जिले में पर्यटन केन्द्रों को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी – कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा

जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की समीक्षा एवं कार्यशाला संपन्न हुई

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मंडला 19 सितंबर 2024

जिले में पर्यटन केन्द्रों को चिन्हित कर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के द्वारा विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिससे जिले में आने वाले पर्यटक राष्ट्रीय उद्यान कान्हा किसली के साथ साथ अन्य पर्यटक स्थलों, धार्मिक केन्द्रों और ईको टूरिज्म की ओर आकर्षित हो सकें। इससे जिले में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और व्यवसाय के अवसर उपलब्ध होंगे। कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा गुरूवार को जिला योजना भवन में आयोजित जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की समीक्षा बैठक एवं कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री रजत सकलेचा, वन मंडलाधिकारी सुश्री अमिशा, वन मंडलाधिकारी श्री नित्यानंद एम, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री श्रेयांश कूमट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमित वर्मा, एसडीएम मंडला सुश्री सोनल सिडाम, जिला संस्कृति अधिकारी, अध्यक्ष गोंडी पब्लिक ट्रस्ट, प्रबंधक कलादीर्घा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा ने आयोजित बैठक में कहा कि जिले के नगरीय क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र और वन क्षेत्र जहां पर्यटन की संभावनाएं हैं उन स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में चिन्हित करें। उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन, कौशल एवं रोजगार सृजन के कार्य करने की कार्ययोजना पर चर्चा की गई। नर्मदा नदी के घाटों में नाव चलाने का प्रशिक्षण और इसके अतिरिक्त कुकिंग, फोटोग्राफी, ड्राईविंग, लोकनृत्य एवं लोकगीत के प्रशिक्षण पर चर्चा की गई। कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा ने कहा कि पर्यटन स्थल में जाने के लिए साधन एवं संपर्क नंबर भी अंकित किया जाए। जिससे जिले में आने वाले पर्यटकों को जिले के अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी हो सके और वे उन पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सके। कलेक्टर श्री मिश्रा ने जिले के पर्यटन स्थलों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। पर्यटन स्थलों में शौचालय, पार्किंग, दुकानें और सीसीटीव्ही कैमरा लगाने के निर्देश दिए। बैठक में होम स्टे ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा और पर्यटकों के समक्ष जिले की प्रमुख फसल कोदो कुटकी के व्यंजनों का मॉडल प्रस्तुत करने तथा पर्यटन होटल के मेन्यू में इसे शामिल करने पर चर्चा की गई। जिले के प्रमुख बांध मटियारी जलाशय, हालोन डेम एवं मझगांव डेम में वाटर स्पोर्टस प्रारंभ करने की योजना पर समीक्षा की गई। बैठक में नर्मदा लोक की संकल्पना की गई, इसके लिए वाटर बोटिंग और घाटों का सौन्दर्यीकरण पर चर्चा की गई।

आयोजित बैठक में इसी प्रकार से जिले के पर्यटन क्षेत्रों की कार्ययोजना, ईको टूरिज्म और महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन की कार्ययोजना पर समीक्षा की गई। गरमपानी के कुंड बबैहा को पर्यटन के रूप में विकसित करने तथा कलादीर्घा, अरण्यक एम्पोरियम के विकास एवं प्रबंध तथा कान्हा रेस्ट हाउस और झंकार भवन के रखरखाव एवं रेनोवेशन के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में कलाविथिका के रखरखाव एवं आय सृजन मॉडल, मटियारी एवं मझगांव जलाशय तथा गरमपानी कुंड से सहस्त्रधारा तक वाटर स्पोर्टस और नेहरू उद्यान परिसर के घाट में वाटर स्पोर्टस पर चर्चा की गई। बैठक में कोदो कुटकी एवं स्थानीय उत्पादनों के प्रमोशन डीएटीसीसी आय व्यय पर चर्चा, गोंडी पब्लिक ट्रस्ट, कला दीर्घा भवन, सहस्त्रधारा विकास एवं साहसिक गतिविधियों के विषय पर चर्चा की गई।

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