क्या भारत सरकार का सर्वे गलत है——-? ड्रोन कैमरा के सर्वे में स्पष्ट दिखाई दे रही शासकीय भूमि फिर भी अपनी भूमि बताकर कर दबंग कर रहा महिला को परेशान
रेवांचल टाईम्स – मंडला, मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में महिलाओं के साथ सही न्याय नहीं किया जा रहा है महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर सरकार हकीकत के धरातल में ध्यान नहीं दे रही है मामला मंडला जिले की तहसील नैनपुर के ग्राम पाठ। सिहोरा का है यहां पर विगत एक वर्ष से महिला को परेशान किया जा रहा है मंडला के दबंग कपिल कछवाहा और उनके साथियों ने ग्राम पाठ। सिहोरा में अनीता यादव की पक्की दुकान को अपनी जमीन में निर्मित होना बात कर तोड़ दिया है बिना शासन प्रशासन को सूचना दिए उनके द्वारा ऐसा कृत किया गया है इस संबंध में पुलिस और प्रशासन को शिकायत कई बार की जा चुकी है जनसुनवाई में लगातार आवेदन पत्र दिए गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने की वजह से महिला परेशान है बताया जा रहा है कि महिला शासकीय भूमि में ग्राम वासियों की सहमति से अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए जनरल स्टोर्स संचालित कर रही है अपना रोजगार कर रही है लेकिन कपिल कछवाहा के द्वारा कहा जा रहा है कि उसकी भूमि में अनीता यादव का कब्जा है जबकि ग्राम वासियों के अनुसार तो वह शासकीय भूमि है ग्राम पंचायत के नोटिस से यह बात प्रमाणित हो रही है भारत सरकार द्वारा स्वामित्व योजना अंतर्गत कराए गए ड्रोन कैमरा के सर्वे से भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि महिला की दुकान शासकीय भूमि में है और वहां पर शासकीय भूमि है लेकिन शासन प्रशासन द्वारा कपिल का साथ दिया जा रहा है राजस्व कार्यालय नैनपुर में एक वर्ष से मामला को उलझा कर रखा गया है पटवारी फर्जी प्रतिवेदन बना रहे हैं पूर्व पटवारी आरती द्वारा सही प्रतिवेदन नहीं बनाया गया है इसी तरह वर्तमान पटवारी जगत द्वारा भी इस तरह का प्रतिवेदन बना दिया गया है दोनों पटवारी द्वारा मौका स्थल की जांच नहीं की गई है इस बार के पंचनामा में तो दूसरे ग्रामों के नागरिकों के हस्ताक्षर हैं ग्राम वासियों की उपस्थिति में शासन प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा जांच नहीं किया जा रही है पटवारी के फर्जी प्रतिवेदन को भी सही माना जा रहा है । महिला संतुष्ट नहीं है पीड़ित महिला लगातार मांग कर रही है कि मौका स्थल की जांच की जाए और अधिकारियों और ग्राम वासियों की उपस्थिति में जांच की जाए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है नागरिकों की मांग है कि पीड़ित महिला को न्याय दिया जाए पटवारी को निलंबित करने की मांग की गई है और मौका स्थल की जांच जिला अधिकारियों से करने की मांग शासन प्रशासन से की गई है।