जातिगत गाली-गलौंच करते हएु मारपीट करने तथा जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को 06 माह सश्रम कारावास की सजा
दैनिक रेवांचल टाइम्स डिण्डौरी:- मीडिया सेल प्रभारी डिण्डौरी मनोज कुमार वर्मा, अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि, थाना गाड़ासरई के अप0क्र0 248/2021 एवं सत्र प्र0क्र0 38/2021 के आरोपी जगदीश लाल पिता भईयालाल बघेल उम्र 59 वर्ष निवासी ग्राम धवाडोंगरी थाना गाड़ासरई जिला डिण्डौरी द्वारा पीडि़त को रास्ते में रोककर जातिगत गाली गलौंच करते हुए मारपीट करने तथा जान से मारने की धमकी देने के मामले में सुनवाई करते हुए माननीय विशेष न्यायाधीश अ.जा./अ.ज.जा. अत्याचार निवारण अधिनियम डिण्डौरी द्वारा आरोपी को धारा 3(1)(ध) एससी/एसटी एक्ट के अपराध के लिए 06 माह सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं किए जाने पर 01 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का आदेश पारित किये गये ।
_घटना का संक्षिप्त विवरण
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है, फरियादी ने थाना उपस्थित आकर मैं ग्राम धवाडोंगरी का रहने वाला हूं खेती किसानी करता हूं वर्तमान में मेरी ग्राम पंचायत धवाडोंगरी की सरपंच है हमारे ग्राम पंचायत में शासकीय रोड निर्माण का कार्य चल रहा है । दिनांक 12/07/2021 के लगभग 5:00 बजे शाम को मैं निर्माण कार्य स्थल से अपने घर मोटर साइयल से जा रहा था कि में रोड से अपने घर जा रहा था रास्ते में हमारे गांव का जगदीश लाल बघेल मिला और मुझे बोला रूक कहां जा रहा है मैंने पूछा की गाली क्यो दे रहे हो इतने में आकर मेरी मोटर सायकल के आगे खडा हो गया और मां बहन की बुरी बुरी जातिगत गाली देने लगा जो सुनने में अच्छी नही लग रही थी मैने गाली देने से मना किया जगदीश लाल के द्वारा मुझसे लपटकर लात घूसों से मारपीट करने लगा जिससे मेरे पीठ ,गाल ,घुटने आदि में चोट है दर्द हो रहा है मेरे द्वारा हल्ला गुहार करने पर गांव के लोग ने बीच बचाव किये जगदीश लाल जाते समय बोल रहा था कि मेहरा मादरचोद इस बार तो बच गया दुबारा मिला तो जान से खत्म कर दूंगा रात्रि होने से रिपोर्ट करने नही आ सका रिपोर्ट करता हूं कार्यवाही की जाये । रिपोर्ट पर अपराध धारा 341,294,323,506 ताहि. 3(1)द,3(1)ध एससी/एसटी एक्ट का अपराध पाये जाने से पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया । विवेचना में संकलित साक्ष्य के आधार पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । तदुपरांत अभियोजन के साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए माननीय विशेष न्यायाधीश अ.जा./अ.ज.जा. अत्याचार निवारण अधिनियम डिण्डौरी द्वारा उपरोक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया गया ।