सरपंच ने सरकारी भूमि में बने भवन को हटा कर बना रहे खुद के लिए दुकान और मकान… पंचायतीराज अधिनियम की उड़ाई जा रही धज्जियां

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रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले के जनप्रतिनिधि भी अजब है गजब है जहाँ पर जनप्रतिनिधियों के लिए नियम कानून कुछ और कह रहे है और इनके द्वारा अपने स्वंय के फायदे के लिए नियम कानून बना कर मनमानी कर रहें है, और कही न कही इन्हें राजनीति संरक्षण के चलते इनके हौसले बुलंद नज़र आ रहे है जो कि ग्राम इंद्री जनपद पंचायत नैनपुर में सरपँच के द्वारा सरकारी भूमि में बने सरकारी भवन को हटाकर स्वयं उस सरकारी भूमि में कब्जा करते हुए दुकान और मकान का निर्माण किया जा रहा हैं, आखिरी किसके संरक्षण में ग्राम पंचायत इंद्री के सरपंच ने सरकारी भवन तोड़कर बना रहें खुद के लिए मकान और दुकान…

वर्तमान सरपंच पद में रहते शासकीय भूमि में अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण किया जा रहा वही स्थानीय लोगो ने बतलाया की इनके द्वारा इंद्री की नदी से अबैध रेत का भी कारोबार किया जाता है और अबैध रेत की वसूली भी रेत माफिया से की जा रही है। आखिरकार सरपंच को क्यों पटवारी दे रहा हैं संरक्षण सरकारी भूमि में दुकान और भवन का निर्माण करते समय नहीं मिली जानकारी।

ग्रामवासी दबी जुबान में कर रहे है। विरोध मगर कार्यवाही के नाम पर राजस्व विभाग मोन क्यों

वही मध्यप्रदेश शासन लगातार अवैध कब्जा को हटाने को लेकर कार्यवाही कर रही है। मगर अवैध कब्जा धारियों के इतने हौसले बुलंद है। की शासन को मात देने में माहिर है। मगर जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारी की मौन सहमति के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। मगर वहीं इंद्री पटवारी भी सरपंच के साथ गहरी साठ गांठ कर मोटी रकम कमा रहा है। क्योंकि ग्राम इंद्री में जिस तरीके से अवैध कब्जा बड़ा है। उस पर राजस्व विभाग की कार्यवाही नहीं एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। और जिला प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी लगातार कब्जा करते जा रहें है। वही स्थानीय पटवारी की भूमिका भी अवैध कब्जा धारियों से मिलीभगत नजर आती है। वही जानकर बताते है। की सरपंच किसन रेत माफिया भी है। और बड़े स्तर पर रेत का अवैध कारोबार करता है। और शासन की वेश कीमती शासकीय भूमि में अवैध कब्जा कर पक्की दुकान का निर्माण कर लिया गया है। जिसकी जानकारी राजस्व विभाग के अधिकारी और नैनपुर को होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होना बड़ी साठ गांठ को उजागर करता है।

ग्राम पंचायत इंद्री के सरपंच के द्वारा सरकारी भूमि में बने भवन को हटा कर बना लिया खुद का मकान

 

सरपंच पद में रहते योजना में घोटाला और शासकीय भूमि में अवैध कब्जा कर दुकान का किया जा रहा हैं निर्माण

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम इंद्री के सरपंच किसन ऊईके के द्वारा पंचायतीराज अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी ही ग्राम पंचायत में खाली पड़ी भूमि और उस भूमि में कुछ वर्षो पहले ही उस खाली पड़ी भूमि के हिस्से में शासकीय भवन सरकारी पैसों से बनाया गया था जिसे सरपँच के द्वारा उसे हटा कर अपना पक्का मकान और दुकान का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। जहाँ पर जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के नियम कानून को ताक में रखकर शासकीय भूमि में प्रशासन द्वारा रैन बसेरा का निर्माण किया गया था। मगर सरपंच किसन उईके के द्वारा रैन बसेरा को तोड़कर स्वयं लगभग 4 हजार वर्ग मीटर पर अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कर लिया है।

सरकारी भूमि में सरपंच के द्वारा किया जा रहा अतिक्रमण

वही जब राजस्व विभाग के पटवारी से जानकारी लेनी चाही गई तो पटवारी को इस संबंध की जानकारी ही नहीं है। सरपंच के द्वारा सरकारी भूमि में अवैध कब्जा किया गया है। जिससे साफ होता है। की कही न कही राजस्व विभाग के पटवारी से बिना साठगांठ किये बिना संभव नही है, सरपंच ने पटवारी को भी जमकर मलाई खिलाई जा रही है। जो कि शासकीय भूमि में बने सरकारी भवन तोड़कर शासकीय भूमि में स्वयं का भवन और दुकान का निर्माण कर लिया है। मगर पटवारी इस कब्जे को अवैध मानने को तैयार नहीं है। ऐसा क्यो सरपंच किशन उइके के द्वारा किये गए शासकीय भूमि अबैध कब्जा को लेकर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देकर शासकीय भूमि में किये गए कब्जा को हटाने की कार्यवाही की जावेगी।

क्या कहते है जिम्मेदार….
हम जहा पर दुकान और मकान का निर्माण कार्य कर रहे है, मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत हमे पट्टा मिला चुका है औऱ पहले जो भवन बना था वह एक दिन में बनाया गया डेमो के लिए जिसका मैंने 75000 रुपये जमा किया था जो और अब वह सरकारी भूमि मेरी हो चुकी है।
किशन उईके
सरपंच ग्राम पंचायत इंद्री नैनपुर

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