बाद अन्नकूट के दूसरे दिन से ही मड़ई मेले की शुरुआत हो जाती है हर वर्ष की तरह इस बार भी जिला मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत बिनैका में इस बार की मड़ई में अनोखा मेला लगा इस मड़ई में चंडी के रूप में मड़ई का आयोजन किया गया जहां पर विभिन्न प्रकार की पोसाग में यादव समाज के लोग अपनी वेशभूषा पहनकर नृत्य करते दिखाई दिए जिसमें ढोल मृदंग इत्यादि वादृय यंत्रों के माध्यम से अपनी संस्कृति कला एवं सभ्यता को प्रदर्शित करते हैं जहां पर आदिवासी समाज परंपरा के अनुसार पूजन की गई एवं बैगा समाज के लोगों के द्वारा चंडी की पूजा की गई जहां पर हर तीन वर्षों के बाद बलि का प्रचलन है जिस पर बैगा समाज के पंडा के द्वारा पालकी तैयार की गई जिसे चार से छह व्यक्तियों के द्वारा कंधे में रखा गया जिस पर गांव का बैगा पंडा ने सवारी कि लेकिन यह परंपरा हर 3 वर्ष के उपरांत ही होती है उनकी मान्यता है कि ऐसा करने से गांव में सुख शांति समृद्धि एवं खुशहाली बनी रहती है बलि देने कि यह परंपरा हर तीन साल के बाद की जाती है चंडी को देवी का रूप में कालिका को ही चंडी कहा गया है मेले में तरह तरह की दुकानें लगाई गई झूले मिठाई गन्ने बच्चों के खिलौने आदि जिसे बैगा परिवार के द्वारा यह सारा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है इस मेले में भारतीय संस्कृति की परंपराएं एवं कला सभी चीज देखने को मिली दूर-दूर से लोग इस मेले को देखने के लिए आये जहां पर आसपास के ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र के लोग इस मेला मड़ई में सम्मिलित हुए एवं मेले का भरपूर लुफ्त उठाया