ग्राम पंचायत इमलाई मैं बने करीब12 लाख की लागत से चेक डेम निर्माण कार्य सरपंच सचिव उपयंत्री की मिली भगत के चलते चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट

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दैनिक रेवांचल टाइम्स डिंडोरी… डिंडोरी जिले के आदिवासी बाहुल्य जिले में लगभग सभी ग्राम पंचायतो में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा लांघ चुकी है और एक तरफ डिंडोरी कलेक्टर जिले को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का हर मुकिन प्रयास कर रहे हैं पर अफसोस कामयाबी नहीं मिल पा रही है
वैसे तो भ्रष्टाचार तले विकास के दबे होने की बात आए दिन अखबारों की सुर्खियां बटोर रही है पर ना शासन की नींद खुल रही है और ना ही प्रशासन की, जिसका परिणाम यह होता है कि शासन की जनकल्याणकारी योजना मैदानी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है देखने में यह आ रहा है की योजनाओं में गड़बड़ी के संबंध में ग्रामीणों के द्वारा आवाज ही नहीं उठाई जाती है क्योंकि योजना के संचालित करने मैदानी स्तर पर बैठे पंचायत कर्मियों से कहीं उनकी दुश्मनी ना हो जाए, फिर चाहे योजना का लाभ देने हितग्राहियों से कितने भी रुपए ऐंठ ही क्यों ना लें ,वही जो ग्रामीण भ्रष्टाचार की आवाज उठाते भी हैं तो, योजनाओं को संचालित करने जिन जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है वे उच्च अधिकारी मैदानी स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते फिर चाहे उसके लिए शासन के किसी भी कानून को ही क्यों ना तोड़ना पड़े। ऐसा ही मामला हाल ही में जनपद पंचायत डिंडोरी के ग्राम पंचायत इमलई का है जहां सरपंच सचिव उपयंत्री रविंद्र कुमार भाजीपाले करीब 12 लाख की लागत से चेक डेम का गुणवत्ता हीन निर्माण कराया गया जिसके चलते सरकार की एक एहम योजना भ्रष्टाचार के मुंह में समा गई चेक डेम की हालत अब खस्ता हो चुकी है जगह जगह से पानी का रिसाव हो रहा है जो अपनी गुणवत्ता को दर्शा रहा है कुछ ग्रामीणों ने अपना नाम गुप्त रखने का निवेदन किया और बताया कि चेक डेम को ठेकेदार के हवाले कर दिया गया था और ठेकेदार के द्वारा निर्माण के दौरान काफी घटिया तरीके से निर्माण किया गया जिसके चलते आज चेक डैम आज टूटने की कगार में आ गया है वहीं चेक डेम के मामले में ईमलई पंचायत के सचिव जगदीश धुर्वे से बात किया गया तो सचिव महोदय ने जवाब दिया कि आज तक मैने उस चेक डेम को देखा ही नहीं पूरा काम तो रविंद्र भाजीपाले उपयंत्री साहब ने करवाया है आप के माध्यम से जानकारी लग रही है में देख के बताता हु फिर फोन उठाना ही बंद कर दिए इससे साफ जाहिर होता है कि ग्रामीणों ने सच ही बताया था चैक डेम को ठेकेदार के सुपुर्द कर दिया गया था साफ पता चलता है कि सरपंच सचिव उप यंत्री घर बैठे ही मलाई चांट रहे है और कितनी लापरवाही से काम को अंजाम दे रहे है
ओर हो भी क्यों न जिले से लेकर जनपद ओर जनपद से लेकर पंचायतों तक सारे जिम्मेदारो की मिलीभगत से कुछ भी मुमकिन है हालांकि अब देखना होगा क्या इस खबर से प्रशासन जागती है अपनी चुप्पी तोड़ती है या ऐसे ही लापरवा सरपंच सचिव उपयंत्री और ठेकेदारो के हाथों सरकार की जन कल्याण कारी योजनाओं का कतले आम होगा क्या सरपंच सचिव उपयंत्री यूं ही भ्रष्टाचार करते रहेंगे यह तो अपने आप में यहम सवाल है

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