खुद की भूमि में मकान बनाने 12 साल से भटक रहा परिवार अनावश्यक परेशान

सर कलम करने की धमकी देता है दबंग राजस्व अधिकारी की भूमिका सवालों के घेरे में

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रेवांचल टाइम्स – मंडला आदिवासी बाहुल्य जिले में राम राज्य की कल्पना करना व्यर्थ है जब पीड़ितो को समय पर उचित न्याय न मिले, न्याय के लिए दर दर भटकना पड़े ऐसे में कैसे इस जिले में राम राज्य की कल्पना की जा सकती है।
वही जानकारी के अनुसार एक मामला सामने आया है जहाँ पर मंडला जिले के नारायणगंज का है, जिसमे पीड़ित परिवार ग्राम पटेहरा निवासी किशोर लोधी के द्वारा स्वयं एवम् अपनी पत्नी के नाम से वर्ष 2011 में रतनसिंह ठाकुर पिता रंजीत सिंह ठाकुर निवासी ग्राम पड़रिया नारायणगंज से जमीन खरीदी जिसकी विधिवत रजिस्ट्री भी कराई गई थी तब किसी को कोई आपत्ती नही थी लेकिन जेसे ही वो जमीन किशोर लोधी ने क्रय कर उक्त भूमि में मकान निर्माण करना चाहा तो अनावेदक अब्दुल रहीम मंसूरी पिता शेखचांद के द्वारा अनावश्क रूप से प्रताडित करने मकान निर्माण में रोक लगाई जाती है यहां तक की भू स्वामी को सर काटने जान से मारने की खुलेआम धमकी भी दी जा रही है, और तहसील से स्टे भी लगाया जाता है। कागजात देखने के बाद स्टे भी खुल जाता है लेकिन मकान निर्माण में जबरन धमकियां दी जा रही है अखिर क्या वजह है जो संबंधित भूमि की रजिस्ट्री होने और भू अभिलेख राजस्व रिकॉर्ड में किशोर लोधी ब पुष्पा लोधी का नाम होने के बाद भी अनावेदक के द्वारा मकान निर्माण में रोक लगाई जाती है जबकि उक्त खसरे की चतुर्सिमा में भी अनावेदक का कोई कब्जा नही है इसके बाद भी संबंधित अधिकारी के द्वारा किस आधार पर अनावेदक के आवेदन पर मौका मुआयना किए बगैर स्टे ऑर्डर दे दिया जाता है समझ से परे है। जबकि विवादित स्थिति
को देखते हुए उक्त भूमि का सीमांकन भी कराया जा चुका है उक्त भूमि में अनावेदक अब्दुल रहीम मंसूरी का कोई संबंध नहीं है यह जानते हुए भी राजस्व अधिकारियों के द्वारा बार बार भू स्वामी को 12 साल से परेशान किया जा रहा है।

जमीन बेचने के बाद भी नही देता किसी को कब्जा करता है, गुंडागर्दी

वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब्दुल रहीम मंसूरी के द्वारा प्लाटिंग की जाती है, साथ ही अनेक लोगो को प्लाट बेचे गए है जिसकी बकायदा रजिस्ट्री भी कराई जाती है लेकिन जमीन बेचने रुपए लेने के बाद भी क्रेता को जमीन में कब्जा नही दिया जाता और अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता हे। इनके द्वारा बेचे गए सभी प्लाट एवम रजिस्ट्री की जांच कराई जाए आखिर क्या कारण है जो जमीन बेचने के बाद क्रेताओ को भूमि में निर्माण कार्य नहीं करने दिया जाता जबकि भूमि का डायवर्सन भी हो चुका है, मतलब अनावेदक राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत और गुंडा गर्दी के चलते लोगो से पैसे ऐठने के चक्कर में जमीन की रजिस्ट्री तो करा दी जाती है लेकिन जमीन नही दी जाती ऐसे अनेक लोग हैं, जो जमीन तो खरीद लिए हैं लेकिन उन्हें आज तक मालिकाना हक नही मिल रहा है। ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही न करने ब पीड़ित परिवार को सहानुभूति न दिखाते हुए उल्टा पीड़ितो को ही जेल भिजवाने की धमकी देना कितना उचित है न्याय के लिए पीड़ित परिवार दर दर भटक रहा है जनसुनवाई में आकर कलेक्टर को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है पीड़ित अगर न्याय के लिए ऐसे ही दर दर भटकते रहेंगे तो भाजपा की मोदी सरकार का हिंदू राष्ट्र की कल्पना करना और राम राज्य का सपना व्यर्थ सिद्ध होगा शासन प्रशासन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि इस मामले को संज्ञान में ले ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

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