जर्जर भवन में संचालित हो रहा स्कूल, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
नौनिहाल बच्चो की जान से क्यों किया जा रहा है खिलवाड़ या कोई बड़ी घटना के बाद जागेगा जिम्मेदार
दैनिक रेवांचल टाइम्स बजाग = जिले में कई स्थानों पर जर्जर स्कूल भवनों में शालाए संचालित किए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे है इसके बाद भी भवनों की स्थिति में आवश्यक सुधार नहीं किए जा रहे है कई जगह तो भवन इतने जर्जर हो चुके है कि इनकी हालत देखकर रूह तक कांप जाए। कि आखिर ऐसे जानलेवा भवनों में बच्चो को कैसे विद्याध्यन कराया जा रहा है ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है विकासखंड के बच्छरगांव संकुल अंर्तगत खिरसारी स्थित प्राथमिक शाला का जहां पर खस्ताहाल जर्जर भवन में स्कूल संचालित किया जा रहा है भवन की हालत इतनी खराब है कि देखने में ही डर महसूस होता है भवन में चार कमरे है जिसमे दो कमरों की हालत बहुत ही दयनीय है छत की बीम से लेकर दीवारों में दरारे साफ तौर पर दिखाई दे रही है।हमेशा खतरा बना ही रहता है हालाकि बताया गया इन दो कमरों में विद्यालय का संचालन बंद कर दिया गया है इसी भवन से जुड़े दो अन्य कमरों की हालत कुछ हद तक ठीक बताई गई है जहा फिलहाल पहली से पांचवीं तक क्लास लगाई जा रही है विद्यालय में दर्ज 33 छात्र छात्राएं जान जोखिम में डालकर अपने भविष्य को संवारने में लगे हुए हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है बच्चे डर के साए में पढ़ाई करने मजबूर है ग्रामीणों ने बताया की बीते कुछ दिनों पूर्व जहा स्कूली बच्चों के लिए भोजन बनाया जाता रहा है उक्त जर्जर किचन शेड भरभराकर गिर चुका है गनीमत रही की उस समय बच्चे या खाना बनाने वाले लोग इससे दूर रहे है जर्जर अवस्था में स्कूल संचालन के संबंध में विद्यालय में पदस्थ प्रधान पाठक हरि सिंह धुर्वे बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस समस्या से विकासखंड से लेकर जिले तक के अधिकारी भलीभांति अवगत है जर्जर भवन की स्थिति जानने के बारे में सर्व शिक्षा अभियान के उपयंत्री रितूराज डेहलिया से बात करने पर उन्होंने बताया कि नवीन भवन के लिए राज शिक्षा केन्द्र भोपाल से मांग की गई है और जर्जर कमरों में स्कूल लगाने के लिए शिक्षक को मना किया गया है और कहा गया है कि सुरक्षित भवन देखकर स्कूल संचालित किया जाए।उनके द्वारा बताया गया कि जर्जर भवन के निर्माण हुए अभी करीबन पन्द्रह वर्ष हुए है और इसकी समयावधि अभी समाप्त नहीं हुई है भवन को कम से कम 25 वर्ष का समय पूर्ण हो जाने के बाद ही डिस्मेंटल किए जाने के नियम है यहां ग्रामीणों का एक बड़ा सवाल यह है की जब भवन अपनी उम्र से पहले जर्जर हो चुका है तथा खतरनाक स्थिति में हो तब वर्तमान स्थिति को भांपते हुए उसे क्यों नहीं गिराया जा सकता और उसके स्थान पर नए भवन निर्माण की कार्यवाही की जानी चाहिए।
इनका कहना है…
जर्जर भवन में स्कूल संचालित करने हेतु मना किया गया है स्कूल अगर वहां संचालित हो रहा है तो गलत है वैकल्पिक तौर पर सुरक्षित शासकीय भवन में व्यवस्था देखकर स्कूल लगाया जाएगा।
आर एस सिंदराम
डी ओ डिंडोरी