कब और कैसे दिया जाता है छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ्‍य? जानिए विधि और समय

16

आज 4 दिन के छठ पर्व का दूसरा दिन है. कार्तिक शुक्‍ल पंचमी के दिन खरना होता है और फिर इसके अगले दिन षष्‍ठी तिथि को छठ मैया की पूजा के साथ सूर्य देव को अर्घ्‍य दिया जाता है. ढलते हुए सूर्य या अस्‍ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद सप्‍तमी को उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है और इसके साथ ही छठ महापर्व संपन्‍न होता है. इसीलिए छठ पर्व को छठी मैया और सूर्य देव की उपासना का पर्व कहा जाता है.

इस साल 6 नवंबर 2024 यानी कि आज खरना है. इसमें व्रती महिलाएं गुड़ और चावल, रोटी का प्रसाद खाएंगी. फिर इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ होगा. छठ व्रत इसलिए बेहद कठिन माना जाता है क्‍योंकि इसमें 36 घंटे तक बिना अन्‍न-जल के रहना होता है.

छठ सूर्य अर्घ्‍य समय 2024

इस साल छठ के तीसरे दिन शाम को सूर्य अर्घ्य का मुहूर्त शाम 5:29 बजे तक है. वहीं, छठ के चौथे दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य देने का मुहूर्त सुबह 6.32 मिनट तक है. चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद ही व्रती महिलाएं निर्जला व्रत खोलती हैं और ठेकुआ का प्रसाद ग्रहण करती हैं.

कैसे दें भगवान सूर्य को अर्घ्य?

छठ पूजा पर पवित्र न‍दी, जलाशय में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है. छठ पूजा पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए लोटे में पवित्र जल लें. फिर इसमें कच्चे दूध की कुछ बूंदे, लाल चंदन, फूल, अक्षत और कुश मिलाएं. फिर सूर्य देव की ओर मुख करके सूर्य मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे अर्घ्य दें. इसके बाद सूप में फल-प्रसाद लेकर सूर्य भगवान की पूजा करें.

instagram 1
Leave A Reply

Your email address will not be published.