जिले के छोटे मझोले किसान सुपर फ़ूड चिया अपना रहे ” जीरो टिल तकनीक बगैर जुताई के खेत की बुबाई एवम चिया सुपर फ़ूड फसल का रकवा बढ़ाने में रुचि ले रहे किसान…
रेवांचल टाइम्स मंडला – जिला मंडला के विकासखंड बीजाडांडी के ग्राम खापा माल में नई तकनीक एवम नई फसलों को अपना रहे किसान
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के कारण किसान अपनी पारंपरिक खेती के तरीकों से परेशान हो रहे हैं। इस चुनौती का समाधान खोजने के लिए बोरलॉग इंस्टिट्यूट फॉर साउथ एशिया और स्थानीय कृषि विभाग ने मिलकर किसानों को नई और प्रभावी तकनीकों के माध्यम से कृषि सुधार का अवसर प्रदान किया है। बोरलॉग इंस्टीट्यूट के तत्वावधान में , परियोजना संचालक आत्मा कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी बी टी एम मोहित गोल्हानी तकनीकी सहायक चंदन जी बीजाडांडी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के सी ई ओ यसवंत गोल्हानी के मार्गदर्शन में किसानों से संपर्क कर इस नई तकनीक का प्रचार प्रसार जिले के ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिल सके उसके प्रयास किये जा रहे रतन मरावी ने चिया फसल के किस्म मेक्सिकन 2 अपने खेत मे पहली बार लगाया और बताया कि यह फसल हमारे लिए कम लागत में अधिक आय मिलेगी मण्डला जिले के ग्राम खापा माल बीजाडांडी जीरो टिल तकनीक का उपयोग करके गेहूं की बुवाई के एक अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस पहल में शामिल किसान रसल सिंह ओयाम , हिम्मत मरकाम ,महेश मसराम ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले कुछ वर्षों में मौसम की
प्रभाव को समझते हुए, मैंने अपनी खेती के तरीकों को बदलने का निर्णय लिया।
अब मैं जलवायु-सहनीय खेती को अपनाकर अपनी फसलों की सुरक्षा कर रहा हूं।
बताया कि जीरो टिल जैसी तकनीकों के कारण उनकी खेती की लागत में कमी आई है और प्रक्षेत्र प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो रहा है। इसके साथ ही, ये तकनीकें बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक चुनौतियों से निपटने में भी मददगार साबित हो रही हैं।
इस पहल में बोरलॉग इंस्टीट्यूट ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके विशेषज्ञों ने किसानों को नई तकनीकों के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उन्हें इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया। हैप्पी सीडर और जीरो टिल तकनीकों से न केवल मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, बल्कि पानी का संरक्षण भी होता है, जिससे फसलों की पैदावार में सुधार होता है। कृषि विभाग के प्रयासों से किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए नई उम्मीदें मिली हैं।