बसनिया डूब प्रभावितों ने राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा
रेवांचल टाईम्स – मंडला, माँ नर्मदा नदी पर बसनिया बांध प्रस्तावित है। यह बांध मंडला जिले के मोहगांव विकास खंड के ग्राम ओढारी में बनाया जाना है।जिसमें मंडला जिले का 18 गांव और डिंडोरी जिले का मरवारी, मुंडी, मटियारी, कुसेरा, बिसवानी, बालपुर, डोकरघाट, फुलवाही, पनगनिया, मरही कछार, सूरजपुरा, कुटरई कुल 13 गांव प्रभावित होने वाला है।
पूर्व में इस बांध परियोजना के विरोध में प्रभावित गांव के ग्रामिणों ने ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर जिला कलेक्टर डिंडोरी और एसडीएम शहपुरा को भी दिया है।परन्तु जिला प्रशासन द्वारा भूअर्जन के लिए प्रत्येक प्रभावित गांवों के लिए धारा – 11 की अधिसूचना जारी किया गया है तथा जिला प्रशासन द्वारा गांव की सामूहिक निस्तारी भूमि जो की बांध के कारण डूब में आने वाला है,उसके लिए भी ग्राम सभा से अनापत्ति प्रस्ताव मांगी गई है।उपरोक्त सभी मुद्दों को लेकर कल प्रभावित गांव के आधा सैकड़ा महिला- पुरूषों ने राज्यपाल के नाम एसडीएम शहपुरा को बांध निरस्त करने सबंधित ग्राम सभा का प्रस्ताव सौंपा। समाजिक कार्यकर्ता राधे श्याम काकोङिया ने संविधान में वर्णित अनुच्छेद 13(3) (क) में रूढि प्रथा एवं पारम्परिक ग्राम सभा के महत्व को रखते हुए बताया कि पांचवीं अनुसूचि की धारा 5(1) राज्यपाल को विधायिका की शक्ति प्रदान करता है और यह शक्ति संविधान के किसी भी प्रावधानों से मुक्त है।प्रावधान किया गया है कि आदिवासियों से किसी प्रकार के जमीन हस्तांतरण का नियंत्रण करना राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है।जल, जंगल और जमीन आदिवासियों की आजिविका का मुख्य साधन है।इसके खत्म होने से स्थानीय आदिवासी समुदाय का पलायन और भूखमरी बढेगा।डिंडोरी जिला पांचवीं अनुसूची में वर्गीकृत है। मध्यप्रदेश सरकार भूअर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन के लिए 3 सितंबर 2015 को नियम अधिसूचित किया है।इस नियम की कंडिका-(16) में लिखा गया है कि ” ग्राम सभा की सहमति – संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि अर्जन के सभी मामलों में सबंधित ग्राम सभा की पूर्व सहमति प्रारूप (च) में अभिप्राप्त की जाएगी। मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 की कंडिका -18 की धारा-(1) में भी इसकी पुष्टि किया गया है।
ज्ञापन देने में सरपंच सीता बाई बरकङे कुटरई,सरपंच गुलाब सिंह धुर्वे मटियारी, सरपंच पहेल सिंह भवेदी सुरजपुरा, सरपंच जान सिंह फुलवाही, सरपंच जगदीश मसराम डोकरघाट, सरपंच दूबराज मरावी कुसेरा,सरपंच ग्राम सिंह भवेदी कोसमघाट, सरपंच सेवा राम डुलहरी, समाजिक कार्यकर्ता घनश्याम मरकाम कनेरी, हीरा दास बैरागी मुंडी की विशेष उपस्थिति थी।