यादवों पर हो रहा अत्याचार और चैन की बंसी बजा रहे मोहन…..? पीड़ित महिला को नहीं मिल रहा न्याय शासन प्रशासन कर रहा परेशान

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रेवांचल टाईम्स – मण्डला, आदिवासी बाहुल्य जिले में यह बडे दुर्भाग्य की बात है कि मध्यप्रदेश में डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ही यादवों पर अत्याचार हो रहा है और शासन-प्रशासन द्वारा न ही कोई सुनवाई की जा रही है और न शीघ्र न्याय प्रदान नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से पीडित महिला न्याय पाने के लिए सिर्फ परेशान हो रही है।

मामला मण्डला जिले की तहसील नैनपुर के ग्राम पाठासिहोरा का है। यहां पर समीपस्थ ग्राम परसवाडा की महिला अनीता यादव द्वारा अपने परिवार के भरण पोषण के लिए एक छोटे से ठेले में जनरल स्टोर्स विगत कई वर्षो से संचालित कर रही है। यही पर ग्रामवासियों की सहमति से पक्के दुकान का निर्माण अनीता यादव द्वारा किया जा रहा है जिसे मण्डला के कपिल कछवाहा एवं उनके गुंडो द्वारा तोड दिया गया और इनके द्वारा कहा जा रहा है कि हमारी भूमि पर दुकान का निर्माण किया जा रहा था जबकि महिला का कहना था कि वह शासकीय भूमि पर दुकान का निर्माण करा रही थी जहां पर विगत कई वर्षो से ठेला जमा कर जनरल स्टोर्स संचालित कर रही है। इस संबंध में जिला स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में शिकायत की गई लेकिन कोई परिणाम सही नहीं निकला। पुलिस को 100 नंबर लगाकर शिकायत की गई लेकिन आरोपियों के खिलाफ सही कार्यवाही नहीं की गई बल्कि उलटा अनीता यादव और उनके पति के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई। इस संबंध में महिला द्वारा सीएम हेल्पलाईन में शिकायत की गई थी लेकिन मामला राजस्व कार्यालय में पहुंचाकर सीएम हेल्पलाईन की शिकायत को भी दबाव बनाकर बंद कर दिया गया है, जिससे महिला संतुष्ट नहीं है महिला के बिना पूछे ही शिकायत को बंद किया गया है। बताया जा रहा है कि इस समय में मामला राजस्व कार्यालय नैनपुर में विचारधीन है। महिला को 7-7 दिन में बुलाया जा रहा है, और केवल परेशान ही किया जा रहा है, कोई भी निराकरण नहीं किया जा रहा है। सिर्फ जबाव के उपर जबाव मांगा जा रहा है औऱ केवल औपचारिकता निभाई जा रही और इसके अलावा कुछ नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर यादव मुख्यमंत्री के राज में यादवों पर ही अत्याचार हो रहा है। और दूसरी तरफ प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव चैन की बंशी बजा रहे हैं। लोग सवाल कर रहे है कि आखिरकार पीडित महिला को न्याय क्यों नहीं प्रदान किया जा रहा है। वही जनचर्चा चल रही है, कि शासन-प्रशासन द्वारा रसूखदार आरोपियों को बचाया जा रहा है और पीडित गरीब महिला को परेशान किया जा रहा है। वही महिला का कहना है कि पटवारी को खर्चा पानी नहीं मिलने पर वह भी नाराज़ होकर फर्जी प्रतिवेदन बना रहे हैं । मौका स्थल की जांच जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही है जनापेक्षा है सरकार शीघ्र ध्यान देते हुए रसूखदारों पर कार्यवाही कर पीड़ित महिला को न्याय दिलाये।

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