अमृत सरोवर योजना को सरपंच सचिव उपयंत्री ने चढाया भ्रष्टाचार की भेंट
वर्ष 2022-23 में लगभग 97 लख रुपए से स्वीकृत अमृत सरोवर योजना में उपयंत्री संदीप शुक्ला ने जमकर छानी रबडी…
दैनिक रेवांचल टाइम्स – आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी होने के कारण सरपंच से लेकर संसद तक सभी सीटों पर आदिवासी नेताओं का कब्जा है और इस जिले के विकास की जिम्मेदारी इन जनप्रतिनिधियों के हाथों में है केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक सरकार खुद चाहती है कि शासन की योजनाएं जो चलाई जा रही है उनका पूरा लाभ आम जनता तक सीधा पहुंचे और बिना किसी भी तरह का कोई भ्रष्टाचार कमीशन खोरी ना हो लेकिन जब जिम्मेदार और चुने हुए प्रत्याशी चुनाव जीतकर आते हैं तो शासन की योजनाओं में लगने वाली राशि को खुद तिजोरी में रखे हुए धन समझकर बंदरबाढ करने में कोई कसर नहीं छोड़ते आए दिन भ्रष्टाचार के नए तरीके और नए कृतिमान स्थापित करने में लगे रहते हैं ऐसा ही कुछ मामला ग्राम पंचायत मुड़िया खुर्द का प्रकाश में आया है जहां शिकायत करता राकेश कुमार ठाकुर पिता हिम्मत सिंह ठाकुर निवासी ग्राम मुड़िया खुर्द ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बतलाया कि ग्राम पंचायत मुड़िया खुर्द में वर्ष 2022-23 में लगभग 97 लाख रुपए की राशि से अमृतसर तालाब का निर्माण कार्य लगभग 50 सेक्टर कृषि भूमि में सिंचाई कार्य कराया जाना था जिससे वहां पर स्थित किसानों को सिंचाई हेतु जल पूर्ति बने रहे और किसान अपनी कृषि में अच्छे से सिंचाई कर सके लेकिन अमृत सरोवर निर्माण कार्य में सरपंच सचिव उपयंत्री द्वारा नियमों को दर किनार करते हुए और अपनी जेब भरने के लिए अमृत सरोवर तालाब को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिए जिसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि तालाब का निर्माण कार्य सही तरीके से नहीं किया गया है और जगह से पानी भी रिसाव हो रहा है अगर ऐसा ही पानी रिसाव होता रहा तो गर्मी के दिनों में तालाब में बिल्कुल भी पानी नहीं रह जाएगा और इसका विरोध हमने तलाव बनते समय भी किया था लेकिन हमारी किसी ने भी एक न सुना और अधिकारी अपनी मर्जी से करते काम करते रहे जिसका खामियाजा हमें अब गर्मी के दिनों में भुगतना पड़ेगा और हम सिंचाई से वंचित रह जाएंगे सरपंच सचिव और उप यंत्री खुलेआम फर्जीबाडा करने में कोई कसर नहीं छोड़ छोड़ते हैं जिम्मेदार अधिकारी भी इस और कार्यवाही करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं जिसके चलते सरपंच सचिव और उप यंत्री के हौसले दिन व दिन बुलंद होते नजर आ रहे हैं प्रदेश के मुखिया लाख भले कुछ भी कह ले मगर भ्रष्टाचार्यों को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि उनकी आदत पड़ चुकी होती है उन्हें मालूम है कि ज्यादा से ज्यादा शिकायत होगी और जांच होगी जांच अधिकारी को कैस सांठगांठ कर हमें दबाना है भ्रष्टाचार्यों कोअच्छे से आता है वही प्रदेश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है मगर भ्रष्टाचार को रोकने वाले अधिकारी भी भ्रष्ट होते नजर आ रहे हैं वही ग्राम पंचायत मुड़िया खुर्द के सरपंच सचिव और उप यंत्री ने मिलकर अमृत सरोवर में घोटाले की बाढ़ ला दिए है उन्हें प्रशासन का किसी भी प्रकार का कोई डर नहीं है उनके हौसले बुलंद हैं। वही मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री अवार्ड के लिए भी नाम प्रस्तावित किया जाना चाहिए वहीं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने अमृत सरोवर तालाब योजना में जमकर गोलमाल किया है वहीं अधिकारियों की मिली भगत से ग्राम पंचायत मुड़िया खुर्द में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है निर्माण कार्य में बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है वैसे तो उपयंत्री संदीप शुक्ला हमेशा से ही विवादों में घिरे रहे हैं वर्ष 2022-23 में संदीप शुक्ला उपयंत्री मुड़िया खुर्द ग्राम पंचायत में पदस्थ थे जहां इन्होंने अमृत सरोवर निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार मचाया अब यहां उपयत्री महाशय कुछ समय पहले ग्राम पंचायत चटुवा मैं भी पदस्थ रह चुके हैं जहां उनकी भ्रष्टाचार की गंगा बहाने से नहीं रख पाई इन्होंने पुलिया निर्माण कर में भी जमकर भ्रष्टाचार मचाया रखा था ग्राम पंचायत मैं निवासरत ग्रामीणों को हर मूलभूत सुविधाएं देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और सरकार वहां योजनाओं के माध्यम से सरकार ग्रामीण को लंबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है पर भ्रष्टाचार के कारण से जनता को सरकार से मिलने वाली योजनाओं में डाका डाला जा रहा है और खुला भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उन्हें बचाने के लिए कहीं ना कहीं उनके ऊपर बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी भी अपने निजी स्वार्थ के चलते उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर दिखावा कर उनकी भ्रष्टाचार में पर्दा डाल रहे हैं पर आखिर कितने दिनों तक वही ग्राम पंचायत के भ्रष्ट और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए सरकार अथक प्रयास में लगी हुई है वही भ्रष्टाचार हावी होते नजर आ रहा है वहीं कुछ छोटे कर्मचारियों द्वारा योजनाओं का भरपूर लाभ उठाकर गरीबों का कर रहे हैं शोषण शासन की योजनाओं से हमेशा रखते हैं वंचित लगातार सरकार की योजना ग्राम पंचायत में सरपंच सचिव उपयंत्री की मिली भगत के चलते दम तोड़ती नजर आ रही है आखिर यह भ्रष्टाचार कब तक चलते रहेगा यह तो अपने आप में एक अहम सवाल है।