अतिथि शिक्षकों की सेवाएं निरंतर जारी रखते ही विशेष पुलिस अधिकारी बनाया जाए :

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दैनिक रेवांचल टाइम्स – मंडला
जल्द ही होने जा रहे लोकसभा चुनाव ड्यूटी के अंतर्गत विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में सेवाएं लेने की तैयारी तो दूसरी तरफ स्कूलों से बाहर करने की चर्चा ऐसे में हजारों अतिथि शिक्षकों का भविष्य क्या वर्तमान भी सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है। अतिथि शिक्षकों के प्रति सरकार के इस दोगले रवैए से तो शोषण की स्पष्ट बू आती है‌,उनके अधिकारों का भी हनन समझ में आता है। सरकार से मांग की जाती है,कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए भी निरंतर जारी रखकर चुनाव में विशेष पुलिस अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाए।
बता दें,इस समय मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के साथ दोहरा मापदंड बनाने में सरकार कसर अभी भी नहीं छोड़ रही है।वैसे भी सत्रह वर्षों से मध्यप्रदेश के लाखों अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं देते अपना भविष्य बर्बाद कर चुके हैं।अब तक भी रैगुलर नहीं किया जा सका है। सैकड़ों अतिथि शिक्षकों की तो मृत्यु भी हो चुकी है।अब तो अधिक उम्र होते जाने के कारण भी इस काम के अलावा अन्य काम कर पाने की स्थिति में अतिथि शिक्षक नहीं हैं।बावजूद सरकार उनकी एक भी मांग को अब तक भी पूरा नहीं कर पा रही है।
जानकारी के अनुसार अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी अप्रैल-मई में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में लगाए जाने की तैयारियां जोरों पर है। मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में इस तरह से ड्यूटी पिछले विधानसभा चुनावों में भी लगाई जा चुकी है।वहीं दूसरी ओर शिक्षा सत्र 2023-24 समाप्त होते ही 31 मार्च से अतिथि शिक्षकों को स्कूलों से बाहर किए जाने की चर्चा भी विद्यालय संस्था प्रधानों के द्वारा गुपचुप जारी है। कुछ जिलों के कुछ संस्था प्रधानों के द्वारा तो बाहर किये जाने के आदेश भी जारी किये जा रहे हैं।आखिर मंडला जिले में अब तक मौखिक जानकारियां ही आ रही हैं।
सूत्रों के द्वारा पता लगा है,कि 1 अप्रैल से अतिथि शिक्षकों की हाजिरी शिक्षकान् रजिस्टर में नहीं बल्कि अन्य रजिस्टर में लिए जाने की बात संस्था प्रभारियों के द्वारा की जा रही है और कहा भी जा रहा है,कि शासन स्तर से आदेश प्राप्त होने पर ही अप्रैल का मानदेय भुगतान किया जाएगा। आदेश नहीं आ पाने की स्थिति में अतिथि शिक्षक अप्रैल के मानदेय की मांग भी नहीं कर सकेंगे।ऐसा किया जाता है,तो अतिथि शिक्षक परिवार इसका विरोध करता है‌।ऐसे में 1 अप्रैल से बाहर किए हुए अतिथि शिक्षक 19 अप्रैल से होने वाले लोकसभा चुनावों में विशेष पुलिस अधिकारी की ड्यूटी किस आधार पर कराई जाएगी ? यह अतिथि शिक्षकों के हित में बहुत बड़ा सवाल है। या फिर अतिथि शिक्षकों को सरकार बहुत बड़ा मजाक का विषय बना चुकी है।अतिथि शिक्षकों का इस तरह शोषण खुले आम शासन और प्रशासन की मिली भगत से लगातार जारी है।जो रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
सरकार से मांग की जाती है, कि अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी लोक-सभा चुनावों में लगाई जाए इस निर्णय का अतिथि शिक्षक परिवार स्वागत करता है,परंतु शिक्षा सत्र 2024 के कार्यकाल के लिए सेवाएं भी निरंतर जारी रखी जाएं। साथ ही किसी भी कारण से बाहर कर दिए गए अतिथि शिक्षकों को शिक्षा सत्र 24-25 के लिए स्कूलों में आमंत्रित किया जाए।जैसा कि सर्वविदित है,तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा 2 सितंबर 2023 को शासकीय खर्चे पर भोपाल में पंचायत बुलाकर अतिथि शिक्षकों के हित में तमाम घोषणाएं की जा चुकी हैं।जिनसे प्रभावित होकर प्रदेश के लाखों अतिथि शिक्षक परिवार और उनके संपर्क वालों ने सत्ता पक्ष का समर्थन किया था।जो अतिथि शिक्षकों के लिए कोई काम की घोषणाएं नहीं रहीं।

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