ग्रामीणों ने बसनिया बांध सर्वे को रोका
रेवांचल टाईम्स – मंडला जिले के मोहगांव विकास खंड के अन्तर्गत ग्राम ओढारी और बिलगढा के बीच नर्मदा नदी पर प्रस्तावित बसनिया बांध का सर्वे कार्य शुरू किया जाना था। इसके लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग मंडला के दर्जनों कर्मचारी सहित वरिष्ठ अधिकारी मुलचंद मरावी और एसडीओपी निवास, टीआई मोहगांव और एक बस पुलिस बल बिलगढा में मौजूद था।इधर बांध प्रभावित ओढारी, बरझर, चिमकाटोला, दरगढ, दुपट्टा, धनगांव, मुंडी आदि गांव के सैकड़ों महिला- पुरुष के साथ बिलगढा में उपस्थित हो गये थे।उपस्थित लोगों ने सर्वे करने के लिए आए अधिकारीयों को बताया जब हमें बांध परियोजना मंजूर नहीं है तो सर्वे का सवाल ही नहीं उठता है।अधिकारियों ने सर्वे हो जाने देने के लिए आग्रह किया परन्तु ग्रामीण ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।घंटों चर्चा का कोई नतीजा निकलने के बाद सभी सरकारी लोग वापस चले गए।बाद में घुघरी एसडीएम और तहसीलदार ग्रामिणों से चर्चा करने बिलगढा आए।लोगों ने शातिपूर्वक एसडीएम की बात सुना और सर्वे कराने से मना कर दिया। इस पर एसडीएम ने कहा कि जबतक आपलोगों की सहमति नहीं होगी तबतक सर्वे नहीं होगा।
वही बसनिया (ओढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष बजारी लाल सर्वटे ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का केन्द्रीय कानून 2013 को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने 2015 में नियम बनाया है। नियम की कंडिका -16 में स्पष्ट प्रावधान है कि अनुसूचित क्षेत्रों में किसी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की सहमति प्राप्त की जाएगी।इसकी पुष्टि मध्यप्रदेश पेसा नियम 2022 की कंडिका – 18(1) में किया गया है।सर्वटे ने बताया कि जब किसान अपनी जमीन सरकार नहीं देना चाहता है तो सर्वे कार्य का कोई औचित्य नहीं है।हम जल्द ही मंडला जिले के प्रभावित 18 गांवों की परियोजना के खिलाफ पारित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजेंगे।
बजारी लाल सर्वटे (9300509691)
अध्यक्ष, बसनिया (ओढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति (मंडला- डिंडोरी)