औचित्यहीन अनुपयोगी स्थल पर बना 10 लाख 50 हजार का स्टॉप डेम

ऑख बन्द करके दे दी गई तकनीकि स्वीकृति वॉटर केचप एरिया का नहीं रखा गया ध्यान

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दैनिक रेवांचल टाइम्स मंडला – प्रत्येक निर्माण कार्य के पीछे जनहित का ध्यान रखा जाना चाहिए, तभी निर्माण कार्य की स्वीकृति दी जानी चाहिए। शासन जो राशि खर्च करता है, वह राशि अप्रत्यक्ष रूप से जनता की ही कहलाती है। इसका दुरूपयोग न हो, इसके लिए अनेक अधिकारी तैनात किए गये हैं। इसके बाद भी ऑख बन्द करके जिम्मेदारों द्वारा मनमाने बंदरबॉट करने के चक्कर में दस्तावेजों पर कुछ और उल्लेख करके राशि का आहरण कर लेते हैं और धरातल कुछ और ही बयॉ करते हैं। जिले में अनेक स्टॉेप डेम एवं अमृत सरोवर इसके शिकार हुए हैं। फिलहाल हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत मंडला की ग्राम पंचायत सुभरिया में बने स्टॉप डेम की। यहॉ आर.ई.एस.विभाग के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत द्वारा गिट्टी क्रेसर के पास जनपद निधि 15वें वित्त से बने 10 लाख 50 हजार का स्टॉप डेम औचित्यहीन है। यह निर्माण कार्य पहाड़ी के बीचों बीच में बना दिया गया है जिसमें एक बॅूद पानी नहीं रूकता, और इस स्थल के आसपास खेत व बसाहट भी नहीं हैं एवं आवागमन भी नहीं होता है, फिर कैंसे संबंधित तकनीकि अधिकारियों द्वारा दिनांक 14.06.2021 (क्रमांक 28) को इस निर्माण की स्वीककृति दे दी गई। यहॉ वॉटर केचप एरिया का ध्यान नहीं रखा गया। जबकि तकनीकि स्वीकृति प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है कि, इस स्टॉप डेम के निर्माण से वर्षा का पानी रोककर ग्रामवासियों द्वारा निस्तार किया जायेगा एवं मवेशी पानी पी सकेंगे लेकिन यहां ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। अब इस मामले में समाजसेवी अखिलेश सोनी ने बताया कि, तकनीकि अधिकारियों को सांसद, विधायक, मंत्रियों द्वारा तक अनुशंसित निर्माण कार्यों का धरातल में जाकर अवलोकन करने के बाद स्वीकृति प्रदान करनी चाहिए, लेकिन जिले में ऐंसा नहीं किया जा रहा है। अधिक राशि बचत करने की नीयत से उपयोगी व आवश्यक निर्माण कार्यों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उक्त स्टॉप डेम में लगभग 4 लाख रूपये ही खर्च हुए होंगे, और 10 लाख 50 हजार रूपये का मूल्यांकन कर दिया गया। श्री सोनी ने कहा कि, ग्राम पंचायत के चंद लोग यदि प्रस्ताव में हस्ताक्षर करके हवाई अड्डे की मॉग करते हैं तो क्या हमारे तकनीकि अधिकारी हवाई अड्डे की स्वीकृति दे देंगे। ठीक ऐंसे ही इस स्टॉप डेम का हाल है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त उक्त निर्माण कार्य के दस्तावेजों में उपयंत्री और एसडीओ के हस्ताक्षर में भी भिन्नता दिखाई दे रही है। मूल तकनीकि स्वीकृति में किसी और के हस्ताक्षर हैं और वर्किंग स्टीमेट फोर स्टॉप डेम कम रपटा कंस्ट्रक्शन में किसी और के हस्ताक्षर कराकर सचिव द्वारा दिया गया है। अब इस मामले की उच्च स्तरीय जॉच की अपेक्षा करते हुए मॉग की गई है कि, संबंधित जिम्मेदारों से उक्त निर्माण की राशि वसूल कर उपयोगी स्थल पर निर्माण कार्य कराया जाये, जिससे निर्माण के उद्देश्य की पूर्ति हो सके।
फोटो संलग्न है।

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