भोपाल आंदोलन के लिए फिर मजबूर अतिथि शिक्षक 2 अक्टूबर को भोपाल पहुंचने की कर रहे हैं तैयारी : पी.डी.खैरवार
आश्वासन मात्र बनकर रह गए पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा और वर्तमान शिक्षामंत्री के वादे
रेवांचल टाईम्स – मंडला, महाराज और शिवराज अतिथि शिक्षकों को न्याय दिला पाने में फिसड्डी मोहन की अब परीक्षा।
अतिथि शिक्षक महासंघ से जिला अध्यक्ष मंडला पी. डी. खैरवार ने बताया है, अतिथि शिक्षक 2 अक्टूबर को भोपाल में आंदोलन करने के लिए फिर मजबूर हो रहे हैं।जबकि बीस दिन पहले ही 10 सितंबर को भारी संख्या बल के साथ भोपाल के अंबेडकर पार्क में आंदोलन किया गया था।जिससे प्रभावित होकर सरकार बात करने राजी भी हुई थी।
अतिथि शिक्षक मेहमान हैं जैसे शिक्षा मंत्री जी के बयान से आहत वैसे भी अतिथि शिक्षक खेमा शिक्षामंत्री से बेहद नाराज चल रहा है।10 सितंबर के आंदोलन से प्रभावित 11 सितंबर की बैठक में बनी सहमति के आदेश भी अब तक नहीं हुए ।
दस सितंबर भोपाल तिरंगा यात्रा के बाद 11 सितंबर को स्कूल शिक्षा मंत्री,प्रमुख सचिव और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के साथ अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की अति आवश्यक बैठक हुई थी जिसमें दस माह का अनुबंध, स्कोर कार्ड में दस अंक प्रतिवर्ष अधिकतम 100 अंक जोड़ने, 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वालों को एक और अवसर देने पर सहमति बनी थी उनके आदेश भी आज दिनांक तक जारी नहीं हुए हैं। 30 सितंबर तक आदेश जारी नहीं होने पर 2 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन का अल्टीमेटम भी संगठन के द्वारा दिया गया था।अब भी अतिथि शिक्षकों का काम से अलग होना बंद नहीं हो पा रहा है और काम से बाहर हुए अतिथि शिक्षकों को काम पर बुलाया नहीं जा रहा है। जिससे बार-बार ठगे छले जा रहे अतिथि शिक्षक परिवार में भारी आक्रोश व्याप्त है।मंडला जिले के अतिथि शिक्षक भी 2 अक्टूबर को भोपाल आंदोलन में भारी संख्या बल के साथ पहुंचने के लिए तैयार हैं।
बता दें,कि सरकार किसी की भी रही हो, सरकारें चुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के बेहतरीन सपने दिखाते हैं और बाद में वादाखिलाफी करने भी चूकते नहीं हैं। सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी उनके वचन पत्र में लिखा था सरकार बनने के तीन माह के अंदर नियमित करेंगे । सरकार बनी तो अतिथि शिक्षक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को पिछले पंद्रह वर्ष का कचरा दिखने लगे । बीजेपी सरकार ने भी विधानसभा चुनाव से पहले 2 सितंबर 2023 को अतिथि शिक्षक पंचायत आयोजित करके घोषणा मात्र में अनेक सौगातें दी थीं । उनके एक वर्ष बाद भी घोषणाएं पूरी नहीं हुईं। पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणानुसार गुरुजियों की भांति विभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने, वार्षिक अनुबंध कर बीच में किसी को बेरोजगार ना करने, सीधी भर्ती में पचास प्रतिशत आरक्षण और बोनस अंक देने का वादा किया था । पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी की घोषणा के बाद हजारों अतिथि शिक्षकों को सीधी भर्ती प्रमोशन और ट्रांसफर से बाहर कर बेरोजगार कर दिया है। सरकार ने भविष्य सुरक्षित करने का वचन दिया था ना कि वर्षों से कार्यरत अनुभवी अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार करने का …??
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी खुले मंच से अतिथि शिक्षकों को न्याय दिलाने की बात करते आए हैं। अतिथि शिक्षकों को मान सम्मान और न्याय दिलाने के लिए सत्ता परिवर्तन कर बीजेपी में शामिल हुए थे। आज भी केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है तो फिर अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय क्यों ??
डॉ मोहन यादव भी विधायक रहते लिख चुके हैं समर्थन में पत्र
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी अनुभवी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने पत्र अपने विधायकी काल में लिख चुके हैं। आज आप मुख्यमंत्री हैं । आज सभी अतिथि शिक्षक इनकी ओर आश लगाए देख रहे हैं।विपक्ष भी अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने का समर्थन कर रहा है, तो फिर क्या दिक्कत है?? क्या सरकार अपने वादे पूरे करेगी या फिर अतिथि शिक्षक सिर्फ चुनावी फुटबाल बने रहेंगे ।
02 अक्टूबर को सरकार की वादाखिलाफी का पुरजोर विरोध करेंगे अतिथि शिक्षक
हजारों अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंच कर 2 अक्टूबर को सरकार की वादाखिलाफी का विरोध करेंगे। अतिथि शिक्षक समन्वय समिति भी भोपाल में होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए सभी अतिथि शिक्षकों को भारी संख्या बल के साथ पहुंचने की अपील करती है।
पी डी खैरवार
ज़िला अध्यक्ष
मंडला
अतिथि शिक्षक महासंघ मध्यप्रदेश