जनपद अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप, 11 सदस्यों ने बैठक का किया बहिष्कार, न्यायालय जाने दी चेतावनी….
दैनिक रेवांचल टाइम्स – डिंडोरी, शहपुरा जनपद पंचायत शहपुरा में एक बार फिर जनपद अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका आर्मो के खिलाफ आवाजें बुलंद होने लगी हैं। जनपद उपाध्यक्ष जितेंद्र चंदेल सहित 11 जनपद सदस्यों ने जनपद अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाते हुए आगामी 9 अप्रैल को प्रस्तावित सामान्य सभा की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
जनपद उपाध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बी.पी.डी.पी. (ब्लॉक स्तरीय वार्षिक कार्य योजना) के लिए पूर्व में 29 मार्च 2025 को आयोजित बैठक में विधिवत रूप से 15 सदस्यों की उपस्थिति में कार्य योजना पारित कर दी गई थी। इसके बावजूद, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कार्यालय द्वारा 2 अप्रैल को एक नया सूचना पत्र जारी कर 9 अप्रैल को पुनः वही एजेंडा लेकर बैठक बुलाना पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 45 का उल्लंघन है।
क्या कहती है धारा 45?
धारा 45 के अनुसार, जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठकें समय-समय पर नियमानुसार आहूत की जाती हैं और उनके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है।
यदि एक बार किसी प्रस्ताव को विधिवत रूप से पारित कर दिया गया हो, तो उसे पुनः बिना वैधानिक कारणों के संशोधित या दोहराया नहीं जा सकता।
इस धारा का उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अनावश्यक हस्तक्षेप से बचाव करना है।
सदस्यों का आरोप है कि पुनः बैठक बुलाकर पहले से पारित कार्ययोजना में फेरबदल करने का प्रयास इस धारा का उल्लंघन है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि बैठक दोबारा बुलाने की मंशा जनपद अध्यक्ष के निजी हितों से जुड़ी हुई है। सदस्यों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष प्रियंका आर्मो पूर्व में भी पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए सदस्यों के साथ अपमानजनक व्यवहार करती रही हैं। इससे पहले उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया जा चुका है, जिसमें 17 में से 11 सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया था।
जनपद उपाध्यक्ष जितेंद्र चंदेल ने कहा कि पूर्व बैठक में अनुमोदित एजेंडा को दोबारा चर्चा में लाना पूरी तरह से विधि विरुद्ध है और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। वहीं, अन्य सदस्यों ने चेतावनी दी है कि यदि पूर्व में पारित कार्य योजना में किसी प्रकार का फेरबदल किया जाता है या उनकी मांगों की अनदेखी की जाती है, तो वे न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होंगे।
यह पूरा घटनाक्रम जनपद पंचायत शहपुरा में प्रशासनिक अनियमितताओं और आंतरिक मतभेदों को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस स्थिति पर क्या रुख अपनाता है और मामले में किस तरह की कार्रवाई होती है।
