वंशिका’ की वापसी, बिना पंजीयन फिर शुरू हुआ रेत का उत्खनन, डंफर मचा रहे आतंक, नदी के अंदर ही बना डाली सड़कें….
रेवांचल टाईम्स – मंडला, जिले एक बार पुनः रेत माफियाओं औऱ उनके डंपर मचा रहें है आतंक, शुरू हो चुका है डंफरो का तांडव, 24 घण्टे बेलागम सड़कों में दौड़ रहें ओवरलोड़ डंफर, नदियों के अंदर बना डाली सड़के ख़तरे में पर्यावरण और जलियजीव आने वाले समय मे जिले में नही रहेगा रेत का नामोनिशान,
वही सूत्रों सर प्राप्त जानकारी के अनुसार वंशिका कंसट्रक्शन’ की करीब 3 महीने के अंतराल के बाद फिर जिले में वापसी हुई है। इसकी वापसी के साथ बिना पंजीयन इसके द्वारा पुनः रेत खदानों पर काम शुरू कर दिया गया है। ठीक उसी तरह से जिस तरह से इसने अकटूबर से जनवरी महीने के दरम्यान बिना खदानों का पंजीयन कराए और शासन को इसकी मोटी राशि चुकाये बगैर किया था, जिम्मेदार जिला खनिज विभाग और राजस्व विभाग पुलिस प्रशासन सब के सब मौन धारण कर बैठें हुए है।
15 करोड़ कम पर हासिल किया काम
2023 से 2026 तक के जिले की 26 रेत खदानों के संचालन के लिए करीब साढ़े 47 करोड़ रुपये वार्षिक रायल्टी दर पर ‘वंशिका’ को एमडीओ (माइंस डेवलपर एंड ऑपरेटर) नियुक्त किया था। एक महीने बाद ही इसके द्वारा ठेका सरेंडर करने का आवेदन ला दिया गया और जनवरी महीने में इसने अपना माल असबाब समेट लिया था। माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा नए सिरे से बुलाए गए टेंडर को ‘वंशिका’ ने पुनः हासिल कर लिया। वह भी करीब 15 करोड़ – रुपये कम पर। जिला खनिज 15 करोड़ कम पर हासिल किया काम पर खनिज विभाग अधिकारी राहुल शांडिल्य के अनुसार ‘वंशिका’ ने जिले की 26 रेत खदान का काम 32 करोड़ 38 लाख 12,445 रुपए में पुनः हासिल किया है।
खनिज महकमे की मेहरबानी फिर आई सामने
वही जानकारों की मानो तो इस बार भी खनिज महकमे की ‘वंशिका’ पर मेहरबानी पहले ही दिन से बनी हुई है। इसी मेहरबानी का नतीजा है कि रेत खदानों का पंजीयन हुए बिना रेत के उत्खनन व परिवहन का काम शुरू कर दिया गया है। इस मुद्दे पर जब जिला खनिज अधिकारी राहुल शांडिल्य से बात की तो उन्होंने मौके पर टीम भेज कर कार्यवाही करने की बात कही।
तीन दिन में ही मनमानी शुरू
वही जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2024 से ‘वंशिका’ को काम दिया गया है। इधर अनुबंध हुआ ही कि ‘वंशिका’ ने बंजर नदी में बड़ी बड़ी मशीनें उतार दी है। बंजर नदी बरबसपुर रेत खदान के अलावा नदी के दूसरी ओर की अघोषित खदान कातामाल में रेत का अबैध उत्खनन मशीनों के जरिए शुरू कर दिया है ग्रामीणों के अनुसार बरबसपुर और कातामाल में चार पोलैंड मशीनों के ज़रिए रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रेवांचल टाईम्स की टीम ने मौके देखा कि जहाँ कभी पानी बहता था वहां आज सड़क बन चुकी नदियों के अस्तित्व और पर्यावरण के साथ रेत ठेकेदार के द्वारा छेड़छाड़ की जा रही है औऱ मनमाने तरीके से जहा मनमाफ़िक रेत का खनन किया जा रहा हैं। औऱ जहाँ खदानें स्वीकृति वहा रेत की मात्रा कम पर जिस स्थान में कभी खदानें स्वीकृति थी ही नही उसके बाद रसूखदार अपने बाहुबल के दम पर खुलेआम खनन किया जा रहा हैं और जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन गांधी जी के तीन बन्दरों की तरह बैठें नज़र आ रहें है।
तेज गति से निकलते हैं ट्रेक्टर औऱ डंफर
सूत्रों की माने तो बम्हनी बंजर क्षेत्र के काता, बरबसपुर, भड़िया, सिलगी बंजर पुल, मुगदरा, टाटरी ,बहेरी, बंजर से बड़ी मात्रा में रेत की निकासी की जा रही है। और पूरी रात डंफरो की धमाचौकड़ी मची हुई हैं, बम्हनी बंजर थाना क्षेत्र के नजदीक बरबसपुर, काता रेत खादान होने के कारण परिवहन समय पर हो जाता है। वाहन में डीजल भी कम लगता है। जिसका फायदा ट्रेक्टर, हाइवा, डंफर, 709, ट्रक, संचालक उठा रहे हैं। बरबसपुर और काता से रेत लेकर बम्हनी बंजर के काली चौकी मुगदरा तिराहा से निकल कर ओवरलोड रेत का परिवहन कर रहे डंफर, हाइवा जैसे वाहन भी बेलगाम गति से बस स्टैंड से कन्या शाला स्कूल की तरफ के मार्ग से भाग रहे हैं। जिससे हवेली स्कूल, बस स्टैंड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि के रहवासी डंफर,हाइवा की धमाचौकड़ी से परेशान है। 12 टन, 16 टन के हाइवा डंफर में 50 से 60 टन रेत ओरवलोड लीजिए जा रहे है। जिससे सड़क पर रेत गिरने से वाहन चालक फिसल रहे हैं।
रेवांचल टाईम्स से नारायण यादव की रिपोर्ट